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इतिहास के स्रोतों से... एक फूल झाड़ने वाले की गाथा
रोज़ सुबह मुझे अपने घर के सामने की सड़कों को झाड़ने की आवाज़ आती है। भोर होने से पहले अँधेरे में ही ये काम हो जाता है। जब उजाला होता है तो सड़कें साफ मिलती हैं। वे कौन लोग हैं जो यह काम करते हैं, उन्हें क्या लगता है, उन पर क्या बीतती है...
2020 लॉकडाउन डायरी
ऑनलाइन क्लास में जो काम आ रहा था, कोमल उसे करती नहीं थी। इस वजह से काफी काम इकट्ठा हो गया था। एक दिन मैम का फोन आया कि कोमल वर्कशीट करके नहीं भेज रही है, मला क्या रीज़न है। क्या आप उसे फोन नहीं देते!
तेज हवाओं की कहानी
कुछ तेज़ हवाएँ थीं। उनका एक गाँव था। वह गाँव उड़ता रहता था। उड़ते गाँव में तेज़ हवाएँ उड़ते-उड़ते रहती थीं। दिन भर उड़ते-उड़ते वे थक जाती थीं। शाम को वे सोने जातीं। मगर उनकी नींद उड़ जाती। नींद उड़ती तो नींद के सपने उड़ जाते। कोई सपना किसी पेड़ पर जाकर अटक जाता। वहाँ वह उस पेड़ की नींद में चला जाता।
एक छींक
सभी ने एक मुँह से उसे दिलासा तो दी थी। पर सभी के चेहरे के भाव बिलकुल अलग-अलग थे। इस तरह के बर्ताव को देख अनामिका समझ नहीं पा रही थी कि क्या सच में यह सब उसके छींकने की वजह से हो रहा है। अगर हाँ, तो वह तो मामूली-सी छींक थी।
बचपन के कपड़े
सबसे पहली याद तब की है जब कुछ बड़े हो गए थे। यानी कक्षा दसवीं में थे। साल 1971। उन दिनों भी बोर्ड परीक्षाओं की तारीख और रिजल्ट का ऐसा ही शोर होता था। आज टीवी और दूसरे माध्यमों की वजह से यह और भी ज़्यादा होता है। मानो बोर्ड की परीक्षा ना हो, कोई विश्व युद्ध हो।
इकाइयाँ
जो लोग स्कूल गए होंगे वे इकाइयों का महत्व ज़रूर जानते होंगे। कारण यह है कि परीक्षा में यदि उत्तर के साथ इकाई नहीं लिखी तो नम्बर कटते हैं। जैसे यदि लम्बाई नापने की बात है तो सिर्फ 20 लिखने से काम नहीं चलता लिखना पड़ता है कि यह 20 सेंटीमीटर है, 20 किलोमीटर है या 20 फुट है या 20 इंच। यह तो हुई परीक्षा की बात और नम्बर कटने की बात लेकिन इकाइयों का महत्व हमें कभी-कभी भयानक हादसों के बाद स्पष्ट हो पाता है।
भुतहा जामुन
हमारे गाँव में जामुन का एक पेड़ था। उसके जामुन इतने मीठे थे कि दाँत लगाओ तो मानो मुँह में शर्बत घुल जाए। पर एक अजीब बात थी। उस जामुन में कोई बीज नहीं होता था। लोग कहते थे कि उस पेड़ पर एक भूत रहता था। उसे जामुन के बीज खास पसन्द थे।
काला भूत
ऐसा लगता है, गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है,” इंदु खरगोश ने बीना बुलबुल से कहा.
मिल गया खजाना
गिन्नी ने जैसे ही मोबाइल पर यह समाचार पढा, वह खुशी से उछल पड़ी.
चंपकवन में शरणार्थी
चंपकवन के महाराजा शेरसिंह सुबह समाचारपत्र पढ़ रहे थे. पड़ोसी जंगलों रैडवुड और ग्रीनवुड के बीच चल रहे युद्ध के समाचार से वे खिन्न हो गए थे. जब वे दोनों जंगलों के निर्दोष जानवरों के बारे में सोच रहे थे, तभी चंपकवन का सुरक्षा प्रमुख यानी सिक्युरिटी चीफ रौकी कुत्ते ने गुफा में प्रवेश किया.
कैंप में चिप्स के पैकेट्स
मौसम बदल गया था. ठिठुरती ठंड अपना बोरियाबिस्तर समेट कर जा चुकी थी और इस के साथ ही बढ़ गई थी चुनमुन और तान्या की उछलकूद. अब वे घर में कहां टिकने वाले थे. अमेरिका से आए चाचा वहां रह रहे थे. इस के अलावा उन्हें अपने भतीजे और भतीजी की चापलूसी करने की आदत थी.
रैना की पहाड़ यात्रा
रैना चुहिया गरमी सहन नहीं कर पाती थी. इसलिए इस बार उस ने फैसला किया कि गरमी से बचने के लिए पहाड़ों की सैर करेगी, लेकिन वह वहां जाएगी कैसे? ये तो उस ने सोचा ही नहीं था. इन दिनों वह दिनरात इसी उधेड़बुन में लगी रहती थी.
गजब का सहायक फुरू
फुरू ने कहा, "लेकिन मालिक, मैं तो उसे नहीं जानता हूं. मैं उसे कैसे पहचानूंगा?"
