सिनेमा के एंडलेस बार्डर्स
Outlook Hindi|January 08, 2024
आठ दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 54वां संस्करण नए निर्देशकों, अनूठी फिल्मों और बेहतरीन कलाकारों से गुलजार रहा
गिरिधर झा
सिनेमा के एंडलेस बार्डर्स

र साल गोवा में सैलानियों के आने के मौसम की बुलंदी से ठीक पहले सिनेमा के शौकीनों का जमावड़ा लगता है। केंद्रीय सूचनाप्रसारण मंत्रालय के आयोजन में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दुनिया भर के फिल्मकार, कलाकार और बेहतरीन फिल्मों को देखने की आस लिए सैकड़ों दर्शक इस तटीय राज्य का रुख करते हैं । 20 नवंबर से शुरू हुए आठ दिवसीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण में भी ऐसा ही हुआ, जहां भारत सहित विश्व की चुनिंदा फिल्में दिखाई गईं। इस बार फारसी फिल्म एंडलेस बॉर्डर्स ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का गोल्डन पीकॉक पुरस्कार हासिल किया। जूरी ने निर्देशक अब्बास अमीनी की कहानी कहने की साहसपूर्ण कला की सराहना की। फिल्म अफगान सीमा के करीब ईरान के एक गरीब गांव में एक निर्वासित ईरानी शिक्षक अहमद की कहानी है। तालिबान के बढ़ते प्रभाव ने अफगानिस्तान में जातीय और आदिवासी युद्धों की आग को फिर भड़का दिया है। हजारों अफगान अवैध रूप से ईरान में प्रवेश करते हैं, जिन पर तालिबान का खतरा मंडराता रहता है। अहमद जब अफगानिस्तान के एक हजारा परिवार से परिचित होता है, तो उसे क्षेत्र में पूर्वाग्रह और हठधर्मिता का असली चेहरा दिखाई देता है । निषिद्ध प्रेम उसे आगे बढ़कर काम करने पर मजबूर करता है और उसे अपने जीवन में प्रेम और बहादुरी की कमी का पता चलता है। फिल्म पूर्वाग्रहों के बीच राजनीतिक और भावनात्मक सीमाओं को पार करते हुए प्रेम की शक्ति को चित्रित करती है।

गोल्डन पीकॉक पुरस्कार के लिए इस बार 12 अंतरराष्ट्रीय और 3 भारतीय फिल्मों सहित 15 फिल्मों के बीच प्रतिस्पर्धा थी । पुरस्कार में 40 लाख रुपये, प्रमाणपत्र और गोल्डन पीकॉक मेडल शामिल था। गोल्डन पीकॉक पुरस्कार दुनिया के प्रतिष्ठित फिल्म सम्मानों में से एक है। इस वर्ष की जूरी में भारतीय फिल्म निर्माता शेखर कपूर, स्पेनिश सिनेमैटोग्राफर जोस लुइस अल्काइन, फ्रांसीसी फिल्म निर्माता जेरोम पैलार्ड और कैथरीन डुसार्ट और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता हेलेन लीक जैसे सिनेमा उद्योग के दिग्गज शामिल थे। अध्यक्ष शेखर कपूर थे।

この記事は Outlook Hindi の January 08, 2024 版に掲載されています。

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