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गोरिल्ला हाउस में भूचाल
सुबह मदारी का खेल क्या हुआ, गोरिल्ला हाउस में भूचाल आ गया.
मतदान का महत्व
नील बहुत उत्साहित था क्योंकि उसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला था, जो हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है.
बस्ते का बोझ
बौबी भालू किताबों का भारी बस्ता घर छोड़ कर बस स्टैंड की ओर चल दिया. जैसे ही बस आई बौबी आगे की सीट पर बैठ गया. अब तक दूसरे छात्र भी आ चुके थे. वे अलगअलग सीटों पर बैठ गए. उन्हें अब लूना हिरण का इंतजार था.
बैडी को सबक
चंपकवन के राजा शेरसिंह हमेशा अपने यहां आने वाले सभी वनवासियों की अपनी तरफ से पूरी सहायता करने की कोशिश करते थे. उन के बारे में कहा जाता था कि उन के दरबार से कोई खाली हाथी नहीं लौटता. हालांकि कुछ धूर्त वनवासी राजा शेरसिंह की इस उदारता का नाजायज फायदा भी उठाते थे.
छोटी चींटी
मृदु बगीचे में कुरसी पर बैठी धूप सेंक रही थी और अपने रूमाल से खेल रही थी. अचानक उस ने अपनी कुरसी के पास एक छोटी सी चींटी को चलते देखा. वह बड़े ध्यान से उस को देखती रही. तभी अंदर से मां ने उस को बुलाया. वह जल्दी से अंदर जाने लगी तभी अनजाने में उस का रूमाल उस चींटी पर जा गिरा. मृदु ने यह सब देखा, लेकिन सोचा कि मां की बात सुन कर रूमाल उठा लेगी.
गणतंत्र दिवस समारोह
गणतंत्र दिवस के अवसर पर भूमि के स्कूल में एक गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. भूमि अच्छी गायिका थी और मधुर गाती थी. वह 5 साल की उम्र से ही संगीत क्लास में जा कर संगीत सीखती थी. भूमि ने जैसे ही गायन प्रतियोगिता के बारे में सुना उस ने तुरंत जा कर अपना नाम रजिस्टर्ड करवाया, लेकिन इस स्पर्धा के लिए वह देशभक्ति का कौन सा गाना चुने उस के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया.
कच्चा पपीता
पैटी पपीता उदास था. हर दिन की तरह आज भी रोनित ने उसे धीरे से अपनी फ्रूट चाट में से निकाल कर टिफिन के ढक्कन पर रख दिया.
शैतानी का नतीजा
विवान कभी भी एक जगह पर शांत नहीं बैठ सकता था. मां स्कूल से आने वाली शिकायतों और उस की शरारतों से थक गई थीं.
अक्ल बड़ी या भैंस
नैंसी छोटी और स्मार्ट चिड़िया एक पेड़ पर घोंसला बना कर रहती थी. उसी पेड़ के नीचे बफी भैंस रोज घास चरने आती थी.
मकर संक्रांति सैलिब्रेशन
ईवा आज बहुत खुश और उत्साहित थी , क्योंकि आज उन के नए पड़ोसी आने वाले थे. ईवा खिड़की से देख रही थी, उस के नए पड़ोसी अपना सामान और फर्नीचर ला रहे थे.
वोकाटा
मकर संक्रांति को हर साल वन में पतंग उड़ाने का त्योहार मनाया जाता है. हर बार की तरह सब जानवर सुबह होते ही जंगल के किनारे इकट्ठा हुए. पतंग काटना सब जानवरों को प्रिय था. ज्यों ही किसी ने एक पेंच काटा, चारों तरफ जोर से आवाज आती, वोकाटा.
पतंग के पीछेपीछे
जनवरी का महीना था. हाड कंपाने वाली सर्दी पड़ रही थी, लेकिन जयपुर के बाजारों में चहलपहल थी. हर जगह पतंगों की धूम मची थी.
नववर्ष का अनूठा संकल्प
आज पहली जनवरी, 2021 है. अंकित, रोहित, प्रिया और नीती चारों पार्क में खुश होने के बजाय उदास बैठे थे. चारों बहुत देर से सोच रहे थे कि नववर्ष कैसे मनाया जाए? अभी तक उन के दिमाग में कोई आइडिया नहीं आया था.
जंगल में ट्रैफिक सिग्नल
हिमालय में हरेभरे पेड़ों का एक खूबसूरत और घना जंगल था. इस जंगल में चीड़, स्यू और देवदार के पेड़ उग आए थे और यह जानवरों का अच्छा ठिकाना बन गया था. बोस्की हिम तेंदुआ, पैस्ले ध्रुवीय भालू, रीना लाल पांडा, चार्ली भेड़िया और मौली कस्तूरी हिरण काफी अच्छे दोस्त थे और दिनभर जंगल में घूमते थे.
श्रीनिवास रामानुजन
ध्रुवी स्कूल से आ कर विचारों में खोई बगीचे में बैठी थी. तभी वहां उसे का भाई ध्रुव आया. वह उसे खोए देख कर हैरान था.
गुपचुप मदद
25 दिसंबर आने ही वाला था. हालांकि हर साल की तरह इस बार सुंदरवन में कोरोना वायरस महामारी के कारण कोई धूमधाम नहीं थी.
