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December-2024
अडाणी पर कैसे टूटा मुसीबतों का पहाड़!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गौतम अडाणी की निकटता को देखते हुए, यह गंभीर संघीय आरोप नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी-भारत संबंधों को जटिल बना सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह यह हाल के वर्षों में अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा चलाए गए सबसे हाईप्रोफाइल मामलों में से एक है, जिसमें कई अधिकार क्षेत्रों को पार किया गया है।
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9 mins
ऐसे कसा अमेरिकी कानून का शिकंजा
एक मामूली साड़ी विक्रेता से दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने का सफर गौतम अडाणी के लिए किसी परीकथा से कम नहीं। भारत की नम्बर वन कंपनी बनने के बाद अडाणी ग्रीन एनर्जी का अमेरिका की तरफ रुख करना शायद अहंकारी अमेरिकी कारोबारियों को पसंद नहीं आया। जो बाइडन प्रशासन के इशारे पर अमेरिका की जांच एजेंसियों ने इस कंपनी की साख पर कूटनीतिक हमला किया। अब एक ऐसी कहानी सामने आई जिसने सबके होश उड़ा दिए।
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9 mins
धामी के चुनावी कौशल से धराशाई कांग्रेस
केदारनाथ सीट उपचुनाव को लेकर भाजपा ने तीन माह पहले से ही जबरदस्त तैयारी की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद इस सीट को फिर से भाजपा की झोली में डालने के लिए पूरी कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी। उन्होंने दो बार बाइक रैली समेत आधा दर्जन से अधिक जनसभाएं भी कीं। इसका फायदा भी भाजपा को मिला। इस सीट की जीत से कार्यकर्ताओं में जो जबरदस्त उत्साह बना, उससे पार्टी को आगामी निकाय व पंचायत चुनाव के लिए बूस्टर डोज मिला है।
![धामी के चुनावी कौशल से धराशाई कांग्रेस धामी के चुनावी कौशल से धराशाई कांग्रेस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/lb-OnT07x1734518709189/1734519241486.jpg)
6 mins
योगी हुए मजबूत, सपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध
अखिलेश का लोकसभा चुनाव जैसा जादू यूपी के उपचुनाव में नहीं चला। सभी नौ सीटें फतेह कहने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी केवल दो सीटों में ही सिमट कर रह गई। अति आत्मविश्वास छोटे मियां को ले डूबा। जाहिर है सपा के मुस्लिम वोट बैंक में गहरी सेंध लगी है।
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5 mins
आखिर देवा भाऊ की हुई वापसी
आखिर देवा भाऊ यानी देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो गई। यह बिलकुल हैरतनाक घटनाक्रम नहीं था। मौका, समय और दस्तूर-तीनों देवा भाऊ के साथ थे। एक और चीज थी जिसने फडणवीस का साथ निभाया, और वह है किस्मत। कोई पांच साल पहले उद्धव ठाकरे ने उन्हें बहुत बेदर्दी से मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया था। ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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9 mins
मंईयां का मैजिक
पहली बार झारखंड विधानसभा चुनाव में परंपरा बदली, इंडिया लगातार दूसरी बार सत्ता में आई। 81 सीटों में से इंडिया गठबंधन को रिकॉर्ड 56 सीट मिले। जीत का सबसे बड़ा कारण मंईयां योजना और सोरेन की पत्नी कल्पना की प्रचार शैली रही। हेमंत गठबंधन बचाने में सफल रहे, कल्पना सोरेन का धुआंधार प्रचा काम आया और मंईयां सम्मान योजना सफल रही। हेमंत की जेल यात्रा का असर और ग्राउंड जीरो पर कुशल रणनीति भी जीत का महत्वपूर्ण हिस्सा रही।
![मंईयां का मैजिक मंईयां का मैजिक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/ebgFDEX7w1734519979788/1734520308262.jpg)
5 mins
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।
![पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/YEsdM8Jfc1734520311679/1734520440784.jpg)
2 mins
प्रदूषण से सांसत में जान
दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।
![प्रदूषण से सांसत में जान प्रदूषण से सांसत में जान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/qSlqh6W2U1734520445182/1734520621326.jpg)
4 mins
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।
![कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/7WNzrzsCD1734520624923/1734520952444.jpg)
4 mins
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।
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7 mins
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।
![डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार! डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/9fxyBW4kU1734521180875/1734521422896.jpg)
10 mins
संकट में पाकिस्तानी शिया
2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।
![संकट में पाकिस्तानी शिया संकट में पाकिस्तानी शिया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/ozgNbGPd81734521461432/1734521571993.jpg)
4 mins
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।
![जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/3FvW4P_911734521577262/1734521739000.jpg)
4 mins
प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श
स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।
![प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/dHxqiFjxu1734521757460/1734521906377.jpg)
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ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।
![ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/kIpTJqI_Q1734521917754/1734522183783.jpg)
6 mins
बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
स्वरा का जीवन एक दिलचस्प सफर है, जिसमें फिल्मी करियर, राजनीतिक सक्रियता और व्यक्तिगत जीवन की कई अहम घटनाओं ने उन्हें मीडिया और दर्शकों के बीच खास स्थान दिलाया है। 1988 में दिल्ली के एक हिन्दू परिवार में स्वरा भास्कर का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सीनियर स्कूल से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, स्वरा भास्कर ने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
![बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/9400/1918748/5PalGZXuO1734522191086/1734522298143.jpg)
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