आप सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को किस तरह देखते हैं?
हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के आशीर्वाद से 11 दिसम्बर, 2022 को कांग्रेस सरकार बनी और मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मुझे सरकार का नेतृत्व करने का अवसर मिला। दो वर्ष से भी कम के कार्यकाल में हमने राजनीतिक, आर्थिक और आपदा के मोर्चों पर तीन-तीन चुनौतियों का सामना किया। विपक्ष ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए कई साजिशें रची और धनबल से सरकार गिराने का प्रयास किया। लेकिन प्रदेश ने कांग्रेस सरकार की नीतियों पर मुहर लगाई और विधानसभा में हमारी संख्या फिर 40 हो गई है।
इस दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। दूध की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। हम प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाले गेहूं की खरीद 40 रुपए और मक्की 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं। हमने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। हम ई-व्हीकल्स को बढ़ावा दे रहे हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के पूरे बेड़े को हम चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में परिवर्तित कर रहे हैं। निगम को इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए 517 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाया जाए। हमारी सरकार ने प्रदेश के 6,000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। हम विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठा रहे हैं। विधवाओं और अकेली महिलाएं को घर बनाने के लिए राज्य सरकार तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर राजनीतिक गलियारों और मीडिया में कई तरह की बातें उठती हैं। आप इस बारे में क्या कहेंगे?
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