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पिनराई के नए सिपहसालार
केरल में जब वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) ने 40 साल से चली आ रही परंपरा तोड़ते हुए लगातार दूसरा कार्यकाल जीता और वह भी भारी बहुमत से जीता, तो विपक्ष सहित लगभग हर कोई यह मानता था कि 'कैप्टन' पिनराई विजयन के पक्ष में लहर की वजह से ऐसा हुआ.
कोविड पीढ़ी के बोझिल कंधे
स्कूली और सामाजिक जिंदगी पूरी तरह से ऑनलाइन हुई और आमने-सामने की बात-मुलाकात भी करीब-करीब शून्य, ऐसे में भारत के बच्चों पर बहुत बुरी बीत रही
आभासी लड़ाई में फंसे
नरेंद्र मोदी की सरकार और सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर एक बार फिर उलझ गए हैं. हालिया झड़प उस अंतिम तिथि से 24 घंटे पहले हुई जब ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया मंचोंखासतौर पर इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और सिगनल को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को लागू करना था.
अनहोनी की आशंका
कोविड की जानलेवा दूसरी लहर ने खौफ और चिंता की एक नई महामारी को जन्म दिया है. लोग अपने प्राण खोने, प्रियजनों के हमेशा के लिए साथ छोड़ जाने, अकेले रह जाने और नौकरी/रोजगार आदि छिन जाने जैसे अंदेशों से खासे दहशत में हैं. चिंता और व्यग्रता ने इस संकट में मानसिक संत्रास से जुड़े नए पहलू लाकर जोड़ दिए हैं
समुद्र में भयंकर भूल
चक्रवात तौकते ने भारत में अब तक की भीषणतम अपतटीय आपदा में 86 लोगों की जान ले ली. यह इसलिए और भी दुखद है क्योकि पूर्व चेतावनियों के मद्देनजर इन्हें पूरी तरह से टाला जा सकता था
तैरती उम्मीदें
पारंपरिक शिकारे को जल एंबुलेंस में बदलकर डल झील के बाशिंदों को वक्त पर इलाज मुहैया करने में मदद की जा रही है
जिसका कोई नहीं, उसका...
कोई अंतिम सम्मान से वंचित न रह जाए, मन में इस संकल्प के साथ एक नेक दिल इनसान अब गरीब कोविड पीड़ितों और उनके परिवारों को यह गरिमा मुहैया कराने को आगे आया
प्राणवायु का लंगर
तेजी से सोचने में समर्थ सामाजिक सहायता समूह ने मुफ्त ऑक्सीजन देने वाला नया-नवेला लंगर चलाकर कमी को पूरा किया
बॉलीवुड पर डिजिटल राज?
कोरोना महामारी के दौरान सिनेमा के बिजनेस का तौर-तरीका भी बदल रहा है. अमेरिका से फिल्म वितरण का एक नया मॉडल निकला है जिसे हाइब्रिड कहा जा रहा है. इसके तहत थिएटर और डिजिटल में फिल्म एक साथ दिखाई जाएगी और फिर दूसरे प्लेटफार्मों पर.
नारदा कांड का हौवा
पश्चिम बंगाल में जनता की ओर से खारिज कर दिए जाने के बाद भले ही भाजपा सार्वजनिक रूप जसे सामान्य दिखने की कोशिश करे, मगर यहां की चुनावी हार का अपमान वह शायद ही जल्दी भुला पाए. पहले तो भगवा खेमा ने चुनाव बाद हिंसा को राष्ट्रपति शासन लगाने जैसा बड़ा मुद्दा बताने की कोशिश की. लेकिन उसमें खुलेआम राजनैतिक प्रतिशोध की गंध आने लगी तो पार्टी ने उसे छोड़ दिया, और तरकश से नारदा घोटाले का पुरानी तीर निकाल लाई.
आसमान से उतरी मदद
अहमदाबाद में पायलटों का एक समूह जरूरतमंदों को दवाइयां और वित्तीय मदद भी मुहैया कर रहा
टेस्ट-ट्रेस-ट्रीट और टीकाकरण के जरिए कोविड-19 से जंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए 'टेस्ट', 'ट्रेस' और 'ट्रीट' की रणनीति के आधार पर प्रभावी प्रयास जारी रखा है. इस मूलमंत्र का मकसद पहले संक्रामित की पहचान, फिर उसका टेस्ट कराकर उसे उचित इलाज दिलाना है. कोविड-19 की टेस्टिंग में लगातार बढ़ोत्तरी करते हुए सभी सरकारी और निजी टेस्टिंग लैब के पूरी क्षमता के साथ काम करना सुनिश्चित किया है. व्यापक 'कांटैक्ट ट्रेसिंग' के तहत मुख्यमंत्री योगी ने संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का शतप्रतिशत कोविड टेस्ट कराने का सख्त निर्देश दिया है. वहीं, कोविड अस्पतालों की संख्या में निरंतर बढोतरी करते हुए चिकित्साकर्मियों, आवश्यक औषधियों, मेडिकल उपकरणों और बैकअप समेत ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 की रोकथाम के प्रयासों की स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं.इसी कड़ी में कोविड वैक्सीनेशन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. प्रदेश में 18 साल की उम्र से ऊपर के लोगों के लिए मुफ्त कोरोना वैक्सीन की घोषणा करने वाला यूपी पहला राज्य है. इस तरह एक समेकित दृष्टिकोण को लेकर कोरोना वायरस से बचाव का प्रयास निरंतर जारी है.
चौबीस घंटे जलता चूल्हा
महामारी में जब स्कूल बंद हो गए तो मिडडे मील परोसने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्था ने अपनी प्राथमिकता बदली और कोविड पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का दायित्व संभाल लिया
कोविड पर नियंत्रण की कीमत
फरवरी के आखिर और मार्च की शुरुआत में जब कोविड की दूसरी लहर में उछाल आनी शुरू हुई, नीति निर्माता और बैंकर चिंता में पड़ गए कि राज्यों के लगाए जा रहे लॉकडाउन से महंगाई में आग लग सकती है. उनकी चिंता बेबुनियाद नहीं थी, यह तब साबित हुआ जब खुदरा बाजार में पहुंचने से पहले चीजों की कीमतों में बदलावों पर नजर रखने वाले डब्ल्यूपीआइ (थोक मूल्य सूचकांक) के आंकड़े आए.
स्वयंसेवा का गणतंत्र
महामारी के मसीहा जो सरकारी बेरुखी और कोविड से जूझ रहे अपने साथी नागरिकों की ओर मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं
लॉकडाउन से उपजी दुश्वारियां
दूसरी लहर में राज्यों के तय किए नपे-तुले लॉकडाउनों से आर्थिक नुक्सान भले ही सीमित हो गया हो, पर जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी की उपभोक्ता मांग पर भारी असर की आशंका
मुंबई ने दिखाई राह
बीती 16 अप्रैल की रात, मुंबई के सर्वोच्च नागरिक निकाय, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने खुद का गंभीर परीक्षण किया. इसके प्रबंधन में चलने वाले छह अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने का खतरा था, जिससे 168 रोगियों की जान जोखिम में थी. उस रात एक बजे से लेकर अगले दिन सुबह पांच बजे तक नगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल के नेतृत्व में, बीएमसी ने शहर भर के विभिन्न अस्पतालों में रोगियों को शिफ्ट करने के लिए कार्डियक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई. अगले दिन एक नियमित बैठक में, 1989 बैच के आइएएस अधिकारी और सख्त प्रशासक चहल यह घोषणा करने में सक्षम थे कि एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई थी.
