भारत और अमेरिका ने ‘दुनिया में सबसे घनिष्ठ साझेदार बनने’ के लिए अहम वैश्विक साझेदारी का ऐलान किया है। इसमें तकनीक साझा करने और साथ मिलकर उत्पादन करने के इरादे से द्विपक्षीय तकनीकी साझेदारी का विस्तार करना, अक्षय ऊर्जा के लिए रकम मुहैया कराने का अनूठा प्लेटफॉर्म तैयार करना और अंतरिक्ष के क्षेत्र में औद्योगिक गठजोड़ करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच तय समय से काफी देर तक चली द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों ने आज तड़के संयुक्त बयान जारी किया। बयान में जोर देकर कहा गया है कि दोनों राष्ट्रों के बीच साझेदारी में मानवीय उद्यम का कोई भी पहलू अछूता नहीं छोड़ा गया है।
बयान में कहा गया कि समुद्र से लेकर सितारों तक फैली यह साझेदारी अब तकनीक की अहम भूमिका के जरिये और भी गहरी हो जाएगी। दोनों देशों ने साथ में विकास और साथ में उत्पादन सुनिश्चित करते हुए तकनीक की अधिक व्यापक साझेदारी की भारत की मांग पर सहमति जताई। बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिका से भारत को HPC तकनीक तथा सोर्स कोड के निर्यात में आने वाली बाधाएं कम करने के लिए अमेरिकी संसद के साथ मिलकर काम करने का अपनी सरकार का संकल्प भी दोहराया।’ बयान में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड वायरलेस और क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर नई व्यवस्था लागू करने की भी घोषणा की।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
केपी सिंह ने डीएलएफ को चुना
डीएलएफ अध्यक्ष केपी सिंह ने अपनी पुस्तक विमोचन पर बयां किए आम और कारोबारी जीवन से जुड़े किस्से
'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
दिल्ली में कार्यालयों का समय बदला
दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी में सूचकांक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में शुक्रवार को कमी आई और अब यह गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में आ गया है।
मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
कुछ साल से नाइजीरियाई क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है भारत, ओवीएल की नजर गुयाना के अपतटीय ब्लॉकों पर
कम करें स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टर फंड में निवेश
कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।