CATEGORIES

सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना
Modern Kheti - Hindi

सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना

भारत के सबसे महान सपूतों में से एक स्वामी विवेकानंद ने उद्धृत किया कि, 'जब तक महिला की स्थिति में सुधार नहीं किया जाता है, तब तक दुनिया के कल्याण का कोई मौका नहीं है। एक पक्षी के लिए केवल एक पंख पर उड़ना संभव नहीं है।"

time-read
1 min  |
15th June 2021
आम में लगने वाले रोग व उनसे बचाव के उपाय
Modern Kheti - Hindi

आम में लगने वाले रोग व उनसे बचाव के उपाय

परिचय : भारत विश्व में आम का सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला देश है, परन्तु इसकी उत्पादकता क्षमता से कम है। आम में लगने वाली बीमारियां एवं विकार इसके कम उत्पादन का एक महत्वपूर्ण कारण है, जिससे नर्सरी से तुड़ाई के पूर्व एवं उपरांत फसल को प्रतिवर्ष भारी नुकसान होता है। भारत में अनेक प्रकार की जलवायु होने के कारण लगभग 140 प्रकार के रोग फसल के उत्पादन में विभन्न स्तर पर क्षति पहुँचाते हैं। इसलिए बागवानों से यह अपील करता हूँ कि इस लेख में दी गई जानकारी का प्रयोग करें जिससे आम में लगने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है और आम की गुणवत्ता को और निर्यात बढ़ाया जा सकता।

time-read
1 min  |
15th June 2021
औषधीय गुणों से भरपूर अनाज, बदलती जलवायु और विषम परिस्थितियों में भी उग सकते हैं
Modern Kheti - Hindi

औषधीय गुणों से भरपूर अनाज, बदलती जलवायु और विषम परिस्थितियों में भी उग सकते हैं

गेहूं और चावल का चाव बढ़ा तो इन मोटे अनाजों की मांग भी घटती गई नतीजन कीमतें घटी तो किसानों ने भी इन्हें उगाना कम कर दिया। इन सभी का परिणाम है जो आज स्वास्थ्य और पर्यावरण के दृष्टिकोण से फायदेमंद यह फसलें काफी हद तक हमारी थाली और खेतों से गायब हो चुकी हैं।

time-read
1 min  |
15th June 2021
'सफेद सोना किसानों को बना रहा आत्मनिर्भर'
Modern Kheti - Hindi

'सफेद सोना किसानों को बना रहा आत्मनिर्भर'

कपास उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बन गया है, बल्कि अब अधिशेष मात्रा का निर्यात अन्य देशों को भी होने लगा है। फाइबर के रूप में कुल उत्पादन का एक तिहाई भाग विश्व बाजार में निर्यात हो रहा है।

time-read
1 min  |
15th June 2021
स्वस्थ मिट्टी खुशहाल किसान
Modern Kheti - Hindi

स्वस्थ मिट्टी खुशहाल किसान

स्वस्थ भूमि की मिट्टी हाथ से आसानी से भर जाती है और इसमें हवा-पानी का सही आदान-प्रदान होता है। भूमि में जैविक पदार्थ, सुक्ष्म जीव व अन्य भूमि में रहने वाला जीव जैसे कि गंडोआ, मिलीपीड़ इत्यादि का उचित मात्रा में अस्तित्व भूमि में होना चाहिए।

time-read
1 min  |
15th June 2021
धान की सीधी बिजाई की सफलता के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें
Modern Kheti - Hindi

धान की सीधी बिजाई की सफलता के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें

धान यमुनानगर की मुख्य फसल है। यहां इसकी खेती अधिकतर सिंचित भूमि में होती है लेकिन लेबर की समस्या के मद्देनजर इस वर्ष धान की फसल का क्षेत्रफल सीधी बिजाई में बढ़ने के आसार हैं।

time-read
1 min  |
1st June 2021
जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव एवं फसल विविधीकरण का महत्व
Modern Kheti - Hindi

जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव एवं फसल विविधीकरण का महत्व

कृषि की मौसम पर अत्याधिक निर्भरता की वजह से फसलों पर लागत अधिक आती है, विशेषकर मोटे अनाजों की फसलों पर, जिनकी खेती अधिकतर उन क्षेत्रों में होती है जो वर्षा पर निर्भर होते हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि आने वाले 80 वर्षों में खरीफ फसलों के मौसम में औसत तापमान में 0.7 से 3.3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है।

time-read
1 min  |
1st June 2021
धान की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
Modern Kheti - Hindi

धान की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व

मैंगनीज की भूमिका को लोहे के साथ निकटता से जुड़ा हुआ माना जाता है। मैंगनीज भी संयंत्र में लोहे के आंदोलन का समर्थन करता है। यह पौधों में ऑक्सीजन के स्तर को प्रभावित करता है। पौधे में मैंगनीज की मात्रा उम्र के बढ़ने के साथ-साथ घटती है, तथा निम्न पत्तियों में कम और पौधों की ऊपरी पत्तियों की मात्रा अधिक होती है।

time-read
1 min  |
1st June 2021
बागवानी फसलों का सच्चा मित्र है ट्राइकोडमा
Modern Kheti - Hindi

बागवानी फसलों का सच्चा मित्र है ट्राइकोडमा

ट्राइकोडर्मा पौधों के जड़-विन्यास क्षेत्र (राइजोस्फियर) में खामोशी से अनवरत कार्य करने वाला सूक्ष्म कवक है, जो प्रायः मृदा में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों के ऊपर तीव्र गति से वृद्धि करता है।

time-read
1 min  |
1st June 2021
जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण
Modern Kheti - Hindi

जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण

आधुनिक समय में बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न पूर्ति हेतु किसान रासायनिकों जैसे-खाद खरपतवारनाशी, रोगनाशी तथा कीटनाशकों के प्रयोग कर रहें हैं।

time-read
1 min  |
15th May 2021
कृषकों की आमदनी बढ़ाने में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान
Modern Kheti - Hindi

कृषकों की आमदनी बढ़ाने में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान

देश में खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन, मछली पालन, वानिकी, रेशम कीट पालन, कुक्कुट पालन व बत्तख पालन आमदनी बढ़ाने का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। देश की राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों से प्राप्त होता है।

time-read
1 min  |
15th May 2021
पोलीहाउस में बीज रहित खीरे की खेती लाभकारी उद्यम
Modern Kheti - Hindi

पोलीहाउस में बीज रहित खीरे की खेती लाभकारी उद्यम

परिचय एवं महत्व : खीरा (Cucumissativus L.) लौकी परिवार Cucurbitaceae का एक सदस्य है, जिसमें दुनिया के गर्म भागों में 117 जेनेरा और 825 प्रजातियां शामिल हैं। यह सबसे पुरानी सब्जी फसलों में से एक माना जाता है और भारत में 3000 से अधिक वर्षों के लिए खेती में पाया गया है। खीरा एक थर्मोफिलिक और ठंड-अति संवेदनशील फसल है जो 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर बढ़ती है।

time-read
1 min  |
15th May 2021
धान की सीधी बिजाई: मुख्य समस्याएं व समाधान
Modern Kheti - Hindi

धान की सीधी बिजाई: मुख्य समस्याएं व समाधान

पंजाब में साल 2020 में लगभग 13 लाख एकड़ व हरियाणा में 35000 एकड़ पर धान की सीधी बिजाई की गई थी। इस विधि द्वारा पानी व श्रम की बचत होती है। सीधी बिजाई भूमिगत जल को रिचार्ज करने में भी सहायक सिद्ध होती है।

time-read
1 min  |
15th May 2021
कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व
Modern Kheti - Hindi

कृषि-वानिकी और वनों व वृक्षों का धार्मिक एवं पर्यावरणीय महत्व

कृषि-वानिकी : कृषि-वानिकी भू-उपयोग की वह पद्धति है जिसके अंतर्गत सामाजिक तथा पारिस्थितिकीय रूप से उचित वनस्पतियों के साथ-साथ कृषि फसलों या पशुओं को लगातार या क्रमबद्ध ढंग से शामिल किया जाता है।

time-read
1 min  |
15th May 2021
बेल वाली सब्जियों में रोगों की रोकथाम
Modern Kheti - Hindi

बेल वाली सब्जियों में रोगों की रोकथाम

गर्मियों में बेल एवं कन्द वर्गीय सब्जियों का विशेष महत्व है। बेल वाली सब्जियों में कद्दू, पेठा, टिंडा, लौकी, तोरी, करेला, खीरा, पेठा, तर-कक्ड़ी, तरबूज, खरबूजा इत्यादि मुख्य सब्जियां है। इन सब्जियों का उपयोग पकाकर खाने के अतिरिक्त सलाद (खीरा तर-कक्ड़ी), अचार (करेला) एवं फल (तरबूज, खरबूजा) के रुप में किया जाता है।

time-read
1 min  |
15th May 2021
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद
Modern Kheti - Hindi

मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए उगाएं हरी खाद

फसल के अच्छे अंकुरण के लिए लैंचा या सनई के बीज को लगभग 8 घंटे तक पानी में भिगो कर रखें। बिजाई से पहले हरी खाद फसल के बीज को राईजोबियम कल्चर (जीवाणु खाद) से टीकाकरण कर लें। बीज को छाया में आधे घंटे तक सूखा कर तुरंत तैयार खेत में बीज दें।

time-read
1 min  |
1st May 2021
कैच द रैन खेत बने वाटर बैंक
Modern Kheti - Hindi

कैच द रैन खेत बने वाटर बैंक

प्राकृतिक जल स्रोतों को समाप्त कर मूक जानवरों एवं वनस्पति के प्रति अमानवीय हिंसा का परिचय दिया है। बून्दों को सहेजनों के अभियान की शुरुआत इन प्राचीन जल स्रोतों को खोजने एवं उन्हें पुनर्जीवित करके करना होगा।

time-read
1 min  |
1st May 2021
फास्फेटिक और पोटैसिक खाद और उनकी विशेषताएं
Modern Kheti - Hindi

फास्फेटिक और पोटैसिक खाद और उनकी विशेषताएं

फॉस्फेटिक उर्वरक : फॉस्फेट उर्वरकों में मौजूद पोषक तत्व फास्फोरस आमतौर पर फॉस्फोरिक एनहाइड्राइड या फॉस्फोरस पेंटाओक्साइड(पी 2 ओ 5) के रूप में व्यक्त किया जाता है। लॉज (1842) ने पहले रॉक फॉस्फेट और सल्फ्यूरिक एसिड से उपलब्ध फॉस्फेट तैयार किया और उत्पाद को सुपरफॉस्फेट नाम दिया।

time-read
1 min  |
1st May 2021
कृषि निर्णय हों टैक्नोलॉजी आधारित
Modern Kheti - Hindi

कृषि निर्णय हों टैक्नोलॉजी आधारित

आमदनी में वृद्धि करने के लिए ऐसी कृषि पद्धतियां/तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है जिससे पर्यावरण, प्राकृतिक स्रोत व कृषि उत्पादों का उचित प्रयोग होने के साथ-साथ कृषि आमदनी में भी वृद्धि की जा सके। ऐसी अनेक हाईटैक तकनीकें आ गई हैं जिनके प्रयोग से कृषि लागतों को कम किया जा सकता है।

