रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi|January 06, 2025
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
अनिरुद्ध भट्टाचार्य
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

हिंदुस्तानी फिल्म संगीत में गायक कुंदनलाल सहगल के बाद आई पीढ़ी के नवरत्न लता मंगेशकर, आशा भोसले, गीता दत्त, हेमंत कुमार, तलत महमूद, मोहम्मद रफी, मुकेश, किशोर कुमार, मन्ना डे थे। उनमें किसी की भी गायन शैली दूसरे से नहीं मिलती थी। सबका अपना अंदाज था। उनमें अकेले रफी साहब के पास रेंज और मॉड्युलेशन की ऐसी क्षमता थी कि वे किसी भी मूड का गाना आसानी से गा और निभा लेते थे। रफी सभी रेंज के गाने आसानी से गा सकते थे। रफी की खासियत थी कि वे लय बहुत जल्दी पकड़ लेते थे। संगीतकार उन्हें गाना सुनाते और रफी साहब फौरन गाने का मूड भांप लेते। उन्हें रिकॉर्डिंग में भी बहुत वक्त नहीं लगता था। फिल्म निर्माता इस गुण को बहुत पसंद करते हैं। इससे समय बचता है और समय की बचत ही पैसे की बचत है।

रफी की यह विशेषता थी कि वे अलग-अलग अभिनेताओं के लिए अलहदा अंदाज में गा सकते थे। किन्हीं दो अभिनेताओं पर उनके गायन का अंदाज एक जैसा नहीं होता था। दिलीप कुमार के लिए गाये गीत सुनिए तो वह शम्मी कपूर के लिए गाये गीतों से बिल्कुल जुदा मिलेंगे। यही रफी साहब का जादू था । रफी चाहे फिल्म के मुख्य अभिनेता के लिए गीत गाएं या फिर चरित्र अभिनेता के लिए, उनका समर्पण शत-प्रतिशत रहता था। चाहे आप धर्मेंद्र पर फिल्माए गीत सुनें या जॉनी वॉकर पर, आपको दोनों गीतों में उनकी दक्षता दिखाई देगी। लंबे समय तक हिंदी फिल्म संगीत में सार्थक बने रहने के पीछे रफी साहब का यह गुण उनके बहुत काम आया।

この記事は Outlook Hindi の January 06, 2025 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Outlook Hindi の January 06, 2025 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

OUTLOOK HINDIのその他の記事すべて表示
'वाह उस्ताद' बोलिए!
Outlook Hindi

'वाह उस्ताद' बोलिए!

पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते

time-read
4 分  |
January 06, 2025
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
Outlook Hindi

सिने प्रेमियों का महाकुंभ

विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव

time-read
3 分  |
January 06, 2025
विश्व चैंपियन गुकेश
Outlook Hindi

विश्व चैंपियन गुकेश

18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा

time-read
3 分  |
January 06, 2025
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
Outlook Hindi

सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप

भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात

time-read
10 分  |
January 06, 2025
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi

रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी

time-read
5 分  |
January 06, 2025
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
Outlook Hindi

हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान

मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी

time-read
5 分  |
January 06, 2025
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
Outlook Hindi

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे

रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी

time-read
10 分  |
January 06, 2025
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
Outlook Hindi

'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।

time-read
5 分  |
January 06, 2025
आधी हकीकत, आधा फसाना
Outlook Hindi

आधी हकीकत, आधा फसाना

राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां

time-read
8 分  |
January 06, 2025
संभल की चीखती चुप्पियां
Outlook Hindi

संभल की चीखती चुप्पियां

संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी

time-read
6 分  |
January 06, 2025