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एमवीए को झटका
हालिया लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाले विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के नतीजे एक बड़ा झटका साबित हुए. एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं.
पंगु करने के प्रयास शुरू!
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) की शक्तियां और अधिकार केंद्र सरकार ने बढ़ा दिए हैं. उन्हें उन मामलों का अधिकार भी सौंप दिया गया है जिनमें राज्य के वित्त महकमे की सहमति की जरूरत थी. यह 'कार्य संचालन' नियमों में बदलाव के जरिए किया गया. इससे प्रमुख प्रशासनिक और कानूनी मामलों में एलजी के अधिकार बढ़ गए. ये चुनी हुई सरकार के सत्ता में आने के साथ लागू होंगे.
कई इन्वेंशन किए कल्कि के लिए
डायरेक्टर नाग अश्विन अपनी फिल्म कल्कि 2898 एडी, इसमें किए गए इन्वेंशन और महाभारत की किस्सागोई पर
काका और दादा की दोस्ती का दम
सिनेमा में सक्रिय होने के बावजूद दो खुट अभिनेता दोस्त कुमुद मिश्र और शुभ्रज्योत बराट हिंदी थिएटर के प्रतिनिधि चेहरे बनकर उभरे
चौथे से पहले स्तंभ तक
चौथे स्तंभ से जुड़े रहे ये कुछ नाम अब भारतीय लोकतंत्र की विधायिका के सदस्य के रूप में अपने हुनर को आजमाएंगे
इनकी सबसे ऊंची छलांग
इन नेताओं ने विधानसभा तक में भी पैर नहीं धरा था और अब ऊंची छलांग लगाकर सीधे राष्ट्रीय संसद में पहुंचे
आए कुछ अतिवादी भी
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में उथल-पुथल भरे अतीत की कुछ चिनगारियां इस बार के चुनाव में दिखीं
जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले
ये सांसद जमीन से जुड़े ऐसे नेता हैं जो किसानों के मुद्दों से लेकर तमाम जमीनी मुद्दे उठाते हुए संसद तक पहुंचे
महत्वाकांक्षाओं की फसल
धरतीपुत्र विभिन्न रूप में आए हैं, श्रमिक से लेकर वरिष्ठ और मजबूत वामपंथी. उनके बीच समानता यह है कि वे सभी खेती-किसानी और जमीन से गहरे से जुड़े हुए हैं
नेता वही, पार्टी नई
एक पार्टी से दूसरी में छलांग लगाने और नई वफादारियों की कसमें खाने के बाद चुनावी फतह हासिल करने वाले नेता
संसद में संकाय सदस्य
स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ बिजनेस, कंप्यूटर साइंस और कल्चरल स्टडीज के प्रोफेसरों ने अपने-अपने क्लासरूम से निकलकर राजनीति की खासी हल्ले-गुल्ले वाली दुनिया में कदम रखा. पहली बार चुने जाकर वे संसद में पहुंचे
अब फिक्र देश की सेहत की
लोकसभा में दाखिल हो कई सदस्य ऐसे हैं जिन्हें चिकित्सा सेवा की विविध विधाओं में महारत हासिल है - कोई कार्डियोलॉजी, सर्जरी या फिर मनोचिकित्सा से जुड़ा तो कोई आयुर्वेद और होम्योपैथी का विशेषज्ञ. विधायी कार्यों में इनका अनुभव खासा कारगर साबित होने वाला
अब बनाएंगे कानून
अदालत में दलीलों और बहसबासी से आगे बढ़कर अब संसद में तर्क-वितर्क. इन कानूनविदों के लिए भूमिका का बदलाव
बाबूगीरी से निकलकर बड़े मंच तक
पूर्व नौकरशाह चुनावी राजनीति का हिस्सा बने. सरकारी प्रशासन की बाबूगी वाली कुर्सी मेज से आगे निकलकर वे देश की विधायी व्यवस्था के बड़े मंच पर पहुंचे
बड़े मोर्चे पर मिला मौका
