ऐसे समय जब भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत बजट परिव्यय दोगुना हो चुका है और दूरसंचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अन्य क्षेत्र भी तेजी से आगे बढ़ते हुए भारत की विकास गाथा को नए आयाम दे रहे हैं, केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव अपने अधीन विभागों की उपलब्धियां गिनाने के साथ बता रहे हैं कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं.
ट्रैक का विस्तार
हमारी अर्थव्यवस्था करीब छह से आठ फीसद की दर से बढ़ रही है. मतलब, लॉजिस्टिक्स की मांग इससे भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. कल्पना कीजिए कि हम केवल सड़कों पर निर्भर रहे, तो कितना अधिक प्रदूषण होगा और कितने अधिक तेल की जरूरत पड़ेगी इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी बहुत सोच-समझकर बनाई गई रणनीति के आधार पर काम कर रहे हैं. पिछले साढ़े नौ वर्षों के दौरान 40,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है. अब फोकस रेल पटरियों के विस्तार पर है. हमने इस अवधि में लगभग 25,000 किमी ट्रैक बिछाए हैं. पिछले साल ही हमने करीब 5,200 किमी ट्रैक बिछाए.
माल ढुलाई पर भी ध्यान
हमारा लक्ष्य 2030 तक 35 फीसद का है. और इसके साथ, तेल आयात पर हमारी निर्भरता काफी ज्यादा घटनी चाहिए और इसके आगे, 2030 से 2047 तक हमें करीब 55 फीसद माल ढुलाई रेलवे के जरिए करनी है.
बुलेट ट्रेन ने पकड़ी रफ्तार!
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