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नीतीश के फीके दावे
सम्मेलन से मुख्यमंत्री ताकत दिखाना चाहते थे, पर भीड़ ही नहीं जुटी
नफरत के शोलों का नया मंजर
मौत, तबाही की भयावह दास्तान में न सिर्फ जिंदगियां, बल्कि आर्थिक तबाही को भरने में शायद पीढ़ियां लगें
न किसान बेचारा, न खेती, दोनों मजबूत स्तंभ
इसमें दो राय नहीं कि आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स 2020 कार्यक्रम का आयोजन खेती-किसानी के क्षेत्र में किसानों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
धू-धूकंर जलीं जिदगिया
नफरत की खाई हुई चौड़ी, जानमाल की तबाही में पुलिस रही मूकदर्शक, हजारों बेघर, लाखों ने गंवाए रोजगार
धार्मिक आजादी की बात तो उठेगी
नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को अप्रवासी भारतीयों के वोट की जरूरत, इसलिए अभी भारत को इतना महत्व
खेती के भले के कदम विविध पर सवाल कई
किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य भी अपने स्तर पर उठा रहे हैं कदम
कृषि आय वृद्धि का टेक्नो मंत्र
छोटे किसानों के हिसाब से तकनीक तय हो, तभी उसका व्यापक इस्तेमाल हो सकेगा
किसान बढ़े तो अर्थव्यवस्था उबरे
मंदी के दुश्चक्र से, देश की अर्थव्यवस्था किसान की हालत सुधरने से ही निकलेगी, लेकिन खेती-किसानी की आय में इजाफे के लिए सरकारी बैसाखी नाकाफी, किसानों की संगठित पहल जरूरी
आसमान छूने को तैयार उत्तर प्रदेश
पिछले तीन वर्षों के दौरान मुरव्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में उल्लेखनीय बदलाव लेकर आए हैं । ये बदलाव प्रदेश के लोगों के जीवन के हर पहलू से जुड़े हैं
आयकर छापे से भूचाल
प्रदेश के कई अफसरों-कारोबारियों पर छापे से केंद्र और राज्य के बीच तनाव
सिंधिया के नए तेवर
अहमियत न मिलने से खफा सिंधिया पार्टी की सरकार के खिलाफ मुखर
स्टार सिस्टम के दिन तो समझिए लद गए
बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशकों में एक कबीर खान ने अपने करिअर की शुरुआत 1999 में आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाहियों पर बनी द फॉरगॉटन आर्मी नामक वृत्तचित्र से की थी । लगभग दो दशक बाद उन्होंने उसी विषय और नाम पर देश में बनी अब तक की सबसे बड़े बजट की वेब सीरीज बनाई है । एक था टाइगर ( 2012 ) और बजरंगी भाईजान ( 2015 ) जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले कबीर 1983 के विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत की जीत पर आधारित फिल्म' 83 की तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन वे नई वेब सीरीज की वजह से भी सुर्खियों में हैं । आउटलुक के गिरिधर झा के साथ उनकी बातचीत के प्रमुख अंश :
सन्नाटे में शिकारे की सैर
कश्मीर घाटी में बुधवार 12 फरवरी को 25 विदेशी प्रतिनिधि घाटी पहुंचे तो शांति मगर बेरुखी छाई हुई थी। वैसे भी, 11 फरवरी को 1984 में तिहाड़ में फांसी पर चढ़ा दिए गए जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट की बरसी पर कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्ण हड़ताल थी, लेकिन विदेशी प्रतिनिधियों को यात्रा में कोई खलल नहीं पड़ा।
लोकतंत्र का लाजिम मंजर
सुप्रीम कोर्ट ने वार्ता की पहल तो की, मगर मूल सवाल जहां के तहां, इससे नई सियासी राह खुलेगी या मौजूदा सत्ता-तंत्र हावी रहेगा
