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जलवाय परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव
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जलवाय परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव

मौसम परिवर्तन कभी भी अचानक नहीं होता, पहले प्रकृति चेतावनी देती है। मानव विकास के समय से लगभग 2 लाख वर्षों में पृथ्वी ने हिमयुग झेला है, अब गर्म युग झेलने की नौबत आ रही है। यही हमारी परेशानी का सबक है। खेती आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश के लिये जो मानसून पर निर्भर है, स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है। आई.पी.सी.सी. की पांचवी रिपोर्ट में भी आगाह किया गया है कि तेजी से तापमान बढ़ेगा, जिसके चलते गर्मी से लोगों की मौत का सिलसिला भी बढ़ेगा।

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15th May 2022
ग्वार की उन्नत खेती
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ग्वार की उन्नत खेती

खरीफ फसल - राजस्थान

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15th May 2022
ग्लोबल वार्मिंग के कारण घट सकता है मकई का उत्पादन
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ग्लोबल वार्मिंग के कारण घट सकता है मकई का उत्पादन

मक्का एक ऐसी खाद्य फसल है जो पूरी दुनिया में उगाई जाती है। जिन छह प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में प्रभावों का अध्ययन किया गया है वो लगभग इसकी कुल वैश्विक पैदावार का दो-तिहाई हिस्सा पैदा करते हैं।

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15th May 2022
कद्दूवर्गीय सब्जियों की उन्नत खेती
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कद्दूवर्गीय सब्जियों की उन्नत खेती

कहूवर्गीय सब्जियाँ गर्मी तथा वर्षा के मौसम की महत्वपूर्ण फसलें हैं। पोषण की दृष्टि से भी ये बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें आवश्यक विटामिन एवं खनिज तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो हमें स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध होते हैं। करेले में पाये जाने वाला चेरेटीन नामक रासायनिक पदार्थ शुगर के रोगियों के लिये बहुत ही लाभदायक साबित होता है।

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15th May 2022
क्या अंतर है टिकाऊ और जैविक खेती में
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क्या अंतर है टिकाऊ और जैविक खेती में

टिकाऊ खेती

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15th May 2022
हींग उत्पादन बढ़ोतरी के लिए प्रयोग जारी
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हींग उत्पादन बढ़ोतरी के लिए प्रयोग जारी

हिमालय में पाई जाने वाली जंगली प्रजातियों में हींग की चार प्रजातियां फेरुला जैशकेना, फेरुला नार्थेक्स, फेरुला ओविना और फेरुला थॉमसोनि हैं, लेकिन फेरुला एसा-फोएटिडा नहीं हैं। फेरुला एसा-फोएटिडा की ही जड़ों से कच्ची हींग निकाली जाती है, जिसका उपयोग भारत में किया जाता है।

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1st May 2022
मौसम की मार ने किया किसानों को परेशान
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मौसम की मार ने किया किसानों को परेशान

बदलते मौसम के कारण पिछले कुछ समय से हमारे किसानों को खेती में घाटा सहना पड़ रहा है। ऊपर से खेती में लागतें बढ़ रही हैं जिस कारण मौजूदा स्थितियों में किसानों को खेती छोड़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है। इसलिए समय रहते ही सरकारों को ऐसी पर्यावरण तकनीकों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है जिससे किसानों की लागतें कम एवं आमदनी बढ़े।

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1st May 2022
वैज्ञानिक विधि से धान की नर्सरी की तैयारी
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वैज्ञानिक विधि से धान की नर्सरी की तैयारी

धान, भारत सहित कई एशियाई देशों की मुख्य खाद्य फसल है। खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान लगभग पूरे भारत में उगाई जाती है।

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1st May 2022
कृषि संकट सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में
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कृषि संकट सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में

मौजूदा समय में पंजाब के किसानी संकट का एक प्रसार मौजूदा शैक्षिक संस्कृति में निजी क्षेत्र के फैलाव के साथ भी जुड़ा हुआ है। पंजाब की किसानी के पास अपने संकटों से उभरने के कई तौर तरीके बताए जाते हैं। कृषि विशेषज्ञों एवं सरकार की ओर से फसली विभिन्नता का सुझाव दिया जा रहा है।

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1st May 2022
सण्डा विधि से धान की रोपाई
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सण्डा विधि से धान की रोपाई

