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सीप के मोती
पिछले अंक में आप ने पढ़ा था : सिबली और मुमताज धंधे वाली थीं. शहर में कयूं लगा हुआ था. सिबली खुश थी कि कयूं से उस के तन को थोड़ा आराम मिलेगा, पर मुमताज को चिंता थी कि फिर उन का पेट कैसे भरेगा. सिबली को गरीबी के चलते उस के मांबाप ने बेच दिया था. अन्ना उसे एक नेता के पास ले गया, जहां वह शिकार हुई थी उस का...अब पढ़िए आगे...
लोकतंत्र में विरोध के स्वर को दबाने के लिए मारी गोली
लोकतंत्र में विरोध करने का संविधान में अधिकार दिया गया है. समय के साथसाथ तानाशाही सरकारों को यह पसंद नहीं आ रहा है. विरोध के स्वर को दबाने के लिए अब सरकारें किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गई हैं. केवल विपक्षी दलों की आवाज को ही नहीं, बल्कि मीडिया के स्वर को भी दबाया जा रहा है.
मैं टीवी, फिल्म और ओटीटी पर काम करना चाहती हूं - रानी चटर्जी
भोजपुरी फिल्मों में अपनी मजबूत जगह बनाने वाली खूबसूरत और सैक्सी हीरोइन व लोगों के दिलों की मलिका रानी चटर्जी ने 'दंगल टीवी' के सीरियल 'सिंदूर की कीमत' में नए साल के जश्न में ठुमके लगाए.
मैं कुंआरी हूं
तकरीबन 42 फीसदी लड़कियों को ही पहले सैक्स के दौरान खून आता है, इसलिए यह कहना समझदारी नहीं है कि जिन्हें खून नहीं आया है वे कुंआरी भी ही मर्द नहीं हैं.
बदल गया गांव
रमन को कुछ दिन की छुट्टी का फैसला कर लिया. पिछले 20 साल से वह इस शहरी जिंदगी में दिनरात खप रहा था, पर बचपन का गांव उसे रहरह कर याद आता रहता था.
छुटकी नहीं... बड़की
फजल और हिना की शादी को 7 साल हो गए थे, पर उन्हें अभी तक एक भी औलाद नहीं हो सकी थी. लखनऊ के नामीगिरामी डाक्टरों का इलाज करवाया जा चुका था. हजारों रुपए के टैस्ट करवाए गए, पर सब फुजूल...
चाइनीज मांझे से कटती जिंदगी की डोर
पूरे देश में चाइनीज मांझे पर बैन है, लेकिन आज भी चाइनीज मांझे की खुलेआम बिक्री हो रही है, जिस के चलते आएदिन हादसे हो रहे हैं.
कंवल और केवर की प्रेम कहानी
लंबी कहानी - पहला भाग
इत्र, काला धन और चुनावी शतरंज
गांवदेहात की एक बहुत पुरानी कहावत है, 'कहता तो कहता, सुनता ब्याउर'. इस का मतलब है कि कहने वाला तो जैसा है वैसा है ही, सुनने वाला भी अपना दिमाग नहीं इस्तेमाल करता. वह भी झूठ को सच मान लेता है.
आखिरी मंगलवार
सपना की शादी को 8 साल बीत हैं. जब वह मायके से ब्याह कर पहली बार अपनी ससुराल आई थी, तो नईनवेली दुलहन का खूब स्वागत हुआ था. मंडप के नीचे मुंहदिखाई की रस्म में जो भी सपना को देखता, उस की खूबसूरती की तारीफ करते नहीं थकता था. उसे याद है कि दिनभर शादी की रस्मों के चलते कब शाम हो गई थी, उसे पता ही नहीं चला.
मैं मायके चली जाऊंगी
दफ्तर में ज्यादा काम की मार से हमारा कामकाजी दिमाग चरचराया हुआ था. शाम को हम घर को चले तो सोचा कि आज श्रीमतीजी के हाथों की गरमागरम चाय पी कर उन के साथ अपने गमों को साझा करेंगे.
गैगमेन की सिक्योरिटी तय हो
एक रिपोर्ट से यह बात उभर कर सामने आई है कि भीषण सर्दीगरमी, बारिश और कुहरे में रेल मुसाफिरों को महफूज घर पहुंचाने में हर साल औसतन 100 गैंगमैन ट्रेन की पटरियों पर कट कर मर जाते हैं.
मैं ने भोजपुरी सिनेमा की पीढ़ियों के साथ काम किया है - संजय पांडेय
भोजपुरी सिनेमा में अगर सब से फेमस चेहरों की बात की जाए, तो उन में से एक नाम सब से ऊपर उभर कर आता है और वह नाम है संजय पांडेय का. भोजपुरी सिनेमा में पिछले 20 साल से काम कर रहे कलाकार संजय पांडेय ने तकरीबन 300 फिल्मों में अपनी ऐक्टिंग का लोहा मनवाया है.
कोरोना ने सिनेमाघरों में तालाबंदी के हालात बना दिए - कृष्ण कुमार
कृष्ण कुमार भोजपुरी सिनेमा के एकमात्र ऐसे ऐक्टर हैं, जो पौजिटिव और नैगेटिव दोनों किरदारों में फिट बैठते हैं. उन की ऐक्शन, डांस और कौमेडी पर मजबूत पकड़ है.
