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अजगर बिलों में सेही के साथ शान्ति से रहते हैं
अदिति मुखर्जी यहाँ अजगर तथा सेही, जिनके बीच अक्सर एक शिकारी और शिकार का सम्बन्ध होता है, के एक ही बिल में शान्ति से साथ-साथ रहने के अपने अध्ययन के बारे में बता रही हैं।
फ्यूज़ बल्ब का कमाल
पुस्तक अंश - खोजबीन
संख्याएँ कितनी वास्तविक एवं कितनी काल्पनिक?
शिक्षकों की कलम से
बड़े काम के हैं भाषा के काम
शिक्षकों की कलम से
दविन्दर कौर उप्पल एक ज़बरदस्त शिक्षिका
श्रद्धांजलि
पौधे-माहू-चीटी की अन्तक्रिया की खोजबीन
आँगन में जीवन
मन के चित्रों और खयालों से लिखने-पढ़ने की चिंगारी तक
शिक्षकों की कलम से
तितली ज़मीन पर
एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में वर्षावन का दौरा करते समय कुछ सॉल्ट लेक के बारे में बताया गया था।
मुश्किल नहीं है बच्चों को गिनती सिखाना
बच्चे जैसे ही प्रारम्भिक कक्षाओं में स्कूल में भर्ती होते हैं वैसे ही गिनती सिखाने की जद्दोजहद शुरू हो जाती है।
तथ्यों की खोज
स्कूली बच्चों के साथ सबसे लम्बे दिन का पता लगाना
शिक्षकों की 'सुनना'
शिक्षकों के लिए विज्ञान करके सीखने की कार्यशाला के अनुभव
जिल पडलर
दक्षिण अफ्रीका की गणित शिक्षा शोधकर्ता
शक्तिशाली... सर्वव्यापी... जीवन का आधार, 'फफूंदों का अनोखा संसार
शक्तिशाली... सर्वव्यापी... जीवन नहीं बल्कि फफूंद की बात कर रही हूँ।
चिचड़ी (टिक)
"जानवर की याददाश्त होती है, पर कोई यादें नहीं।" हेमन्न स्टाइनथल (Heymann Steinthal)
छतरी
कहानी - छतरी
क्यों करें प्रयोग?
विज्ञान की कक्षा में गतिविधियों के पक्ष में कुछ और कारण
बूँद का कमाल
विज्ञान ज्ञान का पीरियड लग चुका था। मास्साब कक्षा में घुसे तो देखा कि बच्चे फ्यूज़ बल्ब में पानी भरकर अवलोकन कर रहे हैं।
मूँ तो चल्याँ टीको लगवावाँ, तूं भी चाल
ज़मीनी अनुभव, कोरोना काल
कहानी के आगे एक कक्षा अनुभव
शिक्षकों की कलम से
सवालीराम
सवाल: पृथ्वी का छोर कहाँ है?
और फिर उन्होंने एक गहरी साँस ली!
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे अलग-अलग तरीकों से अपने आसपास की दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। थोड़ी समझ उनके अपने अवलोकनों के कारण विकसित होती है, थोड़ी अपने माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों की बातचीत सुनकर, तो थोड़ी लोकप्रिय माध्यमों से मिलने वाले सन्देशों से। शिक्षक और पाठ्यपुस्तकें भी बच्चों के ज्ञान के इस भण्डार में इजाफा करते हैं। बहरहाल, अक्सर बच्चे वास्तविक दुनिया के अनुभवों से जो समझ विकसित करते हैं, वह कक्षा में सीखी गई बातों से भिन्न होती है। स्कूली शिक्षा बिरले ही इस दोहरी, समानान्तर समझ पर कोई काम करती है।
प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब
क्या छायाएँ पूरी तरह से अँधेरी होती हैं? क्या कुछ छायाएँ अन्य छायाओं से ज़्यादा गहरी होती हैं? एक मोबाइल फोन के कैमरे तथा मनुष्य की आँख में क्या चीज़ समान होती है? क्या कोई प्राकृतिक पिन-होल कैमरा होता है? यदि हम चाहते हैं कि हमें अपना दाहिना हाथ वैसा ही दिखाई दे जैसा वह दूसरों को दिखता है, तो हमें कितने दर्पणों की ज़रूरत होती है? इस लेख में लेखक ने ऐसे कई सरल तरीकों का ज़िक्र किया है जिनके द्वारा, छायाओं और प्रतिबिम्बों का उपयोग करते हुए, प्रकाश के शिक्षण में दैनिक जीवन के अवलोकनों को अवधारणाओं से जोड़ा जा सकता है।
अब्बू खाँ की बकरी
कहानी
साये में बैंकिंग
यदि ठीक से काम करें तो बैंक कमाल के होते हैं और आम तौर पर वे ठीक से काम करते भी हैं। लेकिन नहीं करते तो मानो कयामत आ जाती है, जैसा कि वर्ष 2008 में संयुक्त राज्य अमरीका (यू.एस.ए.) और लगभग सारी दुनिया में हुआ।
सामाजिक बदलाव का माध्यम हैं कहानियाँ
कहानी हानी सुनने-सुनाने का अपना एक अलग ही मज़ा है। गम्भीरता, धैर्य, लगन, मानवीकरण, विश्लेषण और समानुभूति जैसे पहलुओं को विकसित करने और फलने-फूलने के जिन मौलिक गुणों की बच्चों या वयस्कों से अपेक्षा की जाती है, कहानी सुनने-सुनाने की प्रक्रिया में वे स्वतः ही फलने-फूलने और विकसित होने लगते हैं।
कुछ पिटे हुए अनुभव
शिक्षक के हाथों हिंसा का शिकार हुए बच्चे अक्सर भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याओं से ताउम्र जूझते हैं। मानसिक तनाव उनके संज्ञानात्मक कौशल और अकादमिक प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। स्कूलों में शारीरिक दण्ड और अपमान व्यापक रूप होता आया है, और आज भी यह तमाम नियम-कानूनों के बावजूद भारत समेत कई देशों में स्कूली शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। लेखक ने इन्हीं मुद्दों पर अपने अनुभव साझा किए हैं जो तीन दशक बाद आज भी उतने ही मौजूं हैं।
लौट के बुध्दू घर को आए
कहानी - लौट के बुध्दू अर को आए
कोण को मापे कौन?
यहाँ कोणों के दो बहुत कम चर्चित पहलुओं की चर्चा की गई है जो दो अलग-अलग क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं। पहला हिस्सा, सीधे ही मापन की समस्याओं में जाता है और दूसरा हिस्सा कोणों को मापने के वैकल्पिक तरीकों की चर्चा करता है। तो पढ़ें इस आलेख को, ताकि आप अपनी कक्षा में कोणों को मापने की ऐतिहासिक ज़रूरत एवं वास्तविक जीवन में उनके उपयोग मात्र से कुछ अधिक की चर्चा कर सकें।
एक-सी और अलग-सी चीजें
बीती रात से जमकर हो रही बरसात थमती दिख रही थी। स्कूल कैम्पस में काफी कीचड़ मच गया था।
आश्रमशाला के आदिवासी बच्चों के साथ हाइड्रोपोनिक खेती
बच्चे अपनी असल ज़िन्दगी के अनुभवों और अवलोकनों के साथ कक्षा में आते हैं। क्या इन अनुभवों और अवलोकनों का कक्षा के शिक्षण से कोई सम्बन्ध है? क्या बच्चे विज्ञान सीखने की प्रक्रिया की अगुआई कर सकते हैं? इस प्रक्रिया में शिक्षक की क्या भूमिका हो सकती है?