time-read
1 min  |
1st May 2021
संरक्षित खेती समय की मांग
Modern Kheti - Hindi

संरक्षित खेती समय की मांग

आज सारी दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चायें हो रही हैं और आज सब लोग यह मान रहे हैं कि मौसम में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है और साथ ही हम लोगों की खाने की आदतें भी बदलती जा रही हैं। पहले हम मौसम के हिसाब से खान पान करते थे परन्तु अब हम हर सब्जियाँ पूरे वर्ष खाना पसंद करते हैं। चाहे कोई भी मौसम हो। जैसे टमाटर, धनियाँ पूरे वर्ष चाहिएं इत्यादि। ऐसे में ताजा बेमौसमी सब्जियाँ पैदा करने का एक ही तरीका है वह है संरक्षित खेती।

time-read
1 min  |
1st May 2021
बदलते परिवेश में लाभदायक धान की सीधी बिजाई
Modern Kheti - Hindi

बदलते परिवेश में लाभदायक धान की सीधी बिजाई

धान की सीधी बिजाई हेतु उल्टे टी-प्रकार के फाले एवं तिरछी प्लेट युक्त बीज बक्से वाली बीज एवं उर्वरक जीरो-टिल ड्रिल का प्रयोग करना चाहिए। बुवाई करने से पूर्व ड्रिल मशीन का अंशशोधन कर लेना चाहिए जिससे बीज एवं खाद निर्धारित मात्रा एक कप से एवं गहराई में पड़े।

time-read
1 min  |
15th April 2021
कैसे करें गाजर घास का एकीकृत नियंत्रण
Modern Kheti - Hindi

कैसे करें गाजर घास का एकीकृत नियंत्रण

खरपतवार वह अनावश्यक पौधे होते हैं जो कि आमतौर पर वहाँ उगते हैं जहाँ उनकी आवश्यकता नहीं होती हैं। खरपतवार न केवल फसलों को क्षति पहुँचाते हैं अपितु उपजाऊ भूमि को बेकार भूमि में तब्दील कर देते हैं। इसके अतिरिक्त खरपतवार वन, घास के मैदान, तालाबों, नदियों, झीलों जैसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी की जैव-विविधता को भी प्रभावित करते हैं।

time-read
1 min  |
15th April 2021
फसलों की बिक्री के लिए एम.एस.पी.का महत्व
Modern Kheti - Hindi

फसलों की बिक्री के लिए एम.एस.पी.का महत्व

किसानों की माँग है कि फसलों की एम. एस. पी. एवं खरीद की कानूनी गारंटी दी जाये। 10 फरवरी 2021 को लोग सभा में भाषण देते समय प्रधानमंत्री जी ने कहा "एम. एस. पी.थी, एम. एस. पी. है और एम. एस. पी.रहेगी।" इस बयान से यह भ्रम पैदा होता है कि किसानों की माँग शायद फिजूल है। प्रश्न एम. एस. पी. रहने का नहीं। असली मुद्दा एम.एस.पी. का लाभदायक होना एवं एम. एस. पी. पर फसलों की खरीद यकीनन बनाना है।

time-read
1 min  |
15th April 2021
अन्नदाता होने का अर्थ संविधान से सर्वोपरि कतई नहीं है
Modern Kheti - Hindi

अन्नदाता होने का अर्थ संविधान से सर्वोपरि कतई नहीं है

निश्चित अन्नदाता धरती का पालनहार है। किसान के पसीने से उपजी फसल ही धरती के जीवन के लिये आहार प्रदान करती है। इसलिये बेदों से लेकर आधुनिक समाज में उसे धरतीपुत्र सहित अनेकों सम्मान जनक शब्दों से संबोधित किया जाता है। बावजूद इसके आजादी के बाद से ही भारत में कृषि का पेशा अभावों से भरा रहा है।

time-read
1 min  |
15th April 2021
हरे चारे का संरक्षण कैसे करें?
Modern Kheti - Hindi

हरे चारे का संरक्षण कैसे करें?