भोजपुरी है, मांसल बदन वाली हीरोइनों की इंडस्ट्री - पल्लवी गिरि
अपनी खूबसूरती, छरहरे बदन और अदाओं से भोजपुरी सिनेमा जगत में बहुत ही कम समय में पहचान बनाने वाली पल्लवी गिरी ने कई गानों में अपने लटके झटकों से लोगों का दिल जीता है. उन के मशहूर होने का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन के पास इन दिनों कई फिल्मों के औफर हैं.
गरीब बच्चों को क्यों नहीं पढ़ने देते?
गरीब और अनपढ़ लोगों से जब उन के बच्चों को स्कूल भेजने और पढ़ाने की बात कही जाती है, तो उन का यही जवाब होता है, 'इन को कौन सा पढ़लिख कर कलक्टर बाबू बनना है. पढ़ाईलिखाई बड़े और पैसे वालों के लिए होती है. स्कूल जा कर समय खराब करने से अच्छा है कि मेहनतमजदूरी कर के दो पैसे कमाए जाएं. इस से घरपरिवार की मदद हो सकेगी. लड़की को दूसरे घर जाना है. पढ़ालिखा कर क्या फायदा?'
उम्र के साथ आम बदलाव है सफेद मोतिया
आंखें इस शरीर का वह हिस्सा है, जिस के बिना इस रंगबिरंगे संसार में आना खाने में नमक न होने के बराबर है. आंखों का न होना या तो जन्मजात होता है या फिर किसी बीमारी या हादसे के चलते ऐसा होता है.
मौत जिंदगी से सस्ती है
"इस बार दिल्ली में बारिश के दर्शन कुछ ज्यादा ही हो गए. जहां देखो पानी ही पानी. लगता नहीं कि यह वही दिल्ली है, जहां लोगों की आपसी दुश्मनी की वजह पानी बन जाता है.
सौदा इश्क का
रात के 11 बज चुके थे और बाती अपने बैडरूम में चहलकदमी कर रही थी. बैड पर उस का 2 साल का बेटा उष्मित सो रहा था.
भीतर का दर्द
रमजान मियां की कहानी
शुभी शर्मा: भोजपुरी फिल्मों की 'ड्रीमगर्ल'
भोजपुरी सिनेमा की मशहूर हीरोइन शुभी शर्मा किसी पहचान की मुहताज नहीं हैं. वे बौलीवुड से ले कर भोजपुरी फिल्मों तक अपनी शानदार अदायगी के लिए जानी जाती हैं. दिनेशलाल यादव 'निरहुआ', रवि किशन, पवन सिंह जैसे तमाम ऐक्टरों के साथ उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं.
पसंद नहीं आया पति के साथ मोना का सोना
बिल्डर पति की प्रेम कहानी से पिछले कई महीने से परेशान शारदा ने आखिरकार पति की प्रेमिका को गोलियों से छलनी करवा डाला. कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद उस की मौत हो गई.
हंसी से तनाव कम होता है - सुनील ग्रोवर
कौमेडी में अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले स्टैंडअप कौमेडियन और टैलीविजन व फिल्म कलाकार सुनील ग्रोवर को टैलीविजन शो 'कौमेडी नाइट्स विद कपिल' में गुत्थी, रिंकू भाभी और डाक्टर मशहूर गुलाटी के किरदारों से खूब नाम मिला था.
किताबें मेरी दोस्त हैं - विनोद मिश्रा
भोजपुरी सिनेमा में कुछ चेहरे ऐसे हैं जिन के बिना फिल्में अधूरी सी लगती हैं. इन्हीं चेहरों में एक नाम है विनोद मिश्रा का. उन्होंने अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत 'आर्यमान' धारावाहिक से की थी. इस के बाद वे 'क्राइम पैट्रोल', 'सावधान इंडिया' व 'सीआईडी' जैसे दर्जनों लोकप्रिय टीवी शो में नजर आए.
पत्नी पुराण
हमारे देश में कई तरह की पत्नियां पाई जाती हैं. जैसे जरूरत से ज्यादा बोलने वाली पत्नी, पति पर हमेशा शक करने वाली पत्नी, पूरे महल्ले के हर घर के अंदर की खबर रखने वाली पत्नी और पति के हर काम में कोई न कोई कमी निकालने वाली पत्नी.
एक अनोखा जलयोद्धा बदल रहा है बुंदेलखंड की सूरत
बुंदेलखंड इलाके का जिक्र होते ही आंखों के सामने दूरदराज से पैदल चल कर पानी ढोती हुई औरतें, गरीबी, गांव से लोगों का शहर जाना, बेरोजगारी और जुर्म का सामना करते हुए लोगों का मंजर सा दिख जाता है.
आर्केस्टा डांस में लड़कियां
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में शादीब्याह के मौके पर आर्केस्ट्रा ग्रुप मनोरंजन का लोकप्रिय साधन बन गए हैं. शादी के सीजन में आर्केस्ट्रा में जवान लड़कियां डांस करती खूब दिखती हैं. रोजीरोटी के लिए तमाम लड़कियां आर्केस्ट्रा डांस को अपना कैरियर बनाती हैं. इस में किसी खास काबिलीयत की जरूरत नहीं होती. खूबसूरत और दिलकश बदन वाली लड़कियां इस के लिए फिट होती हैं.
मुझे रोमांटिक गाने गाना पसंद है
फिल्म की दुनिया
थप्पड़
कहानी
हरेकाला हजब्बा : एक संतरे बेचने वाले अनपट ने खोल दिया स्कूल
मिसाल