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बायोपोनिक्स : पर्यावरण-अनुकूल खाद्य उत्पादन की एक उपयोगी तकनीक
Modern Kheti - Hindi|15th March 2025
जलवायु परिवर्तन, गहन खेती के पर्यावरणीय प्रभाव, जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमारी खाद्य प्रणाली धीरे-धीरे अधिक पर्यावरण-अनुकूल बन रही है।
- सोनालिका साहू, आरती कुमारी, रंजन पॉल
बायोपोनिक्स : पर्यावरण-अनुकूल खाद्य उत्पादन की एक उपयोगी तकनीक

मिट्टी रहित कृषि की इस नवीन तकनीक में मिट्टी के बिना खेती की जाती है और यह एक टिकाऊ खाद्य उत्पादन पद्यति भी है। बायोपोनिक्स में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक या प्राकृतिक वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है।

ये पर्यावरण-अनुकूल उर्वरक पौधों या जानवरों के अपशिष्ट से बनता हैं, जिन्हें बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों द्वारा संसाधित किया जाता है। परिणामस्वरूप, बायोपोनिक्स फलों और सब्जियों को उगाने में रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करता है और यह जल और भूमि संसाधनों के संरक्षण और आवश्यक पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण का एक स्थाई तरीका भी है।

हमारी धरती, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती वैश्विक जनसंख्या और शहरों की वृद्धि जैसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। जैसे खाने की आवश्यकता वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उसी प्रकार धरती पर ज्यादा शस्य उगाने का दबाव भी बढ़ रहा है। अधिक मात्रा में मिट्टी से पारंपरिक विधि में फल और सब्जियां उगाने से धरती को नुकसान पहुंचा सकती है। पारंपरिक कृषि में, मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्व कम होता है, कीटनाशकों जैसे हानिकारक रसायनों के उपयोग से जानवरों और कीड़ों को भी नुक्सान होता है। बायोपोनिक्स इन सभी समस्याओं का एक समाधान है। उन्नत कृषि तकनीकों के साथ संधारणीयता को जोड़ के, बायोपोनिक्स हमारे खाद्य उत्पादन के तरीके को बदल सकता है।

बायोपोनिक्स क्या है?

बायोपोनिक्स मिट्टी रहित कृषि की एक विधि है, जो रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक या प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करती है। पारंपरिक हाइड्रोपोनिक्स में, सिंथेटिक पोषक तत्वों का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है, लेकिन बायोपोनिक्स में पौधे पोषक स्रोत के रुप में पुनर्नवीनीकरण पौधे या पशु आधारित सामग्री जैसे प्राकृतिक यौगिकों का उपयोग किया जाता है। ये प्राकृतिक यौगिक पौधे/पशु-आधारित होते हैं (जैसे पत्ती खाद, मुर्गी खाद, गोबर खाद इत्यादि)। सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया) पौधों या जानवरों के अपशिष्ट को पोषक तत्वों में परिवर्तित करते हैं, जिन्हें पौधे आसानी से अवशोषित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया स्वस्थ मिट्टी में पाए जाने वाले प्राकृतिक पोषक चक्र की तरह ही होती है, जो हानिकारक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए, पौधों को संतुलित आहार प्रदान करती है।

Denne historien er fra 15th March 2025-utgaven av Modern Kheti - Hindi.

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