मेरो मन अनत कहां सुख पावै, जैसे उड़ि जहाज कौ पंछी पुनि जहाज पै आवै।
सूरदास की इन पंक्तियों के पंछी की तरह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से अपने पुराने 'जहाज' पर अपना सियासी सफर जारी रखने के लिए लौट चुके हैं। बीते 27 जनवरी को उन्होंने लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल और राहुल गांधी के के कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ कर भाजपा के साथ अपने संबंधों को साथ अपने संबंधों को पुनः बहाल कर लिया। वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले वे महागठबंधन सरकार के मुखिया थे, अब वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा (एनडीए) हुकूमत के सिरमौर होंगे। सत्ता का यह अनूठा हस्तांतरण बिलकुल सहज तरीके से हो गया। न हींग, न फिटकरी, उनकी राजनीति का रंग हर बार की तरह चोखा ही रहा। मुख्यमंत्री वही रहे, बस उनके सहयोगी बदल गए। जो विपक्षी दल कल तक उन पर सदन और सदन के बाहर हमलावर रहते थे, वे उनके कसीदे पढ़ने लगे और जो सहयोगी रोज उनकी हां में हां मिलाते थे, उन्हें विधानसभा में प्रतिपक्ष के लिए आरक्षित मेजों का रुख करना पड़ा। इस घटना ने देश की राजनीति पर नजर रखने वालों को भौंचक्का कर दिया लेकिन इस पूरे प्रकरण के केंद्रीय पात्र नीतीश कुमार के लिए यह उतना ही स्वाभाविक था जितना उनके लिए तमाम राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बना रहना । आखिरकार, यह नौंवां मौका था जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है और जैसा कि प्रदेश के एक कांग्रेसी नेता ने कहा, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होने की हकदार है।
この記事は Outlook Hindi の February 19, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の February 19, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम