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पेगासस क्या सामने आएगी सच्चाई?
पेगासस मामले में जानबूझकर विपक्ष संसद में गतिरोध बना रहा है. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत दायर की गई याचिकाओं पर याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई है. लगातार हंगामे के चलते संसद के सैकड़ों कामकाजी घंटे बर्बाद हुए और इस कारण भारी भरकम धनराशित व्यर्थ चली गई. लोकसभा की एक घंटे की कार्यवाही पर करीब 1.5 करोड़ और राज्यसभा की कार्यवाही पर 1.1 करोड़ रुपए प्रति घंटा खर्च किए जाते हैं.
बहन जी की ब्राह्मण पॉलिटिक्स
दलित राजनीति करती आयीं मायावती का ज्यादा जोर फिलहाल ब्राह्मण पॉलिटिक्स पर नजर आ रहा है.ब्राह्मण वोट बैंक से हद से ज्यादा उम्मीदें लिये बैठीं मायावती ने अकेले दम पर ही यूपी चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है और बीएसपी के ब्राह्मण फेस सतीश चंद्र मिश्रा को जगह जगह भेज कर ब्राह्मण सम्मेलन करा रही हैं.
दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा का गहराता संकट
हाल में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने 'द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड-2021' शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी की है.
ओलपिक में एक नई शुरूआत और स्वर्णिम समापन
टोक्यो ओलंपिक में गांव व छोटे शहरों से आये खिलाड़ियों ने अविश्वसनीय प्रदर्शन करके देश का गौरव बढ़ाया है.
समाजवादी पेड्रो कैस्टिलो की विजय और कठिन चुनौतियां
कोरोना महामारी से तबाही झेल रहे पेरू का स्पेनिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के बाद से 200 साल का इतिहास है, वहां पिछले 20 वर्षों से लोकतंत्र जड़ पकड़ रहा है. 1985 के बाद से सत्ता में आने वाले पेरू के सभी राष्ट्रपति भ्रष्टाचार में उलझे हुए हैं, पिछले साल नौ दिनों में तीन राष्ट्रपति देश में आए.
राज कुंद्रा और पोर्न फिल्में: गंदे धंधे की दुनिया
फिल्म, फैशन और इंटरटेनमेंट के नाम पर देश में करोड़ो का नहीं, अरबों का काला धंधा चल रहा है. एक व्यवस्थित रैकेट चला कर लड़कियों को फंसाया जाता है और उसके बाद उनकी पोर्न फिल्म बना ली जाती है.
भारत @74 देश के 74 कर्णधार
जब बात हिंदुस्तान की हो तो, हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तानी संस्कृति और हिंदुस्तानी तहजीब के बगैर हिंदुस्तान का नक्शा नहीं उकेरा जा सकता. नया हिंदुस्तान अर्थात 74 साला हिंदुस्तान अपनी उपलब्धियों पर इतराता है, अभिमानित है तो वहीं इस दौर में गंवाएं गए अवसरों को पुनः अपनी मुट्ठी में कैद करने को बेताब है. कोविड-19 के इस काले कालवंड में भारत अपनी 74वीं जश्न-ए-आजादी मना रहा है. देश, देशवासियों के सहयोग व योगदान से बनता है. भारत को आज के भारत के रूप में गढ़ने में हम भारतीयों की कई पीदिया जमींदोज हो गई, कई राष्ट्र निर्माण की मश्क्कत में संलग्न हैं. ऐसे समय में आवश्यक है कि देश जिन पर भरोसा करता है, जिन को शीर्ष मानता है, हम उन्हें याद करें. ये जीवित किवंदति हैं, जो हमारी नई पौध के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं, प्रकाशपुंज हैं. आजादी की 74 वीं वर्षगांठ पर हम उन 74 शरित्सयतों से आपको रू-ब-रू कराते हैं जो आज देश के कर्णधार हैं, जो देश की दशा-दिशा तय करते हैं और उनके कार्यों की देश सराहना करता है.
नेपाल में लगेगी मोबाइल के ग्रे बाजार पर लगाम!
नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) द्वारा अवैध मोबाइल फोन सेट के जरिये मोबाइल सेवाओं के संचालन को रोकने के लिए मोबाइल डिवाइस प्रबंधन प्रणाली (एमडीएमएस) को लागू कर दिया गया है. इसके लागू होने के बाद अब 16 जुलाई से आईएमईआई नंबर पंजीकरण के बिना नेपाल में प्रवेश करने वाले मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लग गया है.
टीकाकरण-कोविड महामारी से एकमात्र सुरक्षा
कोरोना वायरस, इतना छोटा वायरस (जिसका वजन नैनो ग्राम में है) होने के बावजूद भी इतने लोगों की जान लेने में सक्षम है (54 मिलियन, भारत में 4 लाख). पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन में देखा गया था (इसलिए इसे कोविड 19 नाम दिया गया है), तब से यह केवल मजबूत और उत्परिवर्तित हुआ.
गांव की महिलाओं का भी साहस कम नहीं
गुजरात के जिला बनासकांठा के गांव नगानां की रहने वाली नवलबेन ने 2020 में 1.10 करोड़ रुपए का दूध बेच कर रिकार्ड बनाया है. 63 वर्षीया नवलबेन के पास 80 मैंसें और 45 गाएं हैं. इनकी चारों संतानें शहर में रहती हैं और वह अकेली अपने इस व्यवसाय को संभालती हैं. नवलबेन जैसी गुजरात के गांवों में10 मिलेनियर महिलाएं हैं, जो दूध बेच कर लाखों रुपए कमाती हैं.
खुद को सर्वज्ञानी समझते राहुल गांधी खोते साख
राहुल गांधी को अब राजनीति में आए हुए काफी समय हो चुका है. कहने को तो वे अपने को जन्मजात राजनीतिज्ञ और नेता मानते हैं पर वे उस तरह से परिपक्व अभी भी नहीं हुए हैं जैसी उनसे देश अपेक्षा करता था. वे 2004 से ही लोकसभा के सदस्य हैं. उनकी सियासत में कांग्रेस की विरोधी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से इस्तीफा मांगना बेहद अहम है. उन्हें लगता है कोई इस्तीफा दे या ना दे, उन्हें तो इस्तीफा मांगते ही रहना चाहिए. वे आत्म मुग्ध भी हो चुके हैं. उन्हें गलतफहमी हो गई है कि वे कोरोना वैक्सीन के लाभ-हानि से लेकर शेयर बाजार तक की उठा पटक को गहराई से जानते हैं.
सुलह की सुगबुगाहट
राजस्थान में लंबे समय से चल रहे गहलोत-पायलट विवाद अब सुलह की ओर जाता हुआ प्रतीत हो रहा है.
महिलाओं पर सवाल उठाने से पहले स्वयं में झांकें
एक तरफ हम चांद और मंगल पर जीवन बसाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. तो वही दूसरी तरफ हमारे समाज का एक बड़ा तबका महिलाओं के 'ड्रेसकोड' में ही उलझा हुआ है. अब हम इक्कीसवीं सदी में भले पहुंच गए हो, लेकिन महिलाओं के कपड़ों को लेकर राजनीति आम हो चली है और हो भी क्यों न?
नई टीम से नई उम्मीदें
मंत्रिमंडल में किए गए इस बड़े फेरबदल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, नितिन गडकरी आदि वरिष्ठ मंत्री अप्रभावित रहे हैं जिससे यह संदेश मिलता है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं. इन मंत्रियों का विभागीय प्रदर्शन संतोषजनक होने के अलावा उनके जिस विशिष्ट गुण ने उन्हें प्रधानमंत्री की गुड बुक्स में प्रमुख स्थान पाने का अधिकारी बना दिया है वह उनका मितभाषी स्वभाव है.
नई पीढ़ी के नए बिजनेस टाइकून
सच में यह दौर अन्य सभी बीते दौर से अनूठा है. वैसे तो हर दौर ही अपने आप में अनूठा होता है लेकिन अनूठे दौर में अनूठे उदाहरण इतिहास रच देते हैं. लगभग दो वर्ष होने को आए, देश ही नहीं दुनिया कोविड-19 की जद में आ कर पंग हो गई लेकिन बात केवल इसी अवधि की नहीं है. भारत की अर्थव्यवस्था बीते आठ साल से मंदी के दौर से गुजर रही है. इसी बीच रही-सही कसर कोविड-19 महामारी ने परी कर दी. इस महामारी के पूर्व 2012 से ही विकास दर धीमी होने लगी थी. बाद में वर्ष 2016 की नोटबंदी और फिर अव्यावस्थित जीएसटी व्यवस्था ने भारत के विशाल अनौपचारिक क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया. इससे विकास दर और गिर गई.
आतंकवाद के सहारे सियासत का फलसफा
उत्तर प्रदेश में आतंकवाद पर सियासत का सियापा कोई नई बात नहीं है. यह सब तुष्टिकरण की राजनीति का फलसफा है जो समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस जैसे कुछदलों ने यह धारणा पालरखी है कि आतंकवादियों के पक्ष में खड़े होकर प्रदेश के मुसलमानों का दिल जीता जा सकता है.
नया खतरा बनकर सामने आता कप्पा वायरस
कोरोना की तीसरी लहर की चिंता के बीच कोरोना के नए-नए वेरिएंट मुसीबत बन रहे हैं. एक के बाद एक नए-नए वेरिएंट कहर मचा रहे हैं और भयावहता के मामले में सभी एक-दूसरे पर भारी पड़ रहे हैं.डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स पर रखा है और उसी के अनुरूप भारत में कोरोना के वेरिएंट स्ट्रेन का नाम डेल्टा तथा कप्पा पर रखा जाता है. देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट प्रमुख रूप से जिम्मेदार रहा और अब तीसरी लहर के लिए कौनकौनसे वेरिएंट जिम्मेदार होंगे और इस लहर को कितना भयावह बनाएंगे, अभी कहा जा नहीं जा सकता.
कहीं जी का जंजाल न बन जाए जीका वायरस
जीका वायरस का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं पर होता है. अगर कोई गर्भवती महिला इस वायरस से संक्रमित हो जाती है तो यह नवजात शिशु में न्यूरोलॉजिकल और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का खतरा उत्पन्न करता है और मस्तिष्क के विकास को भी गंभीर रुप से प्रभावित करता है.
आमिर खान का है विवादों से गहरा नाता
56 वर्षीय फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 2002 में अपनी पहली पत्नी रीना दत्त के बाद 2021 में अपनी दूसरी पत्नी किरण राव को भी तलाक दे दिया है. तलाक दोनों की सहमति से हुआ है इसलिए इस पर किसी को 'नुक्ताचीनी' नहीं करना चाहिए.
मिताली राज एक दिन में तोड़े दो विश्व रिकॉर्ड
3 जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में इतिहास रचते हुए भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज दुनिया की सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी बन गई हैं.
नौसेना की बढ़ी समुद्री ताक़त
गंभीर रुप से बीमार मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए इन हेलीकॉप्टरों में रिमूवेबल मेडिकल आईसीयू लगाया गया है, जो एएलएच एमके-3 की बड़ी विशेषता है. इस प्रणाली को एयरक्राफ्ट की विद्युत आपूर्ति पर ऑपरेट किया जा सकता है और इसमें चार घंटे का बैटरी बैकअप भी है. हेलीकॉप्टर में दो-तीन घंटे में उपकरण लगाकर इसे एयर एंबुलेंस में भी बदला जा सकता है.
दिल्ली में ऑक्सीजन घोटाला
सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को ऑक्सीजन संकट को लेकर 12 सदस्यों वाले नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था. सुप्रीम कोर्ट ने ऑडिट टीम को इस बात की भी जांच करने को कहा था कि मुंबई में 92000 कोरोना संक्रमितों के लिए 275 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी. वहीं, दिल्ली में 3 मई को 95000 कोरोना के मामलों पर केजरीवाल सरकार ने 900 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी.
क्यों जरूरी है जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले परिसीमन?
