वाशिंग पाउडर निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा. पूरी तस्वीर उभर आई न दिमाग में. लेकिन इस डिटर्जेंट पाउडर का जन्म कैसे हुआ, इसका किस्सा तो इसके निर्माता करसन भाई पटेल ही सुनाएंगे. यह 1973 की बात है. पिछले चार साल से वे साइकल पर घूमघूमकर इसे बेच रहे थे. अहमदाबाद में एक दुकान पर उनकी मुलाकात मार्केटिंग की दुनिया के बादशाह शुनु सेन से हुई. सेन ने उनसे पूछा, उन्हें क्या लगता है, वे कितने पाउडर का उत्पादन कर पाएंगे? करसनभाई के इस जवाब ने उन्हें हैरान कर दिया. उनका जवाब था: “मैं पूरी दुनिया में सबसे अधिक डिटर्जेंट पाउडर का उत्पादन करूंगा. "उस घटना के दो दशक बाद निरमा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी डिटर्जेंट पाउडर उत्पादक कंपनी बन गई.
पटेल जब 10 साल के थे तो उनका सपना सेना में जाकर देश की सेवा करने का था. पाटण जिले के एक किसान परिवार में पैदा हुए इस बालक को लगता था कि इससे रोजी-रोटी भी चलेगी और परिवार का आर्थिक बोझ भी कम होगा. लेकिन 18 साल की उम्र में वे बीएससी केमिस्ट्री पढ़ने अहमदाबाद आ गए. यहां से उनकी जिंदगी का ट्रैक बदला. कॉलेज के बाद उन्होंने न्यू कॉटन मिल्स नाम की कंपनी में लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्हें गुजरात के एक सरकारी महकमे में नौकरी मिल गई.
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
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नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
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पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"