अगर आप कहें तो मैं एफिडेविट या रजिस्ट्री करने के लिए तैयार हूं. आज न कल राजद और जद (यू) का मर्जर होगा ही होगा. अगर विलय नहीं हुआ तो जद (यू) विलीन हो जाएगा, वह पार्टी इतिहास के पन्नों में सिमट जाएगी. उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है."
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नवंबर महीने के पहले हफ्ते में यह बयान देकर बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. बहस यह कि क्या सचमुच बिहार की ये दो बड़ी पार्टियां आपस में मिलकर एक होने जा रही हैं? अगर हां तो इसकी वजह क्या है और आने वाले दिनों में इसके नतीजे क्या हो सकते हैं?
दरअसल, इस साल अगस्त में जब से बिहार में नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है, उनकी नजदीकियां लगातार लालू परिवार से बढ़ रही हैं. वे मौके-बेमौके तेजस्वी यादव की तारीफ करते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने की बात करते हैं. हाल ही में पत्रकारों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा था, "अब तो इसे आगे बढ़ाना है. " उनका इशारा पास ही खड़े तेजस्वी यादव की तरफ था.
अगस्त से ही इस चर्चा का बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार 2023 या 2024 में तेजस्वी को बिहार की सत्ता सौंपकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए दिल्ली चले जाएंगे. सितंबर के आखिरी हफ्ते में तो राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने ठीक यही बात कही थी. इन तमाम संकेतों की वजह से लोगों को दोनों दलों के विलय की बात हैरतअंगेज नहीं लग रही. ज्यादातर राजनैतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि ऐसा मुमकिन है और अगर ऐसा होता है तो इससे दोनों दलों का फायदा होगा.
जनता दल के पुनर्गठन की थी योजना
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.