कुछ कह रहे हैं ये इशारे
India Today Hindi|September 04, 2024
मोदी सरकार के लिए अर्थव्यवस्था लगातार चिंता का सबब बनी हुई है. एक तो रोजगार कम, आमदनी भी अल्प और ऊंची कीमतें. इन सबने मिलकर उसकी वह चमक फीकी कर दी है जिसकी झलक चौंकाने वाली वृद्धि दर में दिखाई दी थी
एम. जी. अरुण
कुछ कह रहे हैं ये इशारे

अप्रैल-जून की अवधि के दौरान हुए लोकसभा चुनाव में आर्थिक मुद्दे - रोजगार का अभाव, वस्तु और सेवाओं की ऊंची कीमतें और अमीरों-गरीबों के बीच बढ़ती खाई के साथ-साथ अन्य मसले मुख्य रूप से छाए रहे और इन्होंने नतीजों को खासा प्रभावित किया. सभी राज्यों में इन मसलों पर मतदाताओं की व्यापक चिंता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महंगी पड़ी और लोकसभा चुनाव में उसकी सीटें घटकर 240 रह गईं जो पार्टी की 370 की उम्मीदों से काफी कम हैं.

लिहाजा, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि मौजूदा इंडिया टुडे देश का मिज़ाज (एमओटीएन) सर्वेक्षण में केवल 20 फीसद उत्तरदाताओं ने ही अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए एनडीए सरकार को 'उत्कृष्ट' बताया. यह फरवरी में हुए सर्वेक्षण अच्छी खासी गिरावट है जिसमें 32.4 फीसद ने यह रेटिंग दी थी. इतना ही नहीं, मौजूदा सर्वेक्षण में उच्च शिक्षित उत्तरदाताओं ने सरकार के आर्थिक प्रदर्शन को 'बहुत खराब' के रूप में बताया है.

वृद्धि का दर्द

विडंबना यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन को लेकर जन धारणा बदल गई है, वह भी तब जब अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 24 में 8.2 फीसद की चौंकाने वाली उच्च वृद्धि दर हासिल की. अर्थव्यवस्था न केवल कोविड- 19 महामारी से उबर चुकी है, बल्कि पूंजी खर्च में सरकार के लगातार निवेश और खुदरा क्षेत्र में भारी उछाल से वृद्धि दर के इस वित्त वर्ष और अगले साल करीब 7 फीसद पर बरकरार रहने की संभावना जताई गई है. मगर, ये मुख्य आंकड़े हैं और जमीनी धारणाओं से एकदम विपरीत हैं. देश का मिज़ाज सर्वेक्षण में जो लोग यह मानते हैं कि अर्थव्यवस्था सुस्त बनी रहेगी या और खराब होगी, उनका कुल आंकड़ा अच्छा-खासा 50.6 फीसद है. असल में, यह निराशा निराधार नहीं है क्योंकि अभी जारी दो युद्धों और विकसित देशों की मंद पड़ती अर्थव्यवस्थाओं सरीखी चुनौतियों की वजह से ऊंची वृद्धि को बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है.

सिर्फ 38 फीसद उत्तरदाता इस पर आश्वस्त हैं कि अर्थव्यवस्था में अगले छह माह में सुधार होगा. इतना ही नहीं, महज 33 फीसद कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उनका आर्थिक स्तर सुधरा है जबकि बहुमत (64 फीसद से अधिक) के लिए यह या तो उतना ही रहा है या खराब हुआ है.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView all
शोख सनसनी दिल्ली की
India Today Hindi

शोख सनसनी दिल्ली की

आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं

time-read
1 min  |
December 04, 2024
पाइ पटेल की भारत यात्रा
India Today Hindi

पाइ पटेल की भारत यात्रा

यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक

time-read
2 mins  |
December 04, 2024
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
India Today Hindi

कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की

धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि

time-read
3 mins  |
December 04, 2024
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
India Today Hindi

हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी

फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार

time-read
7 mins  |
December 04, 2024
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
India Today Hindi

रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते

पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.

time-read
8 mins  |
December 04, 2024
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
India Today Hindi

विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश

अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं

time-read
6 mins  |
December 04, 2024
अब शासन का माझी मंत्र
India Today Hindi

अब शासन का माझी मंत्र

मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे

time-read
6 mins  |
December 04, 2024
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
India Today Hindi

होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग

अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे

time-read
4 mins  |
December 04, 2024
कुछ न कर पाने की कसक
India Today Hindi

कुछ न कर पाने की कसक

कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.

time-read
2 mins  |
December 04, 2024
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
India Today Hindi

पुलिस तक पर्याप्त नहीं

गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.

time-read
3 mins  |
December 04, 2024