सवा साल पहले सूबे में सत्तासीन हुई आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार की कार्यशैली कुछ हटकर है, जो राज्य में रिवायती यानी परंपरागत दलों कांग्रेस और अकाली दल से अलहदा है। सो, अब तक कई फैसलों से बवाल ही उठता रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक से लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति तक को मुख्यमंत्री ने अपने हाथ में रखने का फैसले सुनाया, तो केंद्रीय लोक सेवा आयोग समेत कई केंद्रीय मंत्रालयों से लेकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और आला अफसरों से उनकी ठन गई। अब सरकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के मामलों में भी कूद पड़ी है। विपक्ष को उम्मीद है कि ये अजीबोगरीब फैसले मान सरकार के गले की फांस बन जाएंगे।
पिछले करीब एक साल से राज्यपाल पुरोहित से मुख्यमंत्री भगवंत मान का छत्तीस का आंकड़ा है। चंडीगढ़ में हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में मान ने यहां तक कह दिया कि, "मेरे ही हेलीकॉप्टर में जाने वाले राज्यपाल मुझे ही गालियां निकालते हैं।" राज्यपाल ने भी अगले दिन एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर कहा, "पंजाब में रहते हुए अब कभी सरकारी हेलीकॉप्टर का प्रयोग नहीं करूंगा। मेरी पृष्ठभूमि साधारण परिवार की है इसलिए हेलीकॉप्टर की बजाय सड़क मार्ग से जाऊंगा।"
この記事は Outlook Hindi の July 24, 2023 版に掲載されています。
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