पटना के नौबतपुर में बागेश्वरधाम सरकार के नाम से पहचाने जाने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमत कथा 17 मई को खत्म हुई थी. कार्यक्रम की जमीनी जिम्मेदारियों से फुर्सत मिलने के दो दिन बाद 20 मई को इसकी आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सारस्वत पटना में अपने घर में बैठे कार्यक्रम का हिसाब-किताब निबटाने में व्यस्त थे. कार्यक्रम को लेकर वे बड़े उत्साह से इंडिया टुडे के साथ बातचीत कर रहे थे कि इसी बीच उनके पास भाजपा के विधान परिषद सदस्य हरि सहनी का फोन आया. फोन कॉल निबटा कर सारस्वत बोले कि हरि सहनी अपने गृह जिले दरभंगा में भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आयोजन कराना चाहते हैं और इस आयोजन में होने वाले खर्च के बारे में दरयाफ्त कर रहे थे. इस बात की पुष्टि बाद में खुद हरि सहनी ने भी की. उन्होंने बताया कि वे धीरेंद्र शास्त्री की हनुमत कथा का आयोजन को दरभंगा में कराने का मन बना चुके हैं. सारस्वत के मुताबिक, आयोजन के बाद से कई लोगों ने उनसे और आयोजन समिति के सचिव राजशेखर से ऐसी पूछताछ की है.
राजशेखर जानकारी देते हैं कि बिहार के मुजफ्फरपुर, मधुबनी, भागलपुर, पूर्णिया, सासाराम और बक्सर में लोग पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम आयोजित कराने को लेकर काफी गंभीर हैं. राजशेखर ने यह तो साफ-साफ नहीं बताया कि इन आयोजकों में भाजपा के नेता कितने हैं, मगर इशारे में यह साफ किया कि ज्यादातर भाजपा से हैं और हिंदुत्ववादी राजनीति के ही समर्थक हैं. कृष्ण कुमार सारस्वत ने थोड़ा खुलकर बताया, "यहां आधे लोग बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने या उनके चमत्कार से अपने दुख-दर्द दूर करवाने आए थे और बाकी आधे उनके हिंदुत्व के जयघोष से प्रभावित होकर पहुंचे थे. बाबा जी ने भी क्या कसर छोड़ी, कह ही तो दिया कि बिहार से ही हिंदू राष्ट्र की ज्वाला धधकेगी. ये बातें भाजपा के नेता सीधे-सीधे कहने से बचते हैं लेकिन इनसे फायदा भाजपा को ही है. ऐसे जितने आयोजन होंगे, सबका फायदा आखिरकार भाजपा को ही होगा."
この記事は India Today Hindi の June 07, 2023 版に掲載されています。
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