एक पहेली बूझिए, 43 बनाम 25 कौन जीता। आप सोचेंगे, यह कैसी पहेली है। अगर पता चले कि 25 जीत गया तो सिर खुजलाने लेंगेगे। कैसे, 9 ने पाला बदल लिया। आप सोचेंगे, आइपीएल या फुटबॉल क्लबों की निलामी की बात हो रही है क्योंकि रूठने या रंजिश या फिर पैसे की वजह से खिलाड़ी इधर से उधर हो जाते हैं। लेकिन पता चले कि यह राजनीति और चुनाव (राज्यसभा) की कहानी है तो हैरत में पड़ जा सकते हैं। यही हुआ हिमाचल प्रदेश में हुआ और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी से भाजपा के हर्ष महाजन ‘लकी ड्रॉ’ में विजयी घोषित हो गए। 27 फरवरी को राज्यसभा चुनावों में कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश में भी हुआ, जहां समाजवादी पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार ने पद से इस्तीफा दिया और उनके साथ छह अन्य विधायकों ने भाजपा वोट देकर सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को हरा दिया। कांग्रेस सिर्फ अपना गढ़ दक्षिण के द्वार कर्नाटक में ही बचा पाई, जहां उसके तीनों उम्मीदवार जीत गए और भाजपा को एक ही सीट मिल पाई, बल्कि भाजपा के दो विधायक दूसरी ओर वोट कर गए।
इन्हीं तीन राज्यों में मुकाबले की स्थिति आई थी। नतीजे उत्तर प्रदेश में भाजपा के 8 और सपा के दो उम्मीदवार जीते। हिमाचल की सीट भाजपा के पक्ष में गई। बाकी राज्यों में 41 राज्यसभा सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए थे। उनमें राजस्थान से सोनिया गांधी, गुजरात से जे.पी. नड्डा, महाराष्ट्र से हाल में भाजपा में शामिल हुए अशोक चव्हाण प्रमुख हैं। भाजपा को सबसे ज्यादा 20, कांग्रेस 6, तृणमूल कांग्रेस 4, वाइएसआर कांग्रेस 3, राजद 2, बीजद 2 और राकांपा, शिवसेना, बीआएस तथा जदयू को एक-एक सीट मिली।
この記事は Outlook Hindi の March 18, 2024 版に掲載されています。
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम