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दूसरी लहर का डर?
सर्दी की दस्तक और कोविड नियमों को लागू करने में कोताही के फलस्वरूप कोविड की दूसरी लहर शुरू हो सकती है. भारत को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए
सत्ता-विरोधी लहर पर सवार!
एनडीए को टक्कर देने के लिए तेजस्वी के सामने राजद के पारंपरिक मुस्लिम-यादव समीकरण से बाहर निकलने की चुनौती
सबको नंगा करती एक चादर
सर्दियां हर साल अपने साथ कई जाने-पहचाने त्योहार और उत्सव लेकर आती है. पूरे भारत में यह त्योहारों के मौसम की शुरुआत होता है.
एड-टेक का जमाना
जब कोविड-19 की वजह से देशभर में लॉकडाउन लगा तो यह कहर की तरह टूटा और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में पर इसका असर हुआ. नतीजतन, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में 23.9 फीसद की सिकुड़न देखने को मिली.
कैसे मंडराए ड्रोन के झुंड
हथियारबंद ड्रोन के मामले में पीछे सशस्त्र बलों ने आयात के जरिए इसकी भरपाई के लिए तेज कदम बढ़ाया, मगर कठिन सवाल यही है कि इस बेहद जरूरी प्लेटफॉर्म के स्वदेशी निर्माण का इंतजाम करना अनिवार्य
जीत की जोड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे की ताकत के साथ सत्ता विरोधी लहर से निबटकर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में एक और मौका पा सकते हैं. लोकनीति-सीएसडीएस का जनमत सर्वेक्षण तो यही कहता है
जगन बनाम जज
जगन रेड्डी ने शीर्ष न्यायपालिका पर पक्षपाती और भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया
दूसरी लहर के लिए तैयारी
इधर जाकर कुछ दिनों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अफसर थोड़ी राहत की सांस ले रहे हैं. महीनों तक अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, कोविड के दुरूह लक्षणों और एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में इस बीमारी के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने की कठिनाइयों से जूझने के बाद आखिरकार कोविड के मामलों में गिरावट आनी शुरू हो गई है.
उनके पास ताकत है
महामारी में यह संभावना होती है कि वह राजनैतिक सत्ता को सर्वव्यापी बना दे या एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ने का संकेत दे दे. पर मजे की बात है कि कोविङ-19 ने सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष दोनों की सियासी पूंजी में इजाफा किया है.
2020:चुनौती देने का दम
विपरीत परिस्थितियों में जो विजेता बनकर उभरे वही होता है नायक. एक तो अर्थव्यवस्था पहले से ही कछुए की चाल चल रही थी कि कोविड और देशव्यापी लॉकडाउन उसके रास्ते में नए रोड़े अटकाने आ गए. सारा काम-धंधा बैठ गया और लाखों लोग बेरोजगार हो गए.
दिग्गज प्रशासक
चीन से गतिरोध जब चरम पर था, उसी वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले एक आगंतुक का कहना था कि वे मोदी को इस कदर शांतचित्त देखकर स्तब्ध थे.
ये दुनिया हमारी
हम विदेशों में बसे भारतीयों की कामयाबियों को अपना मानकर गर्व करते आए हैं, पर इस साल जब कोरोना वायरस ने सरहदों को बेमानी बना दिया, ये प्रवासी भारतीय ही थे जिन्होंने हमें खुशियां मनाने की सबसे ज्यादा वजहें दी.
राज्यों के रसूखदार
रसूख के मुख्यतः पांच स्रोत हैं: राजनीति और सरकार, कारोबार, मनोरंजन, धर्म और मीडिया.खेलकूद और सिनेमा-टीवी को मनोरंजन के दायरे में रख सकते हैं. लेकिन लोकतंत्र में सबसे ज्यादा रसूखदार व्यक्ति सत्ताधारी राजनेता होते हैं, जिनके पास विभिन्न नीतियों और योजनाओं के जरिए लोगों के जीवन में बदलाव लाने और उन्हें प्रभावित करने की अकूत शक्ति होती है.
