दोधारी तलवार
India Today Hindi|January 17, 2024
एआइ सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण बढ़त दे सकता है लेकिन पूर्ण रूप से ऑटोनॉमस हथियार गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि एआइ का इस्तेमाल नैतिकता को ध्यान में रखकर जिम्मेदारी से हो
जनरल (डॉ.) एम. एम. नरवणे (रिटायर्ड)
दोधारी तलवार

जून 2023 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भविष्य एआइ है- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अमेरिका इंडिया. अक्तूबर 2023 में नई दिल्ली में हुई यूएसआइएसपीएफ (यूएस-इंडिया स्ट्रैटिजक पार्टनरशिप फोरम) की बैठक में चेयरमैन एमेरिटस जॉन चैंबर्स और सीईओ डॉ. मुकेश आघी दोनों ने ही भारत-अमेरिकी रिश्तों में एआइ की अहमियत पर जोर दिया. सरकारी हलकों से लेकर बोर्डरूमों तक एआइ की गूंज सारी दुनिया में है. हमारी जिंदगी के हरेक पहलू में दाखिल होकर यह 21वीं सदी के लिए वही होने जा रहा है जो सिलिकन चिप्स पिछली सदी के लिए थीं.

रक्षा क्षेत्र में एआइ काफी समय से चर्चा का विषय रहा है. इसमें युद्ध के तौर-तरीकों को जबरदस्त ढंग से बदल देने की क्षमता है- प्रशिक्षण और निगरानी से लेकर लॉजिस्टिक्स, साइबर सुरक्षा, यूएवी, लीथल ऑटोनोमस वेपन सिस्टम (एलएडब्ल्यूएस) या घातक स्वायत्त शस्त्र प्रणाली सरीखे उन्नत सैन्य हथियारों, स्वायत्त लड़ाकू वाहनों और रोबोट तक. एआइ की शक्ति से संचालित सैन्य उपकरण विशाल मात्रा में डेटा को संभाल सकते हैं जिससे सशस्त्र बलों के लिए फैसले लेना कहीं ज्यादा आसान हो सकता है.

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