वे अब तक राज्य की राजनीति में सक्रिय थे लेकिन 4 अपने फैसले में जनता ने ऐसे कई नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने का दिया मौका
ऊपर से नीचे के सदन में
राज्यसभा के कई दिग्गज सदस्यों ने आखिरकार जनता की अदालत में जाने का फैसला किया और अब अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर लोकसभा की शोभा बढ़ाने पहुंचे
बुजुर्गों की अपनी टोली
पहली बार चुने गए सांसदों में कई ऐसे जो 70 वर्ष और उससे ऊपर के हैं. भले ही वे देर से लोकसभा पहुंचे हों मगर उनके पास अनुभव की कमी नहीं
महंत, पुजारी, इमाम और तांत्रिक
नवेले इमाम से लेकर खानदानी विरासत वाले और झाड़-फूंक के जरिए नाम कमाने वाले से लेकर स्वयंभू महंत तक, लोकसभा में दिखेंगे धर्मगुरुओं के अलग-अलग रूप
जिन्होने चौका ही दिया
परदे के पीछे खासे जोशो-खरोश से काम करते पार्टी कार्यकर्ता, राजनेताओं के पति / पत्नियां, या राजनीति में कदम रखते फौजी. इस श्रेणी वाले नए सांसद अचानक सबकी नजरों में उभरे
धुरंधरों को धूल चटाने वाले
कमजोर, अनजान, नाउम्मीद ? अब और नहीं. ये सभी नए सांसद उस कहानी के दावेदार हैं जो उन्होंने राजनीति के कुछ महाबली दिग्गजों को हराकर लिखी है
नेता अगली पीढ़ी के
राजनीति उनकी रगों में दौड़ती है. सियासी घरानों के ये वारिस अब अपनी विरासत को मजबूती से आगे बढ़ा रहे
नारी शक्ति के आगे झुकी चुनौती
महिला जनप्रतिनिधि, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया और राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बनाने में सफलता हासिल की
नुमाइंदे ये बेआवाजों के
दलित समुदाय से पहली बार संसद के निचले सदन में पहुंचे प्रतिनिधियों में कुछ-तपाए और मंझे हुए राजनैतिक दिग्गज तो कुछ अपेक्षाकृत नए चेहरे भी
शाही नुमाइंदे
राजघरानों की देवियां और महानुभाव जो लोकसभा में थोड़ा राजसी खनक लेकर आने वाले हैं
करोड़पतियों का क्लब
उद्योग के उन नुमाइंदों से मिलिए जो अब राष्ट्रीय नीति को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे
हाशिए की बुलंद आवाज
लंबे वक्त से हाशिए पर रहे आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों का मकसद अब अपने लोगों के अहम मसलों को देश के सबसे बड़े मंच पर उठाना
राज्यों के क्षत्रप दिल्ली दरबार में
कुछ के लिए यह सियासत में दूसरी जिंदगी थी तो बाकियों के लिए बेहतर कामकाज और लंबी पारी खेलने का इनाम. राज्यों की कमान संभाल चुके नेता अब केंद्र में अपनी छाप छोड़ने को बेताब
नए किरदार में सितारे
तेजतर्रार बॉलीवुड अभिनेत्री से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा के सितारों तक. संसद में पहली बार बतौर सांसद दाखिल होने वालीं मनोरंजन जगत की हस्तियों पर एक नजर
मिलिए अपने-नए सांसदों से
किसानों से लेकर पेशेवरों तक, राजघरानों से लेकर मनोरंजन करने वालों तक, धनी व्यापारियों से लेकर जमीनी स्तर के कामगारों तक, 18वीं लोकसभा में 542 सांसदों में से 280 पहली बार चुनकर आए हैं. इनका संसद में होना उम्मीद जगाता है
आकुल यंगिस्तान
दिग्गज क्रिकेटरों की विदाई के साथ उनके हुनर और कौशल की मशाल अब युवा खिलाड़ियों के हाथों में. टी20 में अब हमारी सारी उम्मीद इन्हीं के कंधों पर