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चावल को जियो टैग किसानों की बढ़ी आय
अपने स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर चिन्नौर चावल बालाघाट जिले की एक अलग ही पहचान है. चिन्नौर को जियो टैग मिलने के बाद बालाघाट जिले में चिन्नौर के उत्पादन को प्रोत्साहन मिला है और इस से चिन्नौर की खेती करने वाले किसानों की आय में इजाफा हो रहा है.
अक्तबर महीने के खेती के काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए से बहुत खास होता है. इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
7 करोड़ रुपए की लागत से
गाजर की खेती में कृषि मशीनों का इस्तेमाल
गाजर सर्दियों के मौसम में पैदा की जाने वाली फसल है. इस फसल को तकरीबन हर तरह की मिट्टी में उपजाया जा सकता है, लेकिन इस के के लिए सब से सही मिट्टी बलुई दोमट होती है. इस फसल पर पाले का असर भी नहीं होता है.
बिना ऊर्जा फल व सब्जियों की भंडारण तकनीकी
फल एवं सब्जियों की तुड़ाई के उपरांत भारत जैसे उष्णकटिबंधीय (गरम) देश के भंडारण की एक मुख्य समस्या है.
धान की कटाई से ले कर भंडारण तक
भारत दुनिया में धान उत्पादन की दृष्टि से सब से बड़े देशों में गिना जाता है. देश में आधे से अधिक खेती योग्य जमीनों पर धान की खेती की जाती है. धान उत्पादन को खेती में बीते वर्षों में बड़े शोध व तकनीकी का उपयोग होने से उत्पादन बड़ी तेजी से बढ़ा है, लेकिन धान की फसल के तैयार होने के बाद किसानों को कटाई, मड़ाई, सुखाई व भंडारण की सही जानकारी न होने की वजह से कुल उत्पादन का 10 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ता है.
चने की 'भारत दाल' 55 रुपए प्रति किलोग्राम
केंद्र सरकार ने 17 जुलाई, 2023 को चना दाल को 'भारत दाल' के ब्रांड नाम के अंतर्गत खुदरा पैक में बिक्री 1 किलोग्राम पैक के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपए प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दरों पर शुरू की है, जिस से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दालें उपलब्ध हो सकें.
देश के पहले हैलीकोप्टर वाले किसान बने डा. राजाराम त्रिपाठी
अब बस्तर के खेतों में आसमान से होगा दवा व खाद का छिड़काव
काली मिर्च उत्पादन में बस्तर ने देश में बनाया नया कीर्तिमान
छत्तीसगढ़ में बस्तर के 'मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं रिसर्च सेंटर', कोंडागांव द्वारा विकसित काली मिर्च के उत्पादन, गुणवत्ता और सभी मापदंडों पर देश की सर्वश्रेष्ठ काली मिर्च के रूप में भारत सरकार के शीर्ष मसाला अनुसंधान संस्थान में दर्ज किया गया है.
50 रुपए प्रति किलोग्राम टमाटर
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने थोक बाजारों में टमाटर की कीमतों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए एनसीसीएफ और नेफेड को 15 अगस्त, 2023 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम खुदरा मूल्य पर टमाटर बेचने का निर्देश दिया है.
कपास किसानों के लिए मोबाइल एप
सरकार ने कपास क्षेत्र के विकास के लिए कई उपाय किए हैं और सरकार द्वारा विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कपास का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 से 15 प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत कपास विकास कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहा है.
कुसुम की लहलहाती खेती
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने तिलहन फसल कुसुम की नई किस्म कुसुम 1 तैयार की है. यह न केवल पहले से 4 फीसदी ज्यादा तेल देगी, बल्कि दिल का भी ज्यादा बेहतर खयाल रखेगी.
ब्रुसेल्स स्प्राउट से बढ़ाएं आमदनी
सब्जी की खेती किसानों के लिए नकदी का सब से अच्छा जरीया माना जाता है. अगर सब्जियों की खेती वैज्ञानिक तरीकों से की जाए, तो आमदनी और भी बढ़ जाती है. कुछ ऐसी विदेशी सब्जियां भी हैं, जिन्हें भारत की जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है. इन सब्जियों का बाजार रेट दूसरी भारतीय सब्जियों से अच्छा मिलता है. इस का एक कारण इन सब्जियों में शरीर की सेहत के लिए जरूरी कई तत्त्वों का मौजूद होना भी है, जो हमें बीमारियों से भी बचाती हैं.