पंखों की प्रशंसक फराह
फराह एक छोटी सी खूबसूरत लड़की, पंखों की प्रशंसक थी. उस के मम्मीपापा के कमरे में एक लाल रंग का सीलिंग फैन था. दादीमां के कमरे में छत का सफेद पंखा था. फराह के पास ब्लू कलर का एक टेबल फैन था. उस के बाद भी फराह की शिकायत थी, "हमारे स्टोररूम और काम के एरिया में एक भी पंखा नहीं है. मुझे अपनी पम्मी बिल्ली के लिए भी एक छोटे से पीले रंग के पंखे की जरूरत है."
प्यारे नर्स भैया
पारस के पापा पेशे से डाक्टर थे. उन का अपना नर्सिंगहोम था, जिस में मरीजों के रहने के लिए दस कमरे व एक औपरेशन थियेटर था. समयसमय पर और भी डाक्टर वहां आते थे. इस के अलावा उन्होंने मरीजों की देखभाल करने के लिए कुछ नर्से भी नियुक्त की थीं.
जंगल में चुनाव
मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच चंपकवन नाम का एक बहुत घना जंगल था. शेरसिंह वहां के राजा थे. शेरसिंह बहुत अच्छे राजा थे और वे अपनी प्रजा का पूरा ध्यान रखते थे. उस के राज में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही तरह के जानवर खुशीखुशी जंगल में रहते थे. जंगल में सभी के लिए पर्याप्त खाना और पानी था, किसी को कोई परेशानी नहीं थी. इसलिए सब शेरसिंह को काफी पसंद करते थे.
शांत महारानी
नूरनाम का एक बाघ महारानी थी, जो घमंडी और गर्ममिजाज की थी. वह बिना मतलब गुर्राती, दहाड़ती और जंगल के जानवरों को डराती थी.
కుంభకర్ణ పిగ్గి
“ఉ ... గుర్ర్... ఉర్...." పిగీ పందిపిల్ల గురక అకస్మాత్తుగా క్లాసు పిల్లలందరినీ ఉలిక్కి పడేలా చేసింది. పిల్లలు పెద్ద పెట్టున నవ్వేసారు. ఈలలు వేస్తూ కేకలు పెట్టారు.కానీ ఇదేమీ పట్టనట్లుగా పిర్లీ తన దృష్టినంతా నిద్రమీద కేంద్రీకరించాడు.
பிக்கி கும்பகர்ணன்!
முரளி டி.வி
புத்தகத்தின் ரகசியம்!
மாயா மற்றும் காவ்யா இருவரும் இரட்டை பிறவிகளாக இருந்தாலும், அவர்கள் முற்றிலும் ஒருவருக்கொருவர் எதிரானவர்கள்.
டைனோசர் தொல்லை!
ஜிங்கோ ஒட்டகச்சிவிங்கி ஆனந்தவன் காட்டில் வசித்து வந்தது. அது கபடம் மற்றும் வஞ்சக குணம் கொண்டது. அது கடனில் வாழும் கெட்ட பழக்கத்தை பெற்றிருந்தது. எப்போதும் யாராவது தான் கொடுத்த கடனை அதனிடமிருந்து திருப்பி கேட்டால், நான் உன் பணத்தை எடுத்து கொண்டு ஓடிவிட மாட்டேன். சில நாட்கள் கழித்து திருப்பி தந்து விடுவேன் என்ற பல்லவியே பாடும்.
வியாபாரியும்! நான்கு குதிரைகளும்!
வெகுகாலத்திற்கு முன் ஒரு வினோதமான அரசன் இருந்தான்.
அறிவினால் கபடதனத்தை அழித்தல்!
நீவவின் ஹவுசிங் சொசைட்டியில் ஒரு கருப்பு நாய் வசித்து வந்தது. அங்கு குடியிருப்பவர்கள் அதை காளி என்றழைத்தனர். அது ஒரு தெரு நாய். ஆனால் ஊர்வாசிகள் தங்களின் செல்லப் பிராணி என்றே நடத்தினர்.
நெல்லிக்கனி
கதை கேளு... கதை கேளு...
கிணற்றுக்குள் ஒரு பேய்!
ஷைனா அவளுடைய அத்தையிடம் சாப்பாத்திகள் அடங்கிய டிபனை கொடுத்து விட்டு திரும்பி வந்து கொண்டிருந்தாள்.
நேர்மை
கோமாளி மாமா-15
ஃபரோக்ளி பற்றிய உண்மை!
பத்து வயதுள்ள ஆயிஷா தன் பெற்றோருடன் நகரத்தில் வாழ்ந்து வந்தாள். ஒவ்வொரு மாலை நேரத்தில் அவள் தன் வீட்டிற்கு அருகில் உள்ள பூங்காவிற்கு தன் நண்பர்களுடன் விளையாடுவதற்கு செல்வாள்.
காபோன்
உலக நாடுகள்
செல்பேசி விளையாட்டுகள் அறிவு வளர்ச்சி தருமா?
காரணமின்றி ஏற்காதீர்கள்
செவ்வாயில் உயிர்களைத் தேடும் 'விடாமுயற்சி'
வேற்றுக் கிரகவாசிகள் இருக்காங்களா? இல்லையா? ஒருவேளை இதுக்கு முன்னாடி இருந்தாங்களா? இல்ல, ஏதாச்சும் உயிரினம் இருந்துச்சா?