गुप्त कोड
अनंत कक्षा 8 में था और अच्छा विद्यार्थी था.सभी विषयों में उसे गणित बहुत अच्छा लगता था. गणित के कठिन समीकरण और पहेलियां उस की उम्र के बच्चों को डराती हैं, लेकिन उसे नहीं. उसे पहेलियां और दिमागी खेलों को हल करना काफी पसंद था. उस के सहपाठी जौन, मंजुला, अनीता, मनु और अजय ने अनंत को गणित का जादूगर बताया.
क्रिसमस का उपहार
चंदनवन को क्रिसमस की तैयारियों के लिए पूरी तरह सजाया जा चुका था. पेड़ों पर रंगबिरंगे बल्ब लटकाए गए थे. उन को क्रिसमस ट्री की तरह सजाया गया था. सभी ने अपने घरों को रंगीन रिबन और गुब्बारों से सजाया था.
ईमेल फ्रोम सांता क्लौज
डैनी गधे ने नया स्मार्टफोन खरीदने के लिए एकएक रुपए की बचत की थी. अब वह हर समय उसे ही ले कर बैठा रहता था. उसे मोबाइल चलाना नहीं आता था. इसलिए कभी कोई बटन दबाता तो कभी कोई.
आशिनी का बंबलबी बैग
आतिश के लिए इस बार की छुट्टियां सब से ज्यादा निराशाजनक रहीं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. वह अपने घर के चारों ओर चक्कर लगाता या अपनी जुड़वा बहन आशिनी के साथ बेमतलब के झगड़े करता या रसोई में घूमता और बड़बड़ाता रहता था, "कितना बेकार दिन है, मां. कुछ भी करने के लिए नहीं है," उस ने कहा.
यादगार ऊंट मेला
विकास ने देवांश से कहा, “यदि तुझे यह ऊंट पसंद है तो हम इस की दौड़ करवा लेते हैं.
दूर के टोल सुहावने
डिनो गधा और रिंकू चूहा ऐली हाथी की दुकान पर काम करते थे. रिंकू दुकान में ग्राहकों को सामान देने का काम करता था जबकि डिनो बिल दे कर दुकान का हिसाब का ब्योरा संभालता था. लेकिन डिनो और रिंकू दोनों ही अपनेअपने काम से खुश नहीं थे. डिनो और रिंकू एक दिन सुबहसुबह ऐली के घर अपनी शिकायत ले कर पहुंच गए.
नया दोस्त
चीकू खरगोश को प्यास लगी थी. वह निकट के तालाब में पानी पीने गया. दोपहर का समय था, वहां उस के सिवा और कोई नहीं था. तेज धूप के कारण गरमी भी लग रही थी. उस ने सोचा, 'जल्दी से पानी पी कर मैं घर लौट जाऊंगा.' उस ने जैसे ही पानी पीने के लिए तालाब में मुंह डाला एक भयानक आवाज सुन कर वह उछल पड़ा. ऐसा लगा जैसे किसी खतरनाक जानवर ने फुफकार मारी हो.
सही खजाना
जस्टिन बैल बहुत आलसी था और वह कोई भी काम नहीं करता था. इस तरह वह अपना दिन फांके में गुजार रहा था. वह बिना काम किए ही रातोंरात अमीर बन जाने का सपना देखता था. उस के दोस्त उसे काम करने के लिए समझाने की कोशिश करते, लेकिन वह अपने आलसी स्वभाव में बदलाव लाने से साफ मना कर देता था.
कुक्की की जीत
चंदनवन को इस साल सूख्ने का सामना करना पड़ा, जिस के कारण अधिकांश पशुपक्षी और जानवर अलगअलग जंगलों में अपना घर बसाने चल दिए थे. कुक्की कोयल भी अपने परिवार के साथ पास के जंगल में रहने आ गई थी.
किमी की दोस्त
जब किमी यमी के घर आई तो सभी लोगों ने खुश हो कर गर्मजोशी से उस का स्वागत किया. किमी बहुत ही प्यारी थी, लेकिन उस का डीलडौल देख कर यमी सहम गई थी, क्योंकि उस की नस्ल ही कुछ डरावनी थी.
ऐप्स का घमासान
गुल्लू को अपनी कक्षा में पहला स्थान प्राप्त हुआ और उस के पेरेंट्स ने उसे एक नया मोबाइल उपहार में दिया. मोबाइल की चमचमाती बड़ी स्क्रीन पर सबकुछ एकदम शीशे की तरह साफ दिखता था.
पहाड़ी से मुलाकात
"गरमी चरम पर थी. गरमी की वजह से समुद्र से बहुत तेजी से भाप उठ रही थी और उस से लगातार बादल बन रहे थे. उन बादलों ने हवा के साथ उड़ना शुरू कर दिया.
कितनी बुरी
"अरे, कृष्णा इसे बंद कर दो. तुम सुबह से टीवी देख रहे हो,' मां रसोई से बड़बड़ाई. पूरे दिन रहरह कर बारिश हो रही थी. कभी धूप निकल आती तो कभी बारिश की बूंदें गिरने लगती. मां ने कपड़े धो कर बाहर सुखाए थे. वे चाहती थीं कि गुड्डू उन्हें अंदर ले आए पर गुड्डू तो टीवी देखने में व्यस्त था और सारे कपड़े फिर से गीले हो गए थे.
आलसी
मोनू के जागने का समय तो हो गया था मगर वह अपने आलस का कुछ कर ही नहीं पा रहा था. "ओह, यदि यह आलस मेरी जादुई ताकत बन जाता तो मेरा सब काम कर देता," मोनू विश मांगता.