यामिनी कृष्णमूर्ति 20 दिसंबर 19403 अगस्त 2024
सर्वाधिक लोकप्रिय और अनूठी नृत्यांगना के पच्चासी साल नृत्य में उनके विलक्षण अवदानों से भरे हैं। तकरीबन सात दशक तक उनके नृत्य की कीर्ति पताका देश-देशातंर में लहराती रही। इस परंपरागत भरतनाट्यम नृत्य की धारा को उनमें अपना नवोन्मेष मिला और इस नृत्य की लोकप्रियता अपने में एक जनधारा बनी। भारतीय नृत्य विद्या चिर ऋणी रहेगी अपनी इस प्रियदर्शी प्रज्ञा शिल्पी की।
नृत्य की जादूगर यामिनी का सांवला, शांत, गंभीर व्यक्तित्व अपने में ही खोया हुआ नजर आता था। पर उसके पीछे जैसे एक समुद्र की आहट सुनी जा सकती थी। यामिनी कृष्णमूर्ति दूसरी नृत्यागंनाओं की तरह प्रदर्शन प्रिय नहीं थीं। वे अपनी कला की विक्रेता नहीं थीं। भरतनाट्यम उनके लिए सिर्फ नृत्य नहीं, एक जीवित उपस्थिति था।
この記事は Outlook Hindi の September 02, 2024 版に掲載されています。
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