पिछले कुछ महीनों के दौरान बाजार का प्रदर्शन कैसा रहा?
जुलाई 2021 से, एनएसई का निफ्टी मुद्रास्फीति में तेजी और उसकी वजह से भारत तथा दुनियाभर में दर वृद्धि के बाद भी 16,000 और 18,000 के बीच सीमित रहा। बाद में, निफ्टी को कई वैश्विक इक्विटी बाजारों में तेजी की मदद से 18,000 से ऊपर पहुंचने में मदद मिली। विदेशी प्रवाह भी सकारात्मक हो गया है। पिछले 12 महीने के आधार पर, भारतीय इक्विटी बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) प्रवाह दिसंबर 2021 के बाद से पहली बार सकारात्मक रहा है। तिमाही परिणाम सीजन ने न तो निराश किया है और न ही वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी के लिए आय अनुमानों में ज्यादा 'डाउनग्रेड' देखने को मिला है। अमेरिका में ऋण सीमा से संबधित अनिश्चितता, कमजोर मॉनसून और उपभोक्ता खर्च में सुस्ती से जुड़ी चिंताओं के बीच हम भारतीय इक्विटी बाजार पर आशान्वित बने हुए हैं।
वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
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केपी सिंह ने डीएलएफ को चुना
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'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
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मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
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ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।