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April-2024 Edition

लोकतंत्र को धारदार बनाने के लिए जरूरी है शत-प्रतिशत मतदान

भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मतदान महज वोट करने के लिए चुनावी बटन को प्रेस करने की प्रक्रिया का ही नाम नहीं है। मतदान एक ऐसी प्रक्रिया है जो देश में जन आकांक्षा को मूर्तमान बनाने का माध्यम है, शासन को सुशासन तक पहुंचाने वाला उपकरण है, प्रतिनिधि मूलक लोकतंत्र को मजबूत करने का आधार है, देश की सत्ता में जन साझेदारी का आयाम है। भारत जैसे देश में शत-प्रतिशत मतदान की आवश्यकता है क्योंकि मतदान का स्तर जितना बढ़ेगा, राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूक लोगों के द्वारा उतनी ही अच्छी सरकार का चयन किया जाएगा।

लोकतंत्र को धारदार बनाने के लिए जरूरी है शत-प्रतिशत मतदान

4 mins

2024 का चक्रव्यूह भेदने की बेताबी

अब भाजपा ने मोदी की गारंटी को लोकसभा चुनावों के लिए अपना मुख्य नारा बना लिया है। इसके साथ ही 22 जनवरी को अयोध्या में संपन्न हुए राम मंदिर में श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य और दिव्य आयोजन से देश में जो राममय माहौल बना, भाजपा को उससे भी अपना चुनावी बेड़ा पार होने की उम्मीद है। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में सपा व कांग्रेस में हुई क्रॉस वोटिंग से भाजपा ने जिस तरह अपने अतिरिक्त उम्मीदवारों को जिताया है, उससे जाहिर होता है कि जीत के लिए भाजपा हर रणनीति अपनाने से पीछे नहीं हटती है। उधर, भाजपा को सत्ताच्युत करने के लिए विपक्ष एकजुट तो जरूर हुआ है लेकिन बावजूद इसके उसमें बिखराव जारी है।

2024 का चक्रव्यूह भेदने की बेताबी

10+ mins

'नेता मुक्त' होती कांग्रेस

10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014 से 12 पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 50 से ज्यादा बड़े नेता कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। इन सभी नेताओं के कांग्रेस छोड़ने की वजह नेतृत्व और पार्टी की कार्यप्रणाली में कमियां गिनायीं । जाहिर है बड़े और जनाधार वाले नेताओं का कांग्रेस से बाहर जाना पार्टी के लिए परेशानी का सबब है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबियों में शुमार होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा जैसे नेता भी पार्टी को अलविदा कह भगवा खेमे में जा चुके हैं।

'नेता मुक्त' होती कांग्रेस

3 mins

भाजपा ने रिकार्ड दोहराने को दिग्गजों पर खेला दांव

भाजपा ने जीत की गारंटी पर ही टिकट तय किए। प्रदेश की टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल यूएसनगर सीट पर सिटिंग सांसदों को ही एक बार फिर मौका दिया गया जबकि हरिद्वार और पौड़ी संसदीय सीट पर नये चेहरों को मौका दिया गया है। अब प्रदेश में पांचों सीटों पर सभी प्रत्याशी नामांकन भी कर चुके हैं। पौड़ी संसदीय सीट पर इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री के करीबी भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को मौका दिया गया। वहीं हरिद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उतारा गया है।

भाजपा ने रिकार्ड दोहराने को दिग्गजों पर खेला दांव

7 mins

धामी के कंधों पर उत्तराखंड का मिथक तोड़ने की चुनौती

प्रदेश की धामी सरकार ने पिछले दो साल में कई अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इसमें सबसे पहले आता है समान नागरिक संहिता कानून जो लागू होने जा रहा है। बताते चलें कि यूसीसी से महिला सशक्त होगी, उनकी सुरक्षा होगी, बच्चों की सुरक्षा होगी, लिव इन रिलेशनशिप का भी ध्यान रखा गया है। इसके बाद दूसरा नंबर आता है नकल रोकने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून भी राज्य सरकार लेकर आयी है।

धामी के कंधों पर उत्तराखंड का मिथक तोड़ने की चुनौती

6 mins

पहला द्वार पश्चिमी यूपी तो 7वां पूर्वांचल में खुलेगा

19 और 26 अप्रैल को प्रथम एवं द्वितीय चरण का मतदान होगा। इन दोनों चरणों में पश्चिमी यूपी की 16 सीटों पर वोटिंग होगी। प्रथम और दूसरे चरण के मतदान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की क्रमशः आठ-आठ सीटों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। 07 मई को भी तीसरे चरण में दस सीटों पर मतदान होगा। इसमें भी 10 में से पश्चिमी यूपी की चार सीटें शामिल होंगी।

पहला द्वार पश्चिमी यूपी तो 7वां पूर्वांचल में खुलेगा

5 mins

पश्चिमी यूपी के मुसलमान इस बार किसके साथ?

