आपने अपनी पिछली फिल्मों में शांति और अमन कायम जैसे विषयों पर काम किया जैसे कि ‘द लास्ट मॉन्क’। आखिर इस विषय का चयन आपने कैसे किया?
मेरी फिल्में हमेशा से ही वास्तविकता के करीब होती हैं। मेरी पिछली दो फिल्में जो जल्द ही रिलीज होने वाली हैं वे वास्तविक घटनाओं पर आधारित हैं। मैंने कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में की हैं। केरल में धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर मैंने जो डॉक्यूमेंट्री बनाई थी उसे लंदन इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला था। इस फीचर फिल्म को उसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म से अपना आधार मिला था। मेरे पास फिल्म करने की दो खास वजहें मिल गईं थीं। इनमें से एक दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन की प्रेस कॉन्फ्रेंस (2010 में हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केरल को 2020 तक इस्लामिक राज्य बनाने की कथित योजनाओं की बात की थी) और प्रोफेसर टी जे जोसेफ (जिनका हाथ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने काट दिया था) के साथ हुए घटनाक्रम थे।
पश्चिम बंगाल ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया, तमिलनाडु में यह फिल्म दिखाई नहीं जा रही है और आपको केरल में भी भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यह फिल्म एक विशेष धर्म के खिलाफ है ऐसे आरोपों पर आपकी क्या राय है?
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