कहते हैं विष्णु के तीसरे अवतार बराह (वराह) ने पृथ्वी को सागर की लहरों से निकाला और अपने कंधे पर रख लिया था. इस कोशिश में उन पर इतना ताप चढ़ गया कि वे बेचैन हो गए. फिर उन्हें ठंडक कोसी और कोका नदी के संगम पर इसी जगह आकर मिली. यह हिंदुओं का बहुत फेमस मंदिर है. यहां दूर-दूर से बहुत लोग आते हैं. आपके इंडिया से भी आते हैं. नेपाल के बराहक्षेत्र मंदिर के पास प्रसाद बेचने और रूद्राक्ष से तरह-तरह की कलाकृतियां बनाने वाले नरबहादुर राई बड़े उत्साह से यह सब सुनाते हैं. मगर अगले ही पल उन्हें उदासी घेर लेती है. वे कहते हैं, "लेकिन अब यहां कोसी पर हाइ डैम बन जाएगा. डैम बनने से अच्छा होगा कि नहीं, यह तो नहीं मालूम, लेकिन हमारा गांव डूब जाएगा. हमारी चार बीघा जमीन डूब जाएगी. अब जो हो. आप लोगों को बाढ़ से मुक्ति मिल जाए तो अच्छा ही है. बस हमको हमारे घर और जमीन के बदले सरकार कुछ दे दे. हमारा यही डिमांड है."
नेपाली नागरिक नरबहादुर राई की यह बात सहज ही दिल को छू जाती है. अपनी तेज गति, भारी मात्रा में लाई गई गाद, भीषण बाढ़ और बार-बार रास्ता बदलने की प्रवृत्ति से सदियों से उत्तर-पूर्वी बिहार के इलाके के लोगों को चौंकाने और परेशान करने के लिए बदनाम कोसी नदी को काबू में करने से लिए कई दशकों से यह माना जाता है कि नेपाल के बराहक्षेत्र के पास एक ऊंचा बांध (हाइ डैम) बनाया जाना जरूरी है. मगर इस परियोजना का दूसरा सच यह भी है कि मौजूदा आकलन के हिसाब से इससे तकरीबन 190 वर्ग किमी भूमि के जलमग्न होने की संभावना है और इसकी वजह से 75 हजार से अधिक नेपाली लोगों को विस्थापित होना है.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.