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మిస్ యూ స్టూడెంట్స్
కరోనా మహమ్మారి కారణంగా చాలామంది విద్యార్థులు తమ స్కూళ్లకు వెళ్లలేకపోతున్నారు. వారు ఇది వరకటిలాగా కాకుండా, బదులుగా ఆన్లైన్ మాధ్య మంలో చదువుకోవలసి వచ్చింది.
స్నేహితులు నేర్పిన పాఠం కథ రశ్మి
నిరాహు కొడారి అనే ఒక చిన్న గ్రామంలో నివసించేవాడు. ఉత్తరప్రదేశ్ లోని బలరామ ర్ జిల్లాలో ఈ గ్రామం ఉంది. అతనికి తన సైకిల్ అన్నా, తన చెరుకు పొలం అన్నా ఎంతో ఇష్టం.
పెన్ హెల్డర్ క్రాఫ్ట్ : దేవికా మీనన్
సెప్టెంబర్ 5న టీచర్స్ డే కోసం మీ టీచర్ కి సింపుల్ పెన్ హెల్టర్ చేసి ఇవ్వండి.
జాతకాల గ్యాంగ్
పీ కూ కోతికి చాలాకాలం తర్వాత ఒక కొడుకు పుట్టాడు. తన కొడుకును చూసుకుని అతడు తెగ మురిసిపోతున్నాడు.
గ్లాసు ద్వారా కలర్ రివర్స్ చేయటం
ఆసక్తికర విజ్ఞానం
కోకో కల
కోకో ఒక చిన్న కొబ్బరికాయ. తన చెల్లెళ్లతో ఒక పొడవైన కొబ్బరి చెట్టుపై పెరుగుతోంది. ఇది భారతదేశపు కేంద్ర పాలిత ప్రాంతం అండమాస్ నికోబార్ దీవుల రాజధాని పోర్ట్ బ్లెయిర్ సముద్రపు ఒడ్డున ఉంది.
అంకెలు నేర్చుకోవడం
అతని క్లాస్ మేట్స్ లో చాలామందికి లెక్కించడం తెలుసు.కానీ అతడు దానిని బాగా చేయలేడు. అతడు అంకెలతో సమస్య ఉందని భావిస్తాడు. గణితం క్లాసులు జరిగేటప్పుడు అతడు కళ్లు నేలకు వాలుస్తాడు.
बदलाव स्वीकार करें
मधु उनींदी आंखों से उठी और उस ने बहुत थकान महसूस की, क्योंकि उसे स्कूल के लिए तैयार होना पड़ रहा था. उसे स्कूल में होने वाले वार्षिक क्विज कंपीटिशन की चिंता हो रही थी इसलिए उसे सिर में दर्द महसूस हो रहा था. साल के आखिर में प्रत्येक कक्षा से चुने हुए बच्चों को एकदूसरे के विरुद्ध टीम में प्रतियोगिता के कई राउंड बाद चुना जाता है.
मिस यू स्टूडेंट्स
कोरोना महामारी की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे. उन्हें घर पर औनलाइन ही पढ़ाई करनी पड़ती है. स्कूल ग्राउंड जो आमतौर पर छात्रों की दौड़भाग और खेलकूद से गुलजार रहता था, लेकिन अब एकदम शांत है.
निरहू ने लिखी कहानी
निरहू उत्तर प्रदेश के जिला बलरामपुर के एक छोटे से गांव कोडारी में रहता था. उसे अपनी साइकिल और गन्ने के खेतों से बहुत प्यार था. उस की मां एक किसान थीं और पिता शहर में मजदूर थे.
एक क्षण की कीमत
27 जून, 1964 को केरल के कोझिकोड जिले के पय्योली गांव में एक बच्ची ने जन्म लिया. उस का नाम ऊषा रखा गया. ऊषा के पिता का नाम ई.पी.एम. पैथल तथा माता का नाम टी.वी. लक्ष्मी था. उस के जन्म के समय घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उस के पिता की कपड़ों की एक छोटी सी दुकान थी और 6 बच्चे थे, इसलिए उन्हें परिवार 6 के भरणपोषण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इस की वजह से ऊषा कुपोषण का शिकार हो गई और बीमार रहने लगी.
मायरा की जीत
इस साल मायरा 8वीं कक्षा में आ गई थी. पिछले एक साल से वह बैडमिंटन खेलने का प्रशिक्षण ले रही थी. अकसर जब मायरा एक हाथ में बैडमिंटन रैकेट पड़ती थी तो दूसरे हाथ में बड़ी सी ट्रोफी की कल्पना में खो सी जाया करती थी.
कोको का सपना
कोको भारत के केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में समुद्र के किनारे ऊंचे नारियल के पेड़ों पर अपनी बहनों के साथ रहते हुए बड़ा हो रहा था, अभी वह एक छोटा नारियल था.
कुंडली गिरोह
पीकू बंदर के घर काफी समय बाद एक बच्चे सुंदर का जन्म हुआ. इसलिए वह अपने बेटे सुंदर को जान से भी ज्यादा प्यार करता था.
लकड़ी की डंडियों के सहारे सीखा मैथ्स
डमरू गधे ने अपनी मम्मी से कहा, “मम्मी, मेरे सिर में दर्द है. आज मैं स्कूल नहीं जाऊंगा."