मृदा में प्रचुर मात्रा में फास्फोरस खाद का (90 किलोग्राम फास्फोरस प्रति है.) प्रयोग करना चाहिये। यदि फास्फोरस खाद कम मात्रा में डाली गई है, तो सण्डा धान के पौधों की जड़ों को 3 प्रतिशत फास्फोरस के घोल में 2 घण्टे तक डुबो कर रखना चाहिये।

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1st May 2022
रबी मक्का के प्रमुख रोग एवं उनके एकीकृत प्रबंधन
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रबी मक्का के प्रमुख रोग एवं उनके एकीकृत प्रबंधन

भारत में चावल और गेहूं की खेती के बाद मक्का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न है। उच्च ऊर्जा मूल्य और कम पोषण-विरोधी गुणों के कारण इसकी उपज क्षमता सबसे अधिक है और लोकप्रियता प्राप्त कर रही है।

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1st May 2022
दुनिया भर में घट रही है नाइट्रोजन
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दुनिया भर में घट रही है नाइट्रोजन

नाइट्रोजन की उपलब्धता पारिस्थितिक तंत्र के कामकाज और जीवों के पोषक तत्वों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि कई स्थलीय पारिस्थितिक तंत्रों में नाइट्रोजन की उपलब्धता घट रही है। नाइट्रोजन की उपलब्धता में गिरावट के परिणाम काफी हानिकारक हो सकते हैं।

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1st May 2022
टमाटर : समीक्षा, खेती, समस्याएं एवं निदान
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टमाटर : समीक्षा, खेती, समस्याएं एवं निदान

टमाटर को दो मौसमों में बोया जा सकता है अर्थात् बसंत-ग्रीष्म और शरद ऋतु-सर्दी । बसंतगर्मी की फसल के लिए दिसंबर के महीने में नर्सरी में बीज बोए जाते हैं और शरद ऋतुसर्दियों की फसल के लिए जून-जुलाई में बीज बोए जाते हैं।

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1st May 2022
उर्वरक सब्सिडी 1.65 लाख करोड़ रु. होगी
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उर्वरक सब्सिडी 1.65 लाख करोड़ रु. होगी

यूरिया विनिर्माताओं की लाभप्रदता काफी हद तक सुरक्षित रहती है, लेकिन बढ़ती लागत के बावजूद आरएसपी अपरिवर्तित रहने का मतलब यह होगा कि सरकार को एक बड़ा सब्सिडी खर्च देना होगा।

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1st May 2022
टमाटर की फसल में कीट एवं रोग प्रबन्धन
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टमाटर की फसल में कीट एवं रोग प्रबन्धन

फसल सुरक्षा

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15th April 2022
धान में बीजोपचार का महत्व
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धान में बीजोपचार का महत्व

भारी नीचे बैठे हुए बीजों को निकाल कर साफ पानी में तीन-चार बार धो लें। ध्यान रहे कि नमक बीजों से पूरी तरह साफ कर लें अन्यथा बीजों का जमाव कम होगा। इसलिए बीजों पर नमक का अंश नहीं रहना चाहिए।

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15th April 2022
शुष्क खेती में पोषक तत्वों का प्रबंधन
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शुष्क खेती में पोषक तत्वों का प्रबंधन

शुष्क भूमि में नाइट्रोजन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों को छिड़काव विधि से दिया जाता है। भूमि में पर्याप्त नमी न होने पर घोल को छिड़काव के रूप में देना लाभदायक रहता है।

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15th April 2022
बेल वाली सब्जियों में मुख्य बीमारियों की रोकथाम कैसे करें?
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बेल वाली सब्जियों में मुख्य बीमारियों की रोकथाम कैसे करें?

बागवानी

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15th April 2022
खाद कंपनियों ने बढ़ाना शुरू किया दाम
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खाद कंपनियों ने बढ़ाना शुरू किया दाम

यूरिया की सालाना मांग का एक तिहाई आयात किया जाता है। फरवरी के आखिर में तैयार डीएपी का आयात मूल्य 900 डॉलर प्रति टन से बढ़कर करीब 1050 से 1100 डॉलर प्रति टन हो गया है और इसमें 17 से 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

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15th April 2022
केंचुआ खाद टिकाऊ खेती एवं आमदनी का अच्छा स्त्रोत
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केंचुआ खाद टिकाऊ खेती एवं आमदनी का अच्छा स्त्रोत