पश्चिमी यूपी की 27 सीटों पर पहले तीन चरणों में मतदान होना है, जहां मुस्लिम वोटर की बड़ी आबादी किसी भी चुनाव का परिणाम बदलने का माद्दा रखती है। सपा, बसपा ने पिछले चुनाव में इसी समीकरण के जरिए आठ सीटें जीती थीं। वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों और मुस्लिमों के बीच जो दूरी बढ़ी, वह रालोद के लगातार प्रयास से कम हुई थी।

पश्चिमी यूपी के मुसलमान इस बार किसके साथ?

3 mins

यूपी में पेंडुलम की तरह झूलते ओबीसी वोटर!

केन्द्र में मोदी को शीर्ष तक पहुंचाने में ओबीसी की बड़ी भूमिका रही है। राज्यों में मुलायम, लालू एवं नीतीश की राजनीति भी ओबीसी की फैक्ट्री से ही निकली। आज भी कई राज्यों में राजनीतिक दलों का भविष्य ओबीसी वोटरों के मूड पर निर्भर करता है। यह तब है जबकि चुनाव आयोग के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है, जो बता सके कि किस वर्ग ने किस दल को वोट किया।

यूपी में पेंडुलम की तरह झूलते ओबीसी वोटर!

5 mins

बसपा फिर से सोशल इंजीनियरिंग की राह पर

बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव में अपना पूरा दमखम दिखाने की कोशिश कर रही है। किसी भी चुनाव में मायावती की उपस्थिति इसलिए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि उनके पास दलितों का अच्छा खासा वोट है। मायावती की पहचान एक सशक्त दलित नेता के रूप में भी होती है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है इस बार है मायावती नहीं, उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने प्रचार की शुरुआत की। मायावती के भतीजे आकाश अब बीएसपी में नंबर 2 की हैसियत पर हैं।

बसपा फिर से सोशल इंजीनियरिंग की राह पर

4 mins

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम से मिल रही नई ऊर्जा

उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने केन्द्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में घर-घर बिजली पहुंचाने और फाल्ट की समस्या के निस्तारण के लिए ठोस पहल की। उत्तराखंड ऊर्जा निगम का दावा है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को 99 प्रतिशत विद्युतीकृत कर दिया गया है। हालांकि पहाड़ों के कुछ दुर्गम क्षेत्रों तक बिजली पहुंचना बाकी है।

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम से मिल रही नई ऊर्जा

4 mins

समुद्री डकैतों के लिए खौफ बन कर उभर रही भारतीय नौसेना

हिंद महासागर के कई इलाकों में समुद्री डकैती जारी है । सोमालिया, इथोपिया, इरिट्रिया और जिबूती जैसे देशों के समुद्री डकैत समंदर में सामानों से भरे जहाज लूटने में लगे हैं और अब भारतीय नौसेना इनके लिए एक काल बनके उभरी है। भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी जैसे क्षेत्रों में मैरीटाइम सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए 35 समुद्री लुटेरों को पकड़कर उन्हें मुंबई लेकर आई। इस कार्यवाही को आईएनएस कोलकाता ने अंजाम दिया है।

समुद्री डकैतों के लिए खौफ बन कर उभर रही भारतीय नौसेना

8 mins

बदल रहे मौसम में अपने खान-पान का रखें ध्यान

कहा जाता है कि तंदुरुस्ती हजार नियायत है, सेहत ठीक रहेगी तभी हर काम फिट होगा। पंचतत्व से बना मानव शरीर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक है पर इसका संचालन खुद मानव के हाथ में है।

बदल रहे मौसम में अपने खान-पान का रखें ध्यान

3 mins

दलतंत्र को लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करना चाहिए

वाणी की शक्ति अपरिमित है। संस्कृति मनुष्य को उदात्त बनाती है। संस्कृत देववाणी है। इसमें संस्कृति के विकास की विराट क्षमता है। भारतीय संस्कृति में वाणी और शब्द के आश्चर्यजनक सदुपयोग मिलते हैं लेकिन राजनैतिक क्षेत्र में सामान्य वक्तव्य भी हिंसक हो जाते हैं। भारतीय सुभाषितों में कहा गया है कि सत्य बोलो-सत्यम ब्रूयात। प्रिय बोलो-प्रियं ब्रूयात। लेकिन अप्रिय सत्य मत बोलो। यहां सत्य को भी अप्रिय होने के कारण उचित नहीं कहा गया।

दलतंत्र को लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करना चाहिए

4 mins

धोनी का जलवा बरकरार!

आईपीएल के अपने पहले ही मैच में विस्फोटक बल्लेबाजी से जीता दिल

धोनी का जलवा बरकरार!

5 mins

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