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की सब्जी किस्मों पर भरोसा
भदोही के किसानों का
तोरिया की आधुनिक खेती
तोरिया 'कैच क्रौप' के रूप में खरीफ व रबी के मध्य में बोई जाने वाली तिलहनी फसल है.
सरसों की अगेती खेती
सरसों से हमारे शरीर को वसा की पूर्ति होती है. सरसों के तेल के बिना क्या अमीर, क्या गरीब, क्या छोटा, क्या बड़ा सब की थाली का भोजन फीका हो जाता है. ऐसे में भारत की सवा अरब की आबादी के लिए सरसों तेल की पूर्ति करने के लिए इस की उन्नतशील खेती पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है.
जम्मू-कश्मीर में नदरू की खेती
जम्मू-कश्मीर की पारंपरिक खेती की बात की जाए, तो दाल, चावल और गेहूं की खेती वैसे ही होती है, जैसे भारत की दूसरी जगहों पर होती है. जब बात आती है जम्मूकश्मीर की, तो नदरू यानी कमल के तने की खेती वहां बहुत ही प्रचलित है. इस की सब्जी के बिना कश्मीरी पकवान अधूरा माना जाता हैं. इस की सब्जी ग्रेवी वाली भी बनती है और दही में भी इसे पकाया जाता है, जिसे यखनी कहते हैं.
पशुओं की प्राथमिक चिकित्सा और घरेलू उपचार
अफारा या पेट फूलना: पशु द्वारा अत्यधिक हरा चारा खा लेने के बाद पेट फूल जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है. दम घुटने से मौत भी हो सकती है. अफारा के उपचार हेतु 100 ग्राम टिम्पोल पाउडर या 100 मिलीलिटर ब्लोटोनील/ब्लोटासिल को कुनकुने पानी में मिला कर पिलाएं. इन के अभाव में कोई भी 100-200 मिलीलिटर खनिज तेल जैसे सरसों या अरंडी तेल को 25 मिलीलिटर तारपीन के तेल व 2 मिलीलिटर पिपरमैंट में मिला कर पिला सकते हैं.
धान की फसल में जिंक की कमी और उस का निदान
धान पूर्वी उत्तर प्रदेश की मुख्य खरीफ की फसल है, जिस की खेती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में की जाती है. कृषि में सघन विधियां अपनाने एवं अधिक उपज देने वाली फसलों के लगातार उगाने से भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथसाथ सूक्ष्म मात्रिक तत्त्वों की भी कमी हो जाती है, इसलिए नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश उर्वरकों के भरपूर प्रयोग से भी हम धान की अच्छी पैदावार नहीं ले पा रहे हैं.
कीवी का बढ़ता व्यवसाय
कीवी फल चीन का मूल फल है, जिसे चीनी करौंदा भी कहा जाता है. कीवी फल मानव जाति की 20वीं शताब्दी की देन है. इस के फलों का उपयोग खाने में और प्रसंस्कृत पदार्थ जैसे जैम, जैली, कैंडी, जूस, स्क्वैश आदि तैयार करने में होता है. यह छोटा, मीठा और तीखा फल बहुत सारे पोषक तत्त्वों से भरा होता है जैसे विटामिन सी, विटामिन के, फास्फोरस, पोटाश एवं कैल्शियम और इस प्रकार कीवी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.
सितंबर महीने में खेती से जुड़े काम
हमारे यहां खेतीबारी के नजरिए से सितंबर का महीना यानी हिंदी का भादों का महीना काफी खास होता है. इस महीने में धान की फसल में कीट और बीमारियों के नियंत्रण पर खासा ध्यान दिया जाता है, क्योंकि धान की अगेती किस्में पकने की अवस्था में पहुंचने लगती हैं. इस के अलावा ज्वार, बाजरा जैसी फसलें भी पक रही होती हैं.
धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उन का प्रबंधन
धान एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जो पूरे विश्व की आधी से ज्यादा आबादी को भोजन प्रदान करती है. चावल के उत्पादन में सर्वप्रथम चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है. भारत में धान की खेती लगभग 450 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है. छोटी होती जोत एवं कृषि श्रमिक न मिल पाने के चलते और जैविक, अजैविक कारकों की वजह से धान की उत्पादकता में लगातार कमी आ रही है.
किसानों के मुनाफे पर सरकार टैक्स नहीं लगा सकती - अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस बनाने का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
गन्ना बोआई यंत्र शुगरकेन ट्रांसप्लांटर
गन्ने की खेती इस समय तमाम समस्याओं से दोचार हो रही है. एक तरफ गन्ने की तैयार फसल को चीनी मिलों द्वारा खरीदने के बाद भुगतान में हीलाहवाली, तो वहीं दूसरी तरफ खेती में घटती श्रम शक्ति और बढ़ती लागत ने किसानों को गन्ने की खेती से मुंह मोड़ने को मजबूर कर दिया है.
ड्रोन का खेती में महत्व
वर्ष 2050 तक वैश्विक आबादी लगभग 10 अरब होगी और भोजन की कमी से बचने के लिए कृषि उत्पादन को दोगुना करना होगा. बढ़ती विश्व जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक कृषि खाद्य उत्पादन में कम से कम 70 फीसदी की वृद्धि करनी होगी.
नवाचारी किसानों को फार्म एन फूड एग्री अवार्ड
भारतनेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जिला यानी बहुत ही पिछड़े जनपद सिद्धार्थ नगर में खेतीबारी, बागबानी सहित खेती से जुड़े दूसरे कामों में विशेष उपलब्धियों वाले किसानों के उत्साहवर्धन के लिए राज्य स्तरीय फार्म एन फूड अवार्ड' का आयोजन 26 अगस्त, 2023 को सिद्धार्थ नगर जिला मुख्यालय पर स्थित विकास भवन के डा. अंबेडकर सभागार में किया गया.
अगस्त माह में निबटाएं खेती से जुड़े जरूरी काम
खेती के लिहाज से अगस्त का महीना किसानों के लिए खास होता है, क्योंकि मानसून जोरों पर होता है. वर्षा वाले क्षेत्रों में झमाझम बारिश होती है या यह भी कह लें कि मानसून में बरसात की झड़ी लग जाती है. इस के चलते चारों तरफ हरियाली बढ़ जाती है.
किसान की पहल से काला नमक धान को मिली वैश्विक पहचान
सुगंधित धान काला नमक अपने न्यूट्रेशन वैल्यू और एरोमा के चलते पूरी दुनिया में अहम पहचान रखता है. वैसे तो काला नमक धान की खेती देश के अलगअलग हिस्सों में व्यावसायिक लैवल पर किए जाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन इस की मूल पहचान उत्तर प्रदेश के नेपाल बौर्डर से सटे जिले सिद्धार्थ नगर से है, क्योंकि यहां के बर्डपुर ब्लौक से ले कर जनपद के कई ब्लौकों की विशेष जलवायु के चलते काला नमक चावल की गुणवत्ता, स्वाद और महक दूसरे जिलों से कई गुना बेहतर है, इसलिए सिद्धार्थ नगर जिले के काला नमक चावल की मांग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब है.
उत्तर प्रदेश आम महोत्सव - आम की सैकड़ों किस्मों से कराया रुबरु
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित अवध शिल्पग्राम में 14 जुलाई से 16 जुलाई तक चला यह आम महोत्सव इतना प्रभावी रहा कि लखनऊ सहित प्रदेश के अलगअलग जिलों के हजारों किसान आम की विभिन्न किस्मों का दीदार करने आए और आम के सफल बागबानों से आम की बागबानी के टिप्स भी लिए.
गरमी के मौसम में पशुओं को खिलाएं हरा चारा
गरमी में पशुओं को सेहतमंद रखने में हरे चारे की अपनी अहमियत है. हरा चारा जल्दी पचने और रुचिकर होने की वजह से पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी है.