वर्मी कम्पोस्टिंग में केंचुओं की उन प्रजातियों का चयन किया जाता है जिनमें प्रजनन व वृद्धि दर तीव्र हो, प्राकृतिक तापमान के उतार चढ़ाव सहने की क्षमता हो तथा कार्बनिक पदार्थों को शीघ्रता से कम्पोस्ट में परिवर्तित करने की क्षमता हो। उदाहरणतया आइसीनियाँ फीटिडा, यूडरीलस, यूजेनी तथा पेरियोनिक्स एकस्केवेटस।species of earthworms

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15th April 2022
कृषि व्यापार में प्रबंधन का महत्व
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कृषि व्यापार में प्रबंधन का महत्व

"आधुनिक कृषि सैक्टर के सामने अनेक मसले, समस्याएं एवं संभावनाएं दरपेश हैं। इन स्थितियों के मद्देनजर कृषि को वैज्ञानिक स्तर पर चलाना एवं मंडी आधारित अर्थ-व्यवस्था में सफल होने के लिए नई सोच को अपनाना एक नई चुनौती के रुप में उभर कर सामने आई है। व्यापारिक दृष्टि के बिना आधुनिक समय में कृषि में सफलता लगभग असंभव है।"

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15th April 2022
आँवला एक गुण अनेक
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आँवला एक गुण अनेक

चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवले का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है।

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15th April 2022
खेतों को अधिक उपजाऊ बनाते हैं केंचुए
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खेतों को अधिक उपजाऊ बनाते हैं केंचुए

शोधकर्ता इस बात से चकित थे कि कृमि नाइट्रोजन कितनी तेजी से मिट्टी के माध्यम से, जड़ों तक, पौधों में और पौधों के रस पर भोजन करने वाले कीड़ों में चली जाती है। यहां बताते चलें कि ग्रीनफ्लाई फसलों और उद्यान के पौधों का एक आम कीट है।

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15th April 2022
प्राकृतिक ढंग से होगा चिचड़ों का इलाज
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प्राकृतिक ढंग से होगा चिचड़ों का इलाज

वैज्ञानिकों ने घरेलू उपायों से पशुओं में संक्रमण फैलाने वाले जीवों का उपचार खोजा है। इसके लिए नीम जिसका वैज्ञानिक नाम अजादिराछा इंडिका है और निर्गुन्डी जिसे वैज्ञानिक तौर पर विटेक्स नेगुंडो के नाम से जाना जाता है, इनका उपयोग कर यह दवा या फॉर्मूलेशन तैयार किया गया है।

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15th April 2022
स्ट्राबेरी के प्रमुख रोगों का प्रबंधन
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स्ट्राबेरी के प्रमुख रोगों का प्रबंधन

फसल सुरक्षा

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1st April 2022
मृदा पोषकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण यूरिया ब्रिकेटस
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मृदा पोषकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण यूरिया ब्रिकेटस

पोषक तत्व - राजस्थान

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1st April 2022
मृदा अपरदन के कारण और रोकने के उपाय
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मृदा अपरदन के कारण और रोकने के उपाय

मृदा पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जो कि जीवन बनाये रखने में सक्षम है। किसानों के लिये मृदा का बहुत अधिक महत्व होता है, क्योंकि किसान इसी मृदा से प्रत्येक वर्ष स्वस्थ व अच्छी फसल की पैदावार पर आश्रित होते हैं।

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1st April 2022
मप्र सरकार का कृषि बजट में किसानों की जमीनी जरुरतों का रखा है ख्याल
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मप्र सरकार का कृषि बजट में किसानों की जमीनी जरुरतों का रखा है ख्याल

कृषि बजट

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1st April 2022
बैंगन का जड़ गाँठ रोग एवं उसका प्रबंधन
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बैंगन का जड़ गाँठ रोग एवं उसका प्रबंधन

फसल सुरक्षा

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1st April 2022
बहुआयामी कीट प्रबंधन समय की आवश्यकता
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बहुआयामी कीट प्रबंधन समय की आवश्यकता

किसान को कीटों के बारे में जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च से बचा जा सकता है। प्रत्येक फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले शाकाहारी (दुश्मन) कीट आते हैं तो इन कीटों की आबादी को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी (मित्र) कीट भी फसलों पर आते हैं। आवश्यकता है इन कीटों की जानकारी एवं इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।

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1st April 2022