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November 2023 Edition
इंडिया गठबंधन: अखिलेश जयंत का नरम-गरम रवैया
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 'इंडिया' गठबंधन की परतें उधेड़ के रख दी हैं। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए कोई भी सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे अखिलेश यादव की त्योरियां चढ़ गईं। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि जिस तरह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है, उससे इंडिया गठबंधन को खतरा हो सकता है।
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खूब बंट रही मुफ्त की रेवड़ियां
'मुफ्त का चंदन घिस मेरे नंदन....' यह कोई कहावत नहीं लेकिन मुफ्तखोरी करने वालों के ऊपर यह बहुचर्चित कटाक्ष है। सत्ता हासिल करने के लिए लगभग सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए 'रेवड़ियां' बांटने में कोई गुरेज नहीं करते हैं। चाहे घोषणापत्र हो या संकल्प पत्र या फिर बात गारंटी के माध्यम से कही जाये, निहितार्थ सभी के एक जैसे हैं।
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जेल की 'तन्हाइयों' में आजम का परिवार
रामपुर की जेल में बंद आजम और अब्दुल्ला के चलते शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब न हो, इसलिए प्रशासन ने आजम खान को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई जेल में शिफ्ट कर दिया। बाकी की सजा यह दोनों इन्हीं जेलों में काटेंगे। इस तरह से आजम के परिवार के सियासत का 'सूर्यास्त' हो गया। इतना सब हो गया है, लेकिन आजम के समर्थन में कही से कोई आवाज नहीं उठी।
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सीएम धामी ने दिखाया डबल इंजन का 'दम', उत्तराखंड नहीं किसी से कम
पुष्कर सिंह धामी सरकार जल्द प्रदेश को सौंपेगी यूसीसीए भू-कानून व महिला नीति आंदोलनकारियों को आरक्षण देना एवं अर्थव्यवस्था को 5 गुना करना भी लक्ष्य कई सालों बाद अस्थिरता से उबरा प्रदेश, आंदोलनकारियों के कई सपने भी साकार
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उत्तराखण्ड ने विगत 23 वर्षों में लगाई लम्बी छलांगें
राज्य गठन के समय बैंकों की संख्या 873 थी जो कि आज 1452 तक पहुंच गयी। उस समय प्रति 10 हजार जनसंख्या पर एक बैंक था, अब 8 हजार की जनसंख्या पर एक बैंक माना जा रहा है। सन 2002 में जब पहली निर्वाचित सरकार ने सत्ता संभाली तो उस समय बैंकों का ऋण जमा अनुपात मात्र 19 था। मतलब यह कि बैंक जनता से 100 रुपये जमा करा रहे थे तो मात्र 19 रुपये यहां कर्ज दे रहे थे और बाकी धन का कहीं और व्यवसायिक उपयोग कर रहे थे।
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जब मोदी भी बिना कहे न रह सके, वाह धामी जी वाह!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे की धमक से धामी सरकार गदगद है। गढ़वाल में चारधाम यात्रा की तरह कुमाऊं में मानसखंड यात्रा के लिए गलियारा तैयार करने का मुख्यमंत्री जो सपना देख रहे हैं, पीएम ने उसे नई उड़ान दे दी है। बकौल पीएम, हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर बहुत जोर दे रही है। जो लोग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं, वे आस्था के केंद्र जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकेंगे।
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विकास पर कुंडली मार बैठे कई अफसर बजट का सही उपयोग होता तो बदल जाती उत्तराखंड की तस्वीर
योजनाओं को धरातल पर उतारने और बजट के सदुपयोग का समय जैसे ही आता है, विभाग ढीले पड़ने लगते हैं। बजट खर्च के आंकड़े इस सच से पर्दा उठा रहे हैं। आपदा प्रबंधन से हर वर्ष सबसे अधिक प्रभावित होने के बावजूद विभागीय बजट का उपयोग चौकाने वाला है। वर्ष 2022-23 में विभाग को 1366.63 करोड़ खर्च के लिए दिए गए, लेकिन मात्र 833.64 करोड़ का उपयोग हुआ। 532.99 करोड़ की राशि का उपयोग होता तो आपदा से प्रभावितों के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति के संवेदनशील प्रकरण निस्तारित हो सकते थे।
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जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की हरी झंडी
परियोजना के निर्माण से नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर को 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध होगा। 1.50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। साथ में 63 मिलियन यूनिट बिजली भी मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र के इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बांध परियोजना हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान करेगी।
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भ्रष्टाचारियों पर खूब चल रहा धामी का डंडा
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के कारण उत्तराखंड की देशभर में हो रही चर्चा, आईएएस व आईएफएस को भी नहीं बख्शा
