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टमाटर का सेवन और स्वास्थ्य लाभ
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टमाटर का सेवन और स्वास्थ्य लाभ

परिचय : टमाटर विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली सब्जी है। इसका वानस्पतिक नाम लाइकोपर्सिकन एस्कुलेंटम मिल है और वर्तमान समय में इसे सोलनम लाइकोपर्सिकम कहते हैं। टमाटर जितना देखने में अच्छा लगता है, उतना ही वह खाने में स्वादिष्ट भी है और स्वास्थ्यवर्धक भी।

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15th October 2021
भारतीय कृषि का गिरता स्तर एवं सुधार के प्रयास
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भारतीय कृषि का गिरता स्तर एवं सुधार के प्रयास

भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा इसके इतिहास में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। पुरातन काल से ही कृषि का भारतवासियों के जीवन में एक विशेष महत्व रहा है।

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15th October 2021
फूलगोभी की वैज्ञानिक खेती
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फूलगोभी की वैज्ञानिक खेती

सब्जियों में फूलगोभी का विशिष्ट स्थान है।

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15th October 2021
सहकारिता की शक्ति एवं कृषि विकास
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सहकारिता की शक्ति एवं कृषि विकास

कृषि व्यवसाय को अब एक व्यापारिक इकाई के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें बिजाई, उत्पादन से लेकर मंडीकरण तक का सफर संगठित हो रहा है। ऐसे में किसानों की आपसी सांझ ही कृषि आमदनी बढ़ा सकती है जैसे कि पहले लेख में कहा गया है कि हमें आपसी भाईचारे की साझ की शक्ति को पहचानना पड़ेगा। संगठित होकर संयुक्त व्यापारिक ढांचे पैदा करने पड़ेंगे।

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15th October 2021
धान की कटाई और भंडारण कैसे करें?
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धान की कटाई और भंडारण कैसे करें?

देश की एक बड़ी आबादी का मुख्य खाना चावल ही है, लिहाजा चावल की जरूरत हमेशा होती है। इसीलिए धान के भंडारण की और भी अहमियत बढ़ जाती है, ताकि वह लंबे अरसे तक महफूज रह सके।

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1st October 2021
तेल बीजों की आत्मनिर्भरता के लिए सरसों की खेती
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तेल बीजों की आत्मनिर्भरता के लिए सरसों की खेती

गेहूँ के मुकाबले सरसों एवं दालों की खेती पर खर्च भी कम आता है और दालें हवा बीच की नाईट्रोजन भी मिट्टी में फिक्स करती हैं। इसके साथ ही सरसों का तेल निकलवा कर एवं दालों की सफाई/दलायी करवा कर भी अधिक आमदनी प्रात की जा सकती है जो आमदनी के इस मामूली अंतर को पूरा कर सकती है।

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1st October 2021
ड्रिप (टपक) सिंचाई द्वारा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग
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ड्रिप (टपक) सिंचाई द्वारा रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग

ड्रिप (टपक) या बूंद-बूंद सिंचाई, सिंचाई की एक ऐसी विधि है जिसमें पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में, कम अन्तराल पर सीधा पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। टपक सिंचाई के बढ़ते उपयोग के साथ यह जानना जरूरी हो जाता है कि कौन-कौन से रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किस प्रकार इस विधि द्वारा किया जाना चाहिए।

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1st October 2021
टमाटर फसल के मुख्य कीट समस्या तथा समाधान
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टमाटर फसल के मुख्य कीट समस्या तथा समाधान

किसान भाईयों से निवेदन है कि सब्जियों में कीट प्रबन्धन के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही कीटनाशकों का प्रयोग करें। टमाटर में मुख्य रूप से निम्न कीटों का आक्रमण होता है।

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1st October 2021
आलू उगायें भरपूर लाभ कमायें
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आलू उगायें भरपूर लाभ कमायें

खुदाई उपरान्त छिलका मजबूत करने हेतु आलूओं को छायादार स्थान पर रखें। कटे-फटे, खराब तथा सड़ेगले आलूओं को आकार के अनुसार अलग-अलग वर्गों में छांट कर बोरियों में भर लें। उचित समय पर जब बाजार भाव ज्यादा मिले आलू को बेचकर भरपूर लाभ कमायें।

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1st October 2021
समन्वित कृषि अपशिष्ट प्रबंधन
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समन्वित कृषि अपशिष्ट प्रबंधन

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी अधिकतर जनसँख्या गाँवों में निवास करती है। यहाँ पर अनेक प्रकार के खाद्यान्नों का उत्पादन होता है। वास्तव में खाद्य पदार्थों का सीधा सम्बन्ध जनसँख्या पर होता है।

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1st October 2021
दुधारू पशुओं में ब्रुसीलोसिस-एक चिंताजनक रोग
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दुधारू पशुओं में ब्रुसीलोसिस-एक चिंताजनक रोग