फिर मराठा आक्रोश
नए कानून को लागू करने में तीन महीने की देरी ने क्या मराठा समुदाय के कोटे का मौका खत्म कर दिया? महाराष्ट्र में 30 नवंबर, 2018 को एक कानून पारित किया गया था, जिसके तहत सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की एक विशेष श्रेणी बनाई गई थी ताकि सरकार नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में अभी तक अगड़े माने जाने वाले मराठों को आरक्षण के दायरे के भीतर ही 16 फीसद कोटा दिया जा सके. बॉम्बे हाइकोर्ट ने जून, 2019 में इस कानून को स्वीकृति दे दी लेकिन कोटे को घटाकर क्रमशः 13 और 12 फीसद कर दिया.
बाहुबली की विरासत पर दो-दो हाथ
हत्या के अपराध में दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे बाहुबली और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अपने 54वें जन्मदिन के नौ दिन पहले 1 मई को दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड से दम तोड़ दिया. जैसे ही यह खबर आई, बिहार में बड़ी खामोशी से उन अल्पसंख्यकों के दिल जीतने की होड़ शुरू हो गई जो इस बाहुबली को रहनुमा मानते थे.
गोवा ने रखा है गुलजार
पारंपरिक और पश्चिमी सभ्यता के संगम वाला राज्य गोवा सिर्फ पर्यटकों को ही नहीं लुभाता है बल्कि यह फिल्मवालों के दिलों में भी बसा है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और धरोहर को अक्सर फिल्मों में देखा जा सकता है.
टीकाकरण का अंधियारा
देर से टीकों के अधिक उत्पादन और उन्हें हासिल करने की हड़बड़ी के बावजूद देश का टीकाकरण अभियान टीकों की भारी किल्लत से मुकाबिल, खतरनाक दूसरी लहर से पस्त हर कोई अब टीका लगाना चाहता है लेकिन इतने टीके उपलब्ध ही नहीं
कब खत्म होगी यह तबाही?
देश के शीर्ष विशेषज्ञ इस बात का आकलन कर रहे हैं कि रौंदने पर उतारू कोविड-19 की इस दूसरी लहर को आखिर किस तरह से रोका जा सकता है
सैन्य के इस्तेमाल पर असमंजस
वायरस के खिलाफ लड़ाई में सशस्त्र बल आगे आए, पर सरहदों पर तनातनी को देखते हुए वे मौजूदा काम को शायद बढ़ा नहीं पाएंगे
यानी बज गई घंटी!
विधानसभा चुनावों में निराशाजनक नतीजों ने ब्रांड मोदी पर भाजपा की निर्भरता को लेकर सवाल खड़े किए
नाकामियों की त्रासदी
सामूहिक अत्येष्टियां, अस्पताल में बिस्तरों के लिए मारामारी चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए हायतौबा, हर तरफ हाहाकार, पारिवारिक त्रासदियां-कोविड की दूसरी लहर के डरावने नजारों देश की राज्यसत्ता की धीर नाकामी को बेनकाब कर दिया
दीदी से दुर्गा
ममता बनर्जी की जीत ने न केवल बंगाल बल्कि देशभर की विपक्षी ताकतों में उम्मीद पैदा कर दिया है जो भगवा ब्रिगेड की अनवरत चढ़ाई को रोकने की आस लगाए हुए हैं
देहात में फीका पड़ा कमल
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव
डांवाडोल नाव
चुनावों में घटिया प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के लिए फिर से करो या मरो की स्थिति बन गई है. अगर पार्टी खुद को सुधारने के लिए एक ईमानदार प्रयास कर सके तो यह अभी भी विपक्ष को एकजुट करने वाली ताकत बन सकती है
अब यहां एकछत्र राज
केरल में बाम मोर्चे की लगातार दूसरी जीत से पिनाराई विजयन की राज्य में एक के बाद एक संकटों से निबटने की काबिलियत और राजनैतिक अफसाने पर मजबूत पकड़ साबित हुई
चूकता ब्रह्मास्त्र
हाल में संपन्न हुए चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनावों में ध्रुवीकरण की लंबे समय से की जा रही कोशिशें अपेक्षित कामयाबी नहीं दे पाईं, तो, क्या ध्रुवीकरण का आकर्षण मतदाताओं में कम होने लगा?