जिहान, अयान और मच्छर
"अरे, मेरा मौस्किटो रैकेट कहां है?" जिहान अपने बिस्तर से उठा और रैकेट लेने दौड़ा. वह रैकेट ले कर डौस्की काले मच्छर की तलाश में वापस आया और छिप गया था. जिहान बैठ गया. वह थक गया था लेकिन उस ने हौसला नहीं छोड़ा. वह कुर्सी पर बैठ गया और देखने लगा. उस की आंखें कमरे में चारों तरफ उस शैतान मच्छर को ढूंढ़ रही थी.
यादगार ट्रिप
पंकज आज बहुत खुश नजर आ रहा था. न तो उस की कोई लौटरी लगी थी और न ही उसे कोई बड़ा गिफ्ट मिला था. खुशी मानो उस के चेहरे से टपक रही थी. बात बस इतनी सी थी कि उस के दोस्त सुधीर ने उसे अपने गांव आने का न्योता दिया था.
अनोखा रक्षाबंधन
कूहू व पीहू दोनों सगी बहने थीं. कूहू पीहू से दो 'साल बड़ी थी. दोनों पढ़ाई में अच्छी थीं तथा घर में मां का काम में भी वे हाथ बटाती थीं.
मिंकी की पायल
एक बार की बात है, शहर में एक धनी व्यापारी रहता था. वह अनाज का व्यापार करता था. शहर के लोग उसे धन्ना सेठ कहते थे. छिटकू नाम का एक चूहा उन के गोदाम में अपने कुछ दोस्तों के साथ रहता था. वे गोदाम में रखी अनाज की बोरियों में छेद कर आराम से अनाज चुराते और वहीं अपने बिलों में घुस कर सो जाते थे. वे बड़े आराम से जीवन जी रहे थे.
जनता की आवाज
"मैं आप सभी जंगलवासियों का बहुत आभारी हूं, जो आप ने मुझे सेवा करने का अवसर दिया," शेरसिंह अपनी गुफा के सामने सभी को संबोधित कर रहा था.
हसन फिर पढ़ने जाने लगा
"हसन..." अम्मी की आवाज हवा में लयबद्ध तरीके से गूंजती चली गई, हसन ने अपनी किताब से सिर ऊपर उठाया तो आकाश में सूरज उस का स्वागत कर रहा था.
पिल्लू मेरा दोस्त
"चलो हटो, तुम मेरा दुपट्टा गंदा कर दोगे, ' टिम्मी तुम्हें इतनी चिंता है, वह तुम्हें मेरे बापदादाओं के बलिदान की बदौलत ही मिला है."
मीशा की शरारत
सैली गिलहरी जमीन पर रेंग कर अपना भोजन ढूंढ़ रही थी. मां के मना करने पर भी वह भरी दोपहरी में अकेले पेड़ के नीचे भोजन ढूंढ़ने आई थी. उस की मां ने पहले भी समझाने की कोशिश की थी, "बेटी, दोपहर के समय जंगल में बहुत खतरा रहता है. तुम्हें अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए."
बेकी की मित्रता
बेकी हाथी का नए स्कूल में आज पहला दिन था. वह अपनी क्लास में जा कर अन्य सहपाठियों से मिलने के लिए बेहद उत्साहित थी. उसे पूरा विश्वास था कि वह पहले ही दिन क्लास के अन्य बच्चों से दोस्ती कर लेगी. इस तरह बेकी ने आत्मविश्वास के साथ कक्षा में प्रवेश किया.
मैं लैफ्टी हूं
"नीलू हाथमुंह धो कर खाना खा लो,” नीलू की मां ने आवाज लगाई.
ईशिता ने स्वीकारी चुनौती
"ओह, मेरी पैंसिल की नोक तो टूट गई और मेरा शौर्पनर तो घर ही छूट गया,” बानी ने कहा. उस का नए स्कूल में पहला दिन था.
जंपी की तुकबंदी
चंपकवन में जंपी बंदर विद्वान बना घूम रहा था. उस ने हाल ही में व्याकरण की एक मजेदार किताब पढ़ी थी, जो उसे जंगल में एक स्पेलिंग प्रतियोगिता जीतने पर मिली थी और अब वह उस का पूरा उपयोग अपनी दिनचर्या में कर रहा था.
खो गई बौल
निखिल टीवी पर कार्टून शो देखने का मजा ले रहा था. उस के हाथ में एक बौल थी. अचानक मां ने आवाज दी, तो निखिल बौल टेबल पर रख कर किचन की ओर गया. कुछ देर बाद जब वह वापस कमरे में आया तो चौंक उठा.
सच्ची दोस्ती
डिना हिरण और ऐली हाथी की दोस्ती से जग्गू सियार बहुत ईर्ष्या करता था. हालांकि वह दोनों में से किसी को भी पसंद नहीं करता था, इसलिए उन की दोस्ती को तोड़ने के लिए उस ने एक शरारत करने का निर्णय किया.
పురాతన సొరంగం
సోమవారాలు ఎప్పుడూ హన్సికకు విసుగు తెప్పించేవి. డెహ్రాడూన్ కి చెందిన ఆ చిన్న అమ్మాయి 5వ తరగతి చదువుతోంది. మిగతా పిల్లల మాదిరిగా ఆమెకు స్కూలుకు వెళ్లడం ఇష్టం లేదు.