ब्रुसीलोसिस बीमारी को मनुष्यों में माल्टा फीवर/अनडूलैंट फीवर या बैंग बीमारी के नाम से जाना जाता है। कुछ जगह इस बीमारी को साईप्रस फीवर या रोक फीवर भी कहा जाता है। मनुष्य में यह बीमारी मुंह के द्वारा, सांस के द्वारा तथा बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से होती है। इसलिए पशुपालक तथा वेटनरी स्टाफ इस बीमारी के लिए संवेदनशील है, क्योंकि वह सीधे रूप से पशुओं के संपर्क में रहते हैं।

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15th September 2021
दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग
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दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग

जैव उर्वरक क्या होते हैं जैव उर्वरक मुख्य रूप से एक जीवित सूक्ष्म जीवों का कृत्रिम कल्चर होता हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के लाभदायक सूक्ष्म जीव होते है जोकि वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन को स्थिरीकरण करने में, अघुलनशील फास्फोर्स को घुलनशील, स्थिर फास्फोर्स को मृदा में गतिशील बनाने में, मृदा की उर्वरता को बढ़ाने के साथ-2 मृदा की जैविक क्रियाओं और मृदा में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि करने के लिये महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।

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15th September 2021
खरपतवार नियंत्रण कर पैदावार बढ़ायें
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खरपतवार नियंत्रण कर पैदावार बढ़ायें

खरपतवार नियंत्रण मुख्य रूप से निकाई-गुड़ाई एवं खरपतवारनाशक दवाओं के प्रयोग से किया जाता है। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिये खरपतवारनाशी रसायनों के प्रयोग में कम समय व कम श्रमिक लगते हैं और उनका प्रयोग भी आसान है। विभिन्न प्रकार के खरपतवारनाशियों द्वारा खरपतवारों को नष्ट करने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है।

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15th September 2021
उचित स्प्रे टैक्नॉलोजी की आवश्यकता
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उचित स्प्रे टैक्नॉलोजी की आवश्यकता

किसान फसलों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए अधिक से अधिक स्प्रे कर रहे हैं। परन्तु कीट व रोगों पर फिर भी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो रहा बल्कि स्प्रों की संख्या बढ़ने से उनकी लागतों में वृद्धि अवश्य हो रही है।

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15th September 2021
आलू कीट और रोग प्रबंधन
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आलू कीट और रोग प्रबंधन

आलू सब्जियों की फसलों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सब्जियों के अतिरिक्त आलू से निर्मित विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ जैसे चिप्स, पापड़, नमकीन इत्यादि अत्यंत लोकप्रिय हैं।

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15th September 2021
भूमि सुपोषण महत्व व उपयोगी घटक
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भूमि सुपोषण महत्व व उपयोगी घटक

प्रस्तावना : भूमि, कृषि का मूल आधार स्तंभ है जिसके बिना खेती की परिकल्पना नहीं की सकती है। बदलते समय के साथ हमारे देश की भूमि की गुणवत्ता में कमी आई है, जोकि एक चिंता का विषय है।

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15th September 2021
जैविक सब्जी उत्पादन : आज की आवश्यकता
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जैविक सब्जी उत्पादन : आज की आवश्यकता

आज के दौर में उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ रही है अत: जैविक (कार्बनिक) गुणवत्ता वाले उत्पादों की मांग हो रही है।

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1st September 2021
जलवायु परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव
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जलवायु परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव

जलवायु परिवर्तन ने हमारे देश को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है जिसकी अनेकों चिन्ताजनक स्थितियां हैं जैसे अनियमित मानसून, कृषिमण्डल का पलायन, महामारी जैसे रोगों में वृद्धि, समुद्र तल का ऊपर उठना, स्वच्छ जल उपलब्धता में बदलाव, सूखा, गर्म हवायें, ओला, तूफान, बाढ़ इत्यादि।

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1st September 2021
खरपतवारनाशी क्या है तथा उनके प्रयोग करते समय सावधानियां
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खरपतवारनाशी क्या है तथा उनके प्रयोग करते समय सावधानियां

खरपतवार खेती के लिए हानिकारक होती है। फसल के साथ बढ़ती है और मृदा की उर्वरकता को कम करती है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए खरपतवारनाशी का उपयोग किया जाता है। जिस प्रकार कीट को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।

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1st September 2021
केंचुआ खाद एक लाभकारी व्यवसाय
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केंचुआ खाद एक लाभकारी व्यवसाय

बरसात के दिनों में केंचुआ खाद ऊँचे स्थान पर बनानी चाहिए व जल के निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, निचले स्थान पर पानी भरने से केंचुएं दूर चले जाते है व खाद बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

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1st September 2021
मौजूदा कृषि संकट से कैसे निकला जाए?
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मौजूदा कृषि संकट से कैसे निकला जाए?