केंद्र सरकार की चाहत है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के पहले वहां परिसीमन करा ली जाए. इसी चाहत को लेकर बीते 24 जून को प्रधानमंत्री के आवास पर जम्मू झकश्मीर के आठ दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक भी हुई.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया कि 'संसद में राज्य का दर्जा बहाल करने का जो वादा किया गया था उसकी दिशा में परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव महत्वपूर्ण चरण हैं.'
जहर का प्याला क्यों पी रहे हैं राहुल?
भारत के प्रधानमंत्रियों की गोद में पले-बढ़ा ये शख्स अपनी जवानी की पहली अंगड़ाई प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ले सकता था. तीस से चालीस वर्ष की मुद्दत तक किसी भी युवक का कैरियर तय हो चुका होता है. इस उम्र में वो मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक बन सकते थे. लेकिन उन्होंने वो मिसाल गलत साबित कर दी कि मछली के बच्चे की तैरने की प्रक्टिस नहीं करनी होती है. उन्होंने वक्त से खूब सीखा.
खत्म होगी दिलों की दूरी?
श्रीनगर और नई दिल्ली के बीच की दूरी जितनी है उससे कहीं कई गुना अधिक दूरी दिलों के बीच है. और यह दूरी यकायक नहीं बनी बल्कि इसे बनने में दशकों लगा. तो क्या बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के जिन 14 नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की यह उस दूरी को पाट पाएगा? उत्तर निश्चित तौर पर आसान नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नहीं है. हम सब जानते हैं कि 5 जून 2019 को जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाते हुए धारा 370 और 35ए खत्म करते हुए इसे दो केंद्र शासित राज्य में तब्दिल किया गया तो उसके पहले वहां का हाल क्या था और अब क्या है. लेकिन सूबे में लोकतंत्र की बहाली भी निहायत जरूरी है और यह सर्वदलीय बैठक उसी ओर बढ़ता कदम है.
5जी की क्रांति के निहितार्थ
दुनिया निरंतर विकसित हो रही है और तेजी से विकास की ओर बढ़ती दुनिया में एक व्यक्ति तभी खड़ा हो सकता है जब वह विकासशील प्रौद्योगिकियों का सामना करें.
किसे चाहिए कश्मीर में फिर से धारा 370?
क्या कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से पहले की व्यवस्था लागू हो? प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ होने वाली बैठक से पहले ही कांग्रेस कहने लगी कि राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा देना जरूरी है. कांग्रेस चीखचीखकर कह रही है कि धारा 370 को खत्म करना लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों पर सीधा हमला है. इसके साथ ही कांग्रेस चाहती है कि संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली हो ताकि ये कांग्रेसी और इसके मित्र दल पहले की तरह लूट कर सकें और मौज काट सकें.
कोई लौटा दे मेरे...
श्री नगर के छात्र अन्वेष कोले ने ऑनलाइन कक्षाएं लेने वाले एक टीचर को खत लिखा, 'मुझे स्कूल के टीचर से आपके लेक्चर की जानकारी मिली. मैं मार्च 2020 से आपके क्लास में आ रहा हूं. इससे मुझे नई प्रेरणा मिली है.
महामारी के दौर में बदहाल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा
देश के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र अकुशल या अर्धकुशल पैरामेडिक्स द्वारा चलाए जाते हैं और ग्रामीण सेटअप में डॉक्टर शायद ही कभी उपलब्ध होते हैं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बिचौलियों के समूह द्वारा आसानी से धोखा खा जाते हैं.
दलित दलन अफ़साना या हक़ीक़त ?
एकांगी अफसानों में भारतीय समाज शताब्दियों से उलझा है और यह उलझन लगातार समाज को ऊंचनीच के खांचे में बांटता रहा है. दलित व सवर्ण स्वाभिमान की टकराहट की दास्तां अनगिनत है.सबने अपनेअपने अनुभवों को आत्मसात कर अपना-अपना एकांगी संसार रच डाला है. जिसमें किसी दूसरे के समावेश की गुंजाइश पर बंदिश तारी है. बीते हजार साल में दुनिया का एक बड़ा हिस्सा जिसे हम दक्षिण एशियाई क्षेत्र कहते हैं वह सर्वाधिक विद्वेष वाले समूह का क्षेत्र बन कर उभरा है.