दोराहे पर खड़ी बसपा
बदलते राजनैतिक परिदृश्य में पहले वाली मायावती कहीं नहीं दिखतीं, केंद्र सरकार की नीतियों पर भी उनका विरोध सतही
मुश्किलों में भी नहीं मानी हार
साधना और समृद्धि के प्रस्तुत प्रतीक हैं अजय मैतिन जिन्होंने शून्य से शिखर तक उपलब्धि अर्जित की है। अजय की संघर्ष यात्रा मात्र तीस वर्षों की कहानी है। उनका कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ और जितना भी प्राप्त किया, वह निरंतर परिष्कृत होते विचारों, लक्ष्य प्राप्ति के लिए वेगपूर्ण प्रवाह और समाज की सर्वोच्च सत्ता के प्रति अटूट आस्था का प्रतिफल है।
मुट्ठी में आया महामनोरंजन
दर्शकों के लिए सहज उपलब्ध वेब सीरीज ने बदल दी मनोरंजन की दुनिया, सिनेमा और टीवी उद्योग के सामने पेश की बड़ी चुनौती
दिल्ली तो पास लेकिन तख्त दूर
राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए केजरीवाल के सामने कठिन चुनौती, अहम मुद्दों पर रुख साफ करने का दबाव
गुटबाजी से बेहाल भाजपा
भगवा पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष चुनना ही बना बड़ी चुनौती
संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा
अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी
सब करने के फेर में छूटा बहुत
बजट से अर्थव्यवस्था को गति मिलना मुश्किल, इसमें न तो शहरों के लिए कोई बड़ी घोषणा है, न ग्रामीण खर्च बढ़ाने के उपाय
सड़क पर उतरे इस लोकतंत्र को पहचानें हम
ताकि संविधान और देश के मौलिक विचारों और लोगों के बुनियादी अधिकारों पर आघात के प्रति सचेत रहें।
शिक्षा को जीवन से जोड़ें, तभी बच्चे मुस्कुरा सकेंगे...
अचार्य सुदर्शन एक ऐसा नाम जिसे शिक्षा क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति जानता है । उन्होंने शिक्षा के प्रचार प्रसार में पूरे देश एवं विश्व के अनेक देशों की यात्रा की है।
शक्तिरूपा शाहीन बाग
देश भर में कितने ही शाहीन बाग लोकतंत्र और गणतंत्र में समावेशी संस्कृति को नए सिरे से परिभाषित करने लगे हैं
विपक्ष का हाथ ऊपर, मोदी - शाह का जादू फीका
राज्यों में सत्ता खोती भाजपा के सामने सहयोगियों के साथ घर में भी विरोधियों को संभालने की चुनौती, जमीनी मुद्दों से विपक्ष को मौका
राज तो ऊंचा पर खुले कैसे
सुरक्षा एजेंसियों की करतूत खुलने की आशंका से लोगों को दविंदर सिंह का मामला दबा दिए जाने के आसार
मौलिक अधिकार लगाते हैं राज्य की शक्तियों पर अंकुश
इन अहम अधिकारों के साथ ही हर इंसान संसार में आता है, सबसे अहम है कि इन्हें कोई छीन नहीं सकता
मौका गंवाने का बड़ा बजट
भाषण तो पौने तीन घंटे का रिकॉर्ड-तोड़ मगर अर्थव्यवस्था की सुस्त पड़ती रफ्तार के लिए बजट ईंधन का काम करेगा, इसकी उम्मीद कम
मार्केटिंग का दिग्गज
बिहार के बेगूसराय जिले के मूल निवासी और अपने ज़माने के निवासी और अपने ज़माने के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार और टी . एन . बी कॉलेज भागलपुर में प्रोफेसर रहे रामसागर प्रसाद सिंह के पुत्र प्रियम्वद सिंह का नाम अब राज्य की मान्य हस्तियों में शुमार है।
मंदिर निर्माण के न्यास में जगह पाने की होड़
संत समाज मंदिर निर्माण जल्दी शुरू करने के पक्ष में, विश्व हिंदू परिषद के मंदिर मॉडल पर बन सकती है सहमति