सर्वत्र श्रीराम की महिमा गूंजने लगी है। उनकी जन्म स्थली अयोध्या में सदियों बाद भव्य श्रीराम मन्दिर बनने जा रहा है। उधर उनके ससुराल नेपाल में भी उनकी मान बढ़ चली है। नेपाल से अयोध्या में बननेवाली श्रीराम मन्दिर के गर्भगृह में स्थापित होनेवाली प्रतिमाओं के निर्माण के लिए पत्थर की शिलाएं भेजी गई हैं। माता जानकी के जन्म स्थली। बिहार के सीतामढ़ी में सीता की विश्व में सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापित किये जाने की खबर है। रामायण रिर्सच काउंसिल नामक संस्था के सहयोग से ४०० करोड़ रूपये के इस प्रोजेक्ट से लगभग १० एकड़ जमीन में २५१ मीटर ऊँची मूर्ति की परिधि में माता सीता के बाल्यकाल से लेकर स्वयंवर सहित सभी महत्त्वपूर्ण जीवनवृत्तों को १०८ मूर्तियों के सहारे सजाने की कोशिश की जाएगी। और अब तो खबर यह है कि अयोध्या से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण में रावण के देश श्रीलंका में भी भगवान श्रीराम की महिमा का विशेष गुणगान किये जाने की व्यवस्था की जा रही है। वहाँ श्रीराम और माता सीता से सम्बन्धित स्थलों को विकसित कर रामायण सर्किट बनाने की बात की जा रही है।
श्रीलंका में बनने जा रही रामायण सर्किट के दर्शन हेतु भारतीय श्रद्धालुओं को विशेष सहूलियत देने के लिए वहाँ भारतीय करेंसी अर्थात भारतीय रुपया भी चलेगा।
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष