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मुसीबत में बने साथी
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मुसीबत में बने साथी

एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले असम के वकीलों की मदद करने के लिए पांच एनएलयू के द्वारा गठित' परिचय' मंच से देश भर के लगभग 175 लॉ संस्थानों के छात्र जुड़े हैं ।

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January 2020
मडारवाली को ऐसे मिला अपना पहला वकील
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मडारवाली को ऐसे मिला अपना पहला वकील

आईडीआईए ट्रस्ट ने सर्वाधिक सुविधाविहीन समुदायों के दर्जनों युवाओं को प्रतिष्ठित लॉ संस्थानों में प्रवेश दिलाने में मदद दी है और ऐसा करके इसने कानूनी सहायता को उनकी पहुंच में लाने का काम किया । इसी पहल के चलते पश्चिम बंगाल के एक गांव ने अपना इकलौता वकील पाया ।

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January 2020
फीस वापस पाने की लडाई
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फीस वापस पाने की लडाई

दो उम्मीदवार और एक प्रतिष्ठित फैशन डिजाइन संस्थान फीस की वापसी के मुद्दे को लेकर एक दशक से अधिक समय से न्यायालय की शरण में हैं ।

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January 2020
प्रायिकताः संभावना की गणना
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प्रायिकताः संभावना की गणना

चूंकि प्रायिकता (संभाव्यता) के टॉपिक से एक से तीन प्रश