फसलों एवं सब्जियों के उत्पादन के लिए एवं फूलों व सब्जियों के बीज उत्पादन के लिए हमारे पास अनुकूल प्राकृतिक पर्यावरण है, हमें विकसित देशों की तरह फसल को ग्रीन हाऊस, पॉलीहाऊस एवं तुपका सिंचाई की सुविधा देने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह हम खेती में प्रयास एवं लागतें कम करके अच्छी क्वालिटी की कृषि फसलों की पैदावार कर सकते हैं।

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1st September 2021
पोषक तत्व से भरपूर हैं सब्जियां
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पोषक तत्व से भरपूर हैं सब्जियां

यदि आप शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके आहार में प्रोटीन युक्त सब्जियां हों। जब आप अपने भोजन में सही सब्जियां लेंगे, तो आपको पर्याप्त मात्रा में एमिनो एसिड मिलेगा जो स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।

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15th August 2021
धान की फसल में समेकित खरपतवार प्रबंधन
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धान की फसल में समेकित खरपतवार प्रबंधन

धान के पौधों और मुख्य खरपतवार जैसे जंगली धान तथा संवा के पौधों में पुष्यावस्था के पहले काफी समानता पायी जाती है, इसलिये पहले साधारण किसान निराई-गुड़ाई के समय आसानी से इनको पहचान नहीं पाता है।

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15th August 2021
खेती के अवशेष जलाने की बजाए ऑर्गेनिक खाद बनाएं
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खेती के अवशेष जलाने की बजाए ऑर्गेनिक खाद बनाएं

खेत में पड़े गेहूं के अवशेषों को जलाने के बजाए उनको ऑर्गेनिक खाद के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए। इससे न केवल वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है बल्कि पैसे की भी बचत होगी। बाजार में उपलब्ध डीएपी व यूरिया की तुलना में लागत भी काफी कम आती है।

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15th August 2021
खीरे की उन्नत खेती
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खीरे की उन्नत खेती

खीरा गर्म मौसम की फसल है। खीरे का उत्पत्ति स्थान इंडिया हैं तथा कद्दू वर्गीय सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।

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15th August 2021
आत्मा स्कीम एवं कृषि विकास
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आत्मा स्कीम एवं कृषि विकास

आत्मा स्कीम नीचे से ऊपर की ओर पहुँच के सिद्धांत पर बनाई गई है जिससे भारत की कृषि, मौसम, रहन-सहन एवं सभ्याचार की विभिन्नता को मद्देनजर रखते हुए किसान हितैषी खोजें की जा सकें और इसी आधार पर सरकारी स्कीमें एवं नीतियां बनाई जा सकें।

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15th August 2021
कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.)
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कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.)

लघु, सीमांत और भूमिहीन किसान इसके शेयर धारक होते हैं जिसका उद्देश्य कृषि से संबंधित समस्याओं के लिए समाधान प्रदान करना एवं उनके उत्थान के लिए अग्रसर रहना है। इससे उपलब्ध सीमित संसाधनों के उपयोग से उत्पादन में वृद्धि कर कृषकों की आय एवं लाभ में वृद्धि करना है। किसान उत्पादक संगठन का प्रमुख उद्देश्य अपने सदस्यों की प्राथमिक उत्पाद को क्रय, विक्रय, एकत्रित करना, श्रेणीकरण करना, विपणन करना व निर्यात करना।

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15th August 2021
मृदा सुधारक के रूप में प्रेसमड का कृषि में महत्व
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मृदा सुधारक के रूप में प्रेसमड का कृषि में महत्व

परिचय : भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी आधी आबादी गाँवों में रहती है एवं अपने जीवन यापन के लिए कृषि एवं उससे सम्बंधित कार्यों पर रहती है। हरित क्रांति के परिणामस्वरुप फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का भारी मात्रा में प्रयोग किया गया, जिससे मृदा गुणवत्ता का ह्रास हुआ है, इसके साथ ही अन्न की गुणवत्ता में गिरावट एवं हमारा पर्यावरण प्रदूषित हुआ है। अतः इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग कम करके जैविक खादों का प्रयोग कर सकते हैं। इस दृष्टि से प्रेसमड एक विकल्प हो सकता है। इस जैविक उर्वरक को लगाने से रासायनिक कीटनाशकों के निरंतर और अत्यधिक उपयोग के कारण प्रभावित मिट्टी को नियंत्रण में लाया जाता है।

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15th August 2021
फसलों की खेती के प्रारूप में बदलाव में
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फसलों की खेती के प्रारूप में बदलाव में

कोविङ-19 महामारी ने हमें इस बात का अनुभव कराया है कि विकास के आयामों में जीवन-यापन के लक्ष्यों के साथ स्थायित्व और स्वास्थ्य के ध्येय का भी समावेश होना चाहिए।

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1st August 2021
भण्डारण के दौरान प्याज व लहसुन में लगने वाली बीमारियां
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भण्डारण के दौरान प्याज व लहसुन में लगने वाली बीमारियां

प्याज एवं लहसुन में भण्डारण के समय अनेक रोग लगते हैं एवं अच्छी गुणवत्ता वाली उच्च विपणन योग्य कन्द उपज पाने के लिए उचित तरीकों से कीट और रोग प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है।

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1st August 2021