Modern Kheti - Hindi - 15th March 2024Add to Favorites

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Soil

आईआईएचआर ने विकसित की मिर्च की तीन रोग-प्रतिरोधी किस्में

बेंगलुरु में भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) के वैज्ञानिकों द्वारा तीन संकर मिर्च की किस्में विकसित की गई हैं, जो फाइटोपथोरा रूट रोट (पीआरआर) और लीफ कर्ल वायरस (एलसीवी) सहित कई बीमारियों के लिए प्रतिरोधी हैं।

आईआईएचआर ने विकसित की मिर्च की तीन रोग-प्रतिरोधी किस्में

1 min

भोजन कैसे उगाया जाए, इस पर फिर से सोचने की जरूरत

बात चाहे यूरोप के अमीर किसानों की हो या भारत में उनके गरीब भाईयों की, हम अक्सर ऐसी तस्वीरें देखते हैं जिनमें वे अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे होते हैं और यह इस बात का साफ संकेत है कि वैश्विक कृषि बुरे दौर से गुजर रही है।

भोजन कैसे उगाया जाए, इस पर फिर से सोचने की जरूरत

2 mins

एआई टूल देगा पौधों और जीवों की सही जानकारी

शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग द्वारा उपयोग किए जाने वाले जैविक छवियों का अब तक का सबसे बड़ा डेटासेट बनाया है, साथ ही इससे सीखने के लिए एक नया दिखाई देने वाला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरण विकसित किया है। प्रमुख अध्ययनकर्ता सैमुअल स्टीवंस ने कहा कि नए अध्ययन के निष्कर्षो ने इस दायरे को काफी हद तक बढ़ा दिया है। अब वैज्ञानिक नए सवालों के जवाब देने के लिए पौधों, जानवरों और कवक की छवियों का विश्लेषण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर सकते हैं।

एआई टूल देगा पौधों और जीवों की सही जानकारी

2 mins

जलवायु में बदलाव बढ़ा सकता है टिड्डियों का प्रकोप

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मौसम में बदलाव जैसे-तेज हवा और अत्याधिक बारिश के कारण रेगिस्तानी टिड्डियों के प्रकोप का खतरा बढ़ सकता है।

जलवायु में बदलाव बढ़ा सकता है टिड्डियों का प्रकोप

2 mins

हरियाणा की कृषि नीति से कृषि उत्पादन में हो सकती है कमी

हरित क्रांति के दौर (वर्ष 1970) से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल हरियाणा के कृषि उत्पादन में ठहराव प्रदेश और देश दोनों के लिए चिंता का विषय है।

हरियाणा की कृषि नीति से कृषि उत्पादन में हो सकती है कमी

2 mins

वैज्ञानिकों ने आठ नई प्रजातियों का रहस्य सुलझाया

वर्ष 1934 में, अमेरिकी कीट विज्ञानी एलवुड जिम्मरमैन ने पोलिनेशिया के 'मंगरेवन अभियान' में भाग लिया था।

वैज्ञानिकों ने आठ नई प्रजातियों का रहस्य सुलझाया

2 mins

थ्रेशिंग उपकरण का समायोजन, संचालन और रखरखाव

रैस्प-बार टाइप, वायर लूप टाइप और एक्सियल फ्लो टाइप थ्रेशर धान के लिए उपयुक्त हैं और ये महीन पुआल नहीं बनाते हैं। रास्पबार प्रकार के थ्रेशर का उपयोग अन्य फसलों की थ्रेशिंग के लिए किया जा सकता है, लेकिन किसान इस मशीन को पसंद नहीं करते क्योंकि यह 'भूसा' नहीं बनाती है; और इसके भारी आकार के कारण लागत बहुत अधिक है। हालांकि हैमर मिल प्रकार के थ्रेशर अच्छी गुणवत्ता वाले 'भूसा' का उत्पादन कर सकते हैं, लेकिन उच्च शक्ति की आवश्यकता के कारण इसका उपयोग दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है।

थ्रेशिंग उपकरण का समायोजन, संचालन और रखरखाव

8 mins

कपास फसल की सिफारिशें

रेतीली, लूणी और सेम वाली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती हैं। जमीन अच्छी प्रकार से तैयार करने के लिए 3-4 जुताईयां काफी हैं।

कपास फसल की सिफारिशें

2 mins

भूमि सुधार के लिए एकीकृत पोषण प्रबंधन

कृषि खोज बताती है कि फसलों से अधिक उत्पादन लेने के लिए एवं भूमि की उपजाऊ शक्ति को सदीवी बरकरार रखने के लिए रासायनिक खादों के साथ-साथ जैविक खादों का प्रयोग भी आवश्यक है। भूमि की उपजाऊ शक्ति को बनाये रखने के लिए देसी खादों का बहुत महत्व है।

भूमि सुधार के लिए एकीकृत पोषण प्रबंधन

4 mins

पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना

दुधारू पशुपालन का व्यवसाय आज बहुत सारे किसान भाइयों के लिए मुक्य व्यवसाय बन चुका है। इसमें होने वाले आर्थिक लाभ से किसानों की उन्नति हो सकती है। आज के समय में बहुत से डेयरी कार्य पर महंगे से महंगे अच्छी नस्ल के पशु रखे जाते हैं।

पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना

3 mins

मृदा परीक्षण उद्देश्य, आवश्यकता एवं नमूना लेने का तरीका

मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर की जांच करके फसल एवं किस्म के अनुसार तत्वों की सन्तुलित मात्रा का निर्धारण कर खेत में खाद एवं उर्वरक मात्रा की सिफारिश हेतु।

मृदा परीक्षण उद्देश्य, आवश्यकता एवं नमूना लेने का तरीका

5 mins

एमएसपी की कानूनी गारंटी खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा

एमएसपी पर केवल सार्वजनिक खरीद की बजाये, इस बारे व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है क्योंकि एमएसपी मूल रूप से भारत की खाद्य सुरक्षा और किसानों की जीवन रेखा सुनिश्चित करने के लिए एक मूल्य गारंटी तंत्र है, जिसे सरकार और बाजार दोनों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाने के लिए एपीएमसी अधिनियम में आवश्यक संशोधन द्वारा एक खंड को शामिल करने की आवश्यकता है कि 'एपीएमसी मंडियों में कृषि उपज की नीलामी घोषित एमएसपी कीमतों से कम पर करने की कानूनी अनुमति नहीं है'।

एमएसपी की कानूनी गारंटी खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा

7 mins

आनुवंशिकी नहीं, एफसीओ हैं बढ़ते कुपोषण का मुख्य कारण

हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध में धान और गेहूं में आयरन और जिंक जैसे सूक्ष्म खनिज पोषक तत्वों में कमी और विषाक्त तत्वों की वृद्धि सुर्खियों में रही। शोध के अनुसार, देश के प्रमुख खाद्य अनाजों में खनिज पोषक तत्वों की लोडिंग बढ़ाने से संबंधित आनुवंशिक लक्षणों की उपेक्षा के कारण आवश्यक खनिजों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

आनुवंशिकी नहीं, एफसीओ हैं बढ़ते कुपोषण का मुख्य कारण

6 mins

तोरई की उत्तम खेती एवं पैदावार

तोरई की खेती पूरे भारत में की जाती है। लेकिन तोरई की खेती के मुख्य उत्पादक राज्य केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल और उत्तर प्रदेश हैं। यह बेल पर लगने वाली सब्जी होती है।

तोरई की उत्तम खेती एवं पैदावार

4 mins

Les alle historiene fra Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

UtgiverMehram Publications

KategoriBusiness

SpråkHindi

FrekvensFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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