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बायोचार का कृषि के क्षेत्र में लाभदायक उपयोग
बायोचार शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है बायो फर्टिलाइजर और चारकोल । बायो फर्टिलाइज़र का मतलब ऐसे सूक्ष्म जीवों से है जो पौधों को प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व प्रदान कराते हैं और चारकोल का अर्थ लकड़ी का कोयला है । इस प्रकार बायो फर्टिलाइजर का पहले दो अक्षर व चारकोल के पहले दो अक्षर से मिलकर बना है बायोचार ।
बदलते जलवायु का कृषि पर प्रभाव व उसका नियोजन
अजित सिंह, संदीप रावल, अनिल कुमार, गोविंद प्रसाद और एन. के. गोयल
फूड लेबलिंग के नियम-कायदे और फायदे?
भारत में खाने पीने की चीजों के विज्ञापन और लेबलिंग से जुड़े नियम कायदों में कई खामियां हैं । नामी फूड ब्रांड भी इन कमियों का फायदा उठाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं रहते । इसलिए खाद्य नियामक लेबलिंग नियमों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है ।
फसल व पौधे का पाले से बचाव हेतु प्रबंधन
डॉ. राम प्रताप सिंह एवं डॉ. आर. एस. सिंह, सहायक प्राध्यापक शस्य विज्ञान विभाग, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रो. विवि. कुमारगंज, अयोध्या (उ. प्र.)
प्रसिद्ध अनुसंधान विज्ञानी जीत सिंह संधू
प्रोफैशर जीत सिंह संधू प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और अनुसंधान प्रबंधक, 'कुलपति, श्री करण नरेन्द्र एग्रीकल्चर युनिवर्सिटी इंचार्ज, जोबनेर' के रूप में नियुकत किए गए हैं । 1 अगस्त 1955 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में डॉ . संधू ने 1978 में राजस्थान विश्वविद्यालय , जयपुर से स्नातक किया और 1982 में मास्टर और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की । गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , पंतनगर से पादप प्रजनन में 1985 में डिग्री प्राप्त की ।
प्रसंस्करण हेतु आलू के विभिन्न भागों का जैव-रासायनिक मूल्यांकन
बंदना, विनीत शर्मा, मनोज कुमार , ब्रजेश सिंह ,केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान परिसर , मोदीपुरम , मेरठ ( उ . केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान परिसर , मोदीपुरम , मेरठ ( उ . प्र . ) केन्द्रीय आलु अनुसंधान संस्थान , शिमला ( हि . प्र . )
प्रकृति को संवारने में लगी प्रिया दत्त और रेनु वाध्वा
पर्यावरण संरक्षण का ऐसा कार्य हो , जिसके साथ - साथ धर्म और सांस्कृति का भी संरक्षण हो धरती पर ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके । जिससे मानव जाति में शारीरिक और मानसिक अक्षमताएं दूर हो सकें और जहरीली दवाइयों से मुक्ति मिल सके ।
पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व
पौधों की वृद्धि के लिए सत्रह तत्वों को आवश्यक माना जाता है । वे हैं : कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोर्स, पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, लोहा, मैंगनीज, जस्ता, तांबा, बोरान, मोलिब्डेनम, क्लोरीन और निकल ।
पीएम किसान निधि योजना कैसे जानें अपना स्टेटस ?
हमारे देश में किसानों के हाल बहुत ज्यादा अच्छे नहीं हैं और वो अकसर कभी बारिश तो कभी सूखे के कारण परेशान रहते हैं । इन हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का प्रारंभ किया गया था ।
पी सी 6 : अफरीकन सरसों कंबाईन से कटाई के लिए उपयुक्त
खाद्य तेल वसा का तथा दालें प्रोटीन का प्रमुख स्रोत हैं जिनका सेवन मनुष्य की शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है। इसके अतिरिक्त इनमें कई प्रकार के विटामिन , मिनरल (खनिज) , एंटी आक्सीडेंट आदि तत्व पाये जाते हैं ।
पशुओं में लंगड़िया रोग एवं उनका उपचार
डॉ. विजय चन्द्रा ( वरिष्ठ वैज्ञानिक-पशु विज्ञान ) , डॉ.डी.पी.सिंह ( वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ) , एवं राघवेन्द्र सिंह ( शोध छात्र-शस्य विज्ञान ) कृषि विज्ञान केन्द्र, बसुली, महराजगंज ( आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय , कुमारगंज , अयोध्या )
पशुओं में जहरी बुखार की समस्या एवं उनका समाधान
डॉ. विजय चंद्रा ( वरिष्ठ वैज्ञानिक - पशु विज्ञान ), डॉ. डी. पी. सिंह ( वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ), एवं राघवेन्द्र सिंह ( शोध छात्र - शस्य विज्ञान ), कृषि विज्ञान केन्द्र, बसुली, महाराजगंज ( आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या )
नैनो नाइट्रोजन, जिंक और कॉपर का फील्ड ट्रायल शुरू
सही तरीके से प्रयोग करने पर यह यूरिया की खपत को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। दूसरा उत्पाद इफको नैनो जिंक है जिसे मौजूदा उपलब्ध जिंक उर्वरक के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है।
दलहनी फसलों के प्रमुख कीट एवं उसका एकीकृत प्रबंधन
भारतीय कृषि पद्धति में दालों की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है , दलहनी फसलें भूमि को आच्छाद प्रदान करती हैं जिससे भूमि का कटाव कम होता है ।
तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी
तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी
डेयरी फार्म से अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाले - संतोष कुमार
संतोष कुमार कहतें हैं कि हमारा उद्देश्य है कि पटना शहर में रह रहे लोग जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और शुद्ध ताजा देशी गौ के दूध के महत्व को समझते हैं उनके घर पर देशी गौ का ताजा दूध डिलीवरी करना ।
टमाटर की नई किस्म से 1,400 क्विंटल तक प्रति एकड़ ले सकेंगे किसान
टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( सीएसए ) ने नई किस्म विकसित की है जिससे प्रति हैक्टेयर उत्पादकता 1,200 से 1,400 क्विंटल तक ली जा सकती है । टमाटर की इस किस्म को नामधारी 4266 का नाम दिया गया है , जो अब किसानों के लिए उपलब्ध है ।
गेहूं में संतुलित उर्वरक प्रयोग का महत्व
नरेन्द्र कुमार गोयल , मृदा वैज्ञानिक , संदीप रावल , जिला विस्तार विशेषज्ञ शस्य विज्ञान , अनुराध बाली , केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान , करनाल बलदेव राज कम्बोज , रजिस्ट्रार हरियाणा कृषि विवि . हिसार कृषि विज्ञान केन्द्र , दामला , यमुनानगर
गेहूं की फसल में बीजोपचार एवं खरपतवार नियंत्रण
आर.एस.चौहान, अश्वनी कुमार एवं नरेन्द्र सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र, पंचकूला, चौ.च.सिं. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
गेहूं की फसल में खरपतवार प्रबंधन
डॉ. राम प्रताप सिंह, सहायक प्राध्यापक (सस्य विज्ञान), आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज , अयोध्या - 224229 (उ.प्र.)
गाजर घास : समस्या और समाधान
डॉ . मानवेन्द्र सिंह , अनुसंधान प्राविधिज्ञ , अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान , दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र , वाराणसी डॉ . रविन्द्र कुमार राजपूत , विषय वस्तु विशेषज्ञ ( मृदा विज्ञान ) कृषि विज्ञान केन्द्र , मथुरा
गन्ने की फसल की उन्नतशील खेती
राघवेन्द्र कुमार आर्यन, अनिल निषाद एवं डॉ. एस.आर.मिश्रा, (कृषि मौसम विज्ञान विभाग), आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या (उ.प्र.) मो.नं.9120712535
खाड़ी देशों में तनाव से बासमती चावल के निर्यात सौदों पर असर
खाड़ी देशों में तनाव से बासमती चावल के निर्यात सौदों पर असर
कैसे शुरू हो फूड प्रोसैस्सिंग उद्यम ?
भारत का कुल खाद्य उत्पादन दोगुना हो सकता है । खाद्य एवं फूड प्रोसैसिंग के क्षेत्रों में बड़े निवेशों के बहुत अवसर आ रहे हैं । डेयरी , फूड प्रोसैस्सिंग , पैकेजिंग फरोज़न फूड , रखरखाव एवं थर्मो प्रोसैस्सिंग , फल एवं सब्जियां , सप्लीमैंट प्रोसैस्सिंग , मत्स्य पालन , दूध एवं दूध उत्पाद , मीट एवं पोल्ट्री , डिब्बा बंद भोजन , साफट ड्रिंक एवं फसल के दाने , फूड प्रोसैस्सिंग उद्योग के कुछ मुख्य क्षेत्र हैं ।
केन्द्र बनायेगा 19.50 लाख टन दालों का बफर स्टॉक
चालू फसल सीजन 2019 20 में केन्द्र सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष ( पीएसएफ ) के तहत दालों का बफर स्टॉक 20. 74 प्रतिशत बढ़ाकर 19. 50 लाख टन करने का फैसला किया है जबकि पिछले फसल सीजन में 16. 15 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाया था ।
किसानों को आपदाओं से बचाने के लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी
खेती की तकनीक से प्रत्येक किसान को शिक्षित करने के साथ कृषि अमले का निरंतर संपर्क आवश्यक है । प्रदेश के किसानों को खेती के नुकसान से बचाने एवं कृषि लागत मूल्य कम करने के लिये आवश्यक है
किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत शिव शंकर
शिव शंकर की इस सफलता से अब दूर-दूर से किसान उनकी खेतीबाड़ी की जानकारी ले रहे हैं ।
किसानों की ओर से स्वयं की बीमा कंपनी लांच करने की योजना
किसानों की ओर से स्वयं की बीमा कंपनी लांच करने की योजना
किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता
कृषि मजदूरों, जो स्वयं को रोजगार के लिए आयोग्य मानते हैं, के लिए कौशल विकास रणनीतियां विकसित करने पर जोर देती है।
एग्रीप्लास्ट का उत्तम घरेलू बायोगैस
21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की है । ऊर्जा के रूप में बिजली , कोयला या अन्य तरह के प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं । ऐसे में बायोगैस एक अच्छा विकल्प है ।