डिजिटल इंडिया कानून में प्रस्तावित उपाय
- कम उम्र के लोगों को उन प्रौद्योगिकियों से बचाना जिसकी उन्हें लत लग सकती है
- पारदर्शिता और प्लेटफॉर्म के समयबद्ध जोखिम मूल्यांकन का प्रस्ताव
- सामग्री से कमाई और राजस्व साझेदारी के नियम
- सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को अपने विवेक से हटाने के नियम
केंद्र सरकार जून के पहले हफ्ते में डिजिटल इंडिया कानून का पहला मसौदा जारी करेगी। आईटी अधिनियम, 2000 की जगह लेने वाला यह प्रस्तावित कानून आधुनिक युग के इंटरनेट और कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया कानून के व्यापक सिद्धांतों पर उद्योग के हितधारकों, बड़ी तकनीकी फर्मों, स्टार्टअप, उद्योग संगठनों और विधि विशेषज्ञों के साथ आज दूसरे दौर का परामर्श किया। इस विधेयक का उद्देश्य इंटरनेट मध्यस्थों की परिभाषा तथा वर्गीकरण और उनके लिए सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों की आवश्यकता की समीक्षा करना है।
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