देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से जान-माल को नुकसान होने के साथ ही देश में कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से देश के उत्तरी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
इस बीच भारी बारिश के बीच दिल्ली में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी सब्जियों के दाम में भारी इजाफा हुआ है। कारोबारियों का कहना है कि बारिश थमने से पहले कीमतों में कमी आने की बिल्कुल उम्मीद नहीं है क्योंकि सड़कें बंद हैं और खेत-खलिहानों और मैदान पानी से लबालब हैं। आजादपुर एपीएमसी के पूर्व सदस्य एवं सब्जी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनिल मल्होत्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में खेतों में लगी सब्जियां डूब गई हैं। इससे बाजार में आपूर्ति कम हो गई है जिससे दाम काफी बढ़ गए हैं। सोनीपत, पानीपत जैसे इलाकों से भी सब्जियां बाजार में नहीं आ रही हैं। कई जगह ट्रक चालक आसपास के इलाकों में ही सब्जियां उतार कर बेच रहे हैं।
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'स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासियों के योगदान की अनदेखी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को कमतर आंकने का प्रयास किया, ताकि 'केवल एक पार्टी और एक परिवार को श्रेय मिल सके।'
दिल्ली में कार्यालयों का समय बदला
दिल्ली वालों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी में सूचकांक वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में शुक्रवार को कमी आई और अब यह गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में आ गया है।
मोदी की यात्रा के एजेंडे में तेल कारोबार
कुछ साल से नाइजीरियाई क्रूड का सबसे बड़ा खरीदार रहा है भारत, ओवीएल की नजर गुयाना के अपतटीय ब्लॉकों पर
कम करें स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टर फंड में निवेश
कोविड के बाद बाजार में उतरने वाले नए निवेशकों को सावधानी बरतने और जल्दबाजी में फैसले लेने से बचने की जरूरत है
ऋण निपटान की आसानी बढ़ाएगी आपके क्रेडिट स्कोर की परेशानी
जो लोग ऋण भुगतान में चूक गए हैं अथवा चूक सकते हैं वे घबराने की बजाय यह समझें कि स्थिति से कैसे निपटें सकते हैं
देश की अर्थव्यवस्था के उत्पादन में कृषि की घटती हिस्सेदारी
गरीबी खत्म करने और लोगों की आय बढ़ाने का रास्ता लाभकारी रोजगार के जरिये ही है। मगर प्रौद्योगिकी में आए नवाचार ने उद्योग और सेवा क्षेत्रों में मानव श्रम की तैनाती को नुकसान पहुंचाया है
खरीफ में कैसी रहेगी महंगाई
आने वाले महीनों में महंगाई कैसी रहेगी इसके लिए अब सभी की नजरें खरीफ फसल पर हैं
जलाशशगयों में पर्याप्त जल
जैसे ही आगामी हफ्तों में गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों की बोआई में तेजी आएगी इन सबके बीच सबसे बड़ी चिंता जलाशयों में जलस्तर होगा। खासकर जिनके पास सिंचाई क्षमता होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण चक्र के जाल से मिले मुक्ति
भारत के एफएमसीजी क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के हिसाब से 5.7 प्रतिशत और कारोबार के हिसाब से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो ग्रामीण क्षेत्रों की मांग की बदौलत संभव हुआ है।
सहकारी संघवाद की भ्रामक अवधारणा
भारत सहकारी संघवाद की कामना तो करता है लेकिन इस दिशा में प्रयास करने पर अक्सर प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। बता रहे हैं एम गोविंद राव