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धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति से पूर्व मंत्री हरक रावत की बढ़ीं धड़कनें
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह समेत विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया। खास बात यह है कि इस मामले में उत्तराखंड की सीबीआई पहले ही जांच कर रही है और तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से लेकर विभाग के कई आईएफएस अधिकारी भी इसकी जांच के घेरे में हैं। बड़ी बात यह है कि शासन स्तर पर वित्तीय मंजूरी दिए जाने के विषय पर भी कुछ बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।
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मोक्ष की धरती पर अर्द्धकुंभ
दुनिया के पहले गणतंत्र की धरती बिहार का धार्मिक इतिहास बहुत ही समृद्ध है। राजा जनक, माता सीता जैसी बहुत सी विभूतियों से बिहार की धरती ऐतिहासिक रही है। यहां तीन बार स्वयं शक्ति ने अवतरण लिया। माता सीता, अहिल्या और समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी का अवतरण हुआ। गौतम बुद्ध को यही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कुंभ भी इसे धार्मिक रूप से और समृद्ध बनाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मिथिला के राजा विदेह के समय से ही सिमरिया गंगा नदी तट पर कल्पवास मेले की परंपरा चली आ रही है।
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मिशन 2024 : भाजपा सेट कर रही जीत का फॉर्मूला
सीएम की कुर्सी छिनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी। उन्हें लगातार दो बार पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन, भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व 2019 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह बात भी समझ चुका था कि पार्टी को अगर झारखंड की सत्ता में लौटना है तो आदिवासी चेहरे के हाथ में नेतृत्व की कमान सौंपनी होगी।
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महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!
27 साल की उम्र में विधायक बने शरद पवार की राजनीति की विशेषता शुरुआती दौर से ही सूझ-बूझ से भरी रही है। यही वजह रही कि साल 1967 में वो एमएलए चुने गए जब उनकी उम्र महज 27 साल थी। शरद पवार लगातार उसके बाद बुलंदियों को छूते रहे और तत्कालीन दिग्गज नेता यशवंत राव चव्वहाण उनके राजनीतिक संरक्षक के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाते रहे।
![महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग! महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1493472/pkvPKvDRU1699445215187/1699445361775.jpg)
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कतर और भारतीय डिप्लोमेसी
ईरान को हमास के लिए टेरर फंडिंग करने का जिम्मेदार माना जाता है। ईरान ने हमास को हथियार भी दिए और पैसे भी और फिलिस्तीन के साथ अपनी इस्लामिक बंधुत्व भाव को भी उजागर करता रहा। इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी का इजरायल के साथ खड़े होने की बात करना पश्चिम एशिया की राजनीति करने वाले कुछ देशों को रास नहीं आया।
![कतर और भारतीय डिप्लोमेसी कतर और भारतीय डिप्लोमेसी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1493472/XpoN46a151699445370137/1699445541446.jpg)
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इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर भारत का क्लियर स्टैंड
भारत और इजरायल के संबंध इसलिए भी दिखते हैं क्योंकि दोनों देशों में दक्षिणपंथी नेतृत्व है, लेकिन भारत की पॉलिसी इजरायल को लेकर पूरी तरह से यथार्थवादी बनी हुई है और फिलिस्तीन को लेकर वो आगे भी आदर्शवादी बना रहेगा और उसे समर्थन देगा। यही डी-हाईफेनेशन की नीति है।
![इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर भारत का क्लियर स्टैंड इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर भारत का क्लियर स्टैंड](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1493472/mkwuo8WNY1699445546107/1699445750319.jpg)
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भारतीय संस्कृति में दिवाली के विविध रंग
दीपावली का त्योहार इस बात का प्रतीक है कि हम इन दीपों से निकलने वाली ज्योति से सिर्फ अपना घर ही रोशन न करें वरन् इस रोशनी में अपने हृदय को भी आलोकित करें और समाज को राह दिखाएं। दीपक सिर्फ दीपावली का ही प्रतीक नहीं वरन् भारतीय सभ्यता में इसके प्रकाश को इतना पवित्र माना गया है कि मांगलिक कार्यों से लेकर भगवान की आरती तक इसका प्रयोग अनिवार्य है।
![भारतीय संस्कृति में दिवाली के विविध रंग भारतीय संस्कृति में दिवाली के विविध रंग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1493472/ukqop9qUm1699445760669/1699445905353.jpg)
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