आंख में खटकने का खामियाजा
भारत में दलित स्त्रियां जातिगत और लैंगिक हिंसा खास तौर पर बलात्कार की गहरी चपेट में. आखिर किस वजह से वे हर बार इतनी कमजोर साबित होती हैं
अपने ही साये डराने लगे
महामारी से पहले ही बेहाल फिल्म उद्योग अब ड्रग का इस्तेमाल और भाई-भतीजावाद जैसे आरोपों की गहरी मार के चलते अपनी ही खोल में दुबक जाने को मजबूर
इलाज की मरीचिका
शुरुआती उम्मीदों के बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के गारंटीशुदा इलाज की अपनी खोज हमें धीमी करने की जरूरत
चीन से मिली समुद्री चुनौती
दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी आक्रामक ढंग से बढ़ा रही है. चीनी पीएलए-एन का मुकाबला करने के लिए भारत की योजना का अंदरूनी खाका
घाटे की फसल
मौके पर सरकारी खरीद के इंतजाम नाकाफी, किसान औने-पौने बेच रहे फसल.पर सरकार सुधार के उपायों पर कायम
कोविड योद्धाओं को सलाम
कोविङ-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में आगे बढ़कर भूमिका निभाने वाले योद्धाओं का सम्मान
फिर भी ये जिद है कि हम...
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में अहम मोड़ 29 सितंबर को आया. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सात डॉक्टरों के पैनल ने सीबीआइ के सामने एक फॉरेंसिक रिपोर्ट पेश की, जिसकी मुंबई के आरएन कूपर म्युनिसिपल जनरल हॉस्पिटल के डॉक्टरों के आकलन के साथ इस बात पर सहमति थी कि राजपूत की मौत आत्महत्या ही थी, हत्या नहीं.
ममता ने छेड़ी जंग
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने 'बाहरी' भाजपा से 'मातृभूमि' बंगाल को बचाने की लड़ाई के लिए अपने पुराने 'मां-माटी-मानुष' के नारे को फिर से धार देते हुए 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए ठोकी ताल
असुरक्षित बेटियां
राज्य में महिलाओं के साथ अपराधों की बढ़ोतरी में हाथरस कांड सबसे ताजा, हाल के महीनों में राज्य के हर हिस्से से ऐसी वारदातों की आ रही खबरों से भाजपा की आदित्यनाथ सरकार कठघरे में
उड़ान भरने को तैयार?
भारतीय जनता पार्टी की हाल ही में बनी नई 'टीम के सामने हैं कई चुनौतियां
निगम बनाने की उलझन
केंद्र ने आयुध निर्माण बोर्ड के 41 कारखानों को बताया नाकारापन के अड्डे और कहा कि इनका निगमीकरण जरूरी, लेकिन इससे इलाज मर्ज से बदतर साबित होने का अंदेशा
मरीज का कच्चा चिट्ठा
मरीज की पूरी जानकारी से लैस और साथ रखा जा सकने वाला राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहचानपत्र आम नागरिक के इलाज के नजरिए से मील का पत्थर लेकिन इसे व्यापक डिजिटल प्रणाली से जोड़ने, और निजता की रक्षा के उपायों की दरकार, वरना डेटा के दुरुपयोग सरीखी चुनौतियां कई
तेजस्वी की अपनी दुविधा
राजद के वारिस कोरे कागज से शुरुआत करना चाहते हैं लेकिन जद (यू) और भाजपा लालू राज को चुनावी अफसाने में घसीटकर लाने के लिए बेताब हैं
यानी व्हाट्सऐप चैट में गोपनीय कुछ भी नहीं?
आपके मेसेज किस तरह से टैप, क्लोन या हैक किए जा सकते हैं, और इनसे बचाव के लिए आप क्या कर सकते हैं? यानी इससे जुड़े हर सवाल के जवाब जो आपको परेशान कर रहे हैं
वार्ता के बीच दिखाई आंख
लदाख में भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध छठे महीने में प्रवेश कर गया है. लेकिन धरातल पर तनातनी घटने और स्थितियों के सामान्य होने का कोई संकेत नजर नहीं आता.
संभावनाओं की सिंचाई सवालों का घाट
वन क्षेत्र और आदिवासी गांवों के डूबने की आशंका से चार दशक में कई बार मुल्तवी हुई बोधघाट सिंचाई परियोजना को लेकर कांग्रेस सरकार फिर हरकत में
असल वारिस कौन
सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और जयललिता के दरकिनार किए रिश्तेदार अब दिवंगत मुख्यमंत्री के बहुचर्चित आवास वेद निलयम पर कब्जे के लिए आपस में लड़ रहे हैं