साल के कुछ महीनों में उपयुक्त जलवायु के अनुसार हरा चारा काफी मात्रा में उपलब्ध रहता है। परन्तु कुछ महीनों, विशेषकर नवम्बर-दिसम्बर तथा अप्रैल-जून के महीनों, में हरे चारे की किल्लत रहती है। अत: यदि अधिकता वाले मौसम में हरे चारे का संरक्षण कर लिया जाये तो कमी वाले समय में भी पशुओं को हरा-चारा उपलब्ध हो सकता है और दूध उत्पादन का स्तर बना रह सकता है। हरे चारे का संरक्षण दो विधियों से किया जा सकता है।

time-read
1 min  |
15th April 2021
कैसे बने प्रमाणित बीज उत्पादक
Modern Kheti - Hindi

कैसे बने प्रमाणित बीज उत्पादक

बीज खेती किसानों का प्राण है और प्राण दिल कमजोर होने पर शरीर निश्तेज हो जाता है। अतः बीज उत्तम ही नहीं सर्वोत्तम होना चाहिए। सर्वप्रथम नेशनल सीड्स कारपोरेशन की 13.03.1963 में स्थापना हुई तथा केन्द्रीय स्तर पर बीज उत्पादन, बीज प्रमाणीकरण तथा बीज विपणन का कार्य प्रारम्भ हुआ।

time-read
1 min  |
1st April 2021
डेयरी पशुओं का चुनाव
Modern Kheti - Hindi

डेयरी पशुओं का चुनाव

पशुपालकों का एक सवाल होता है कि वह डेयरी फार्म के लिए गाय रखें या भैंस ताकि वह साल भर दूध उत्पादन कर सके तथा दूध की गुणवत्ता भी बनी रहे व उसे दूध का अच्छा मूल्य भी मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि हम दोनों प्रकार के पशुओं के गुणों को जानें।

time-read
1 min  |
1st April 2021
धान की सीधी बुवाई-गुण और दोष
Modern Kheti - Hindi

धान की सीधी बुवाई-गुण और दोष

उल्लेखनीय है कि कोविड़-19 की वजह से किसानों को प्रवासी मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में अब पारम्परिक रोपाई के स्थान पर 'डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस तकनीक को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

time-read
1 min  |
1st April 2021
भारत में बीज उत्पादन का परिदृश्य
Modern Kheti - Hindi

भारत में बीज उत्पादन का परिदृश्य

भारतीय बीज उद्योग विश्व का 5वाँ बड़ा बीज बाजार है जिसका मूल्य लगभग रू. 2,500 करोड़ (500 मिलियन डॉलर) है और इसमें लगभग 150 संगठित बीज कंपनी हैं। वैश्विक वाणिज्यिक बीज बाजार से वर्ष 2020 में 62.90 बिलियन अमेरिकी डालर का राजस्व प्राप्त तथा वर्ष 2026 तक 100.36 बिलियन अमेरिकी डालर तक पहुंचने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि (वर्ष 20212026) के दौरान वैश्विक बीज बाजार की 8.10 प्रतिशत की सी.ए.जी.आर. से बढ़ने की उम्मीद है।

time-read
1 min  |
15th March 2021
उत्तम पैदावार के लिए करें गुणवत्तायुक्त बीज का चयन
Modern Kheti - Hindi

उत्तम पैदावार के लिए करें गुणवत्तायुक्त बीज का चयन

आधुनिक कृषि में बढ़िया बीज का स्थान सर्वोपरि है। अन्य लागत चाहे कितनी ही उत्कृष्ट क्यों न हों, यदि बीज में जरा भी दोष होगा तो किसान भाइयों को समूचा प्रयत्न एवं व्यय व्यर्थ हो जाता है। उन्नत बीज से आशय उन बीजों से है जो आनुवंशिक रूप से शुद्ध होने के अतिरिक्त ओज एवं आवश्यक अंकुरण क्षमता से युक्त हों तथा उनमें खरपतवार एवं अन्य फसलों के बीज बिल्कुल भी न हो।

time-read
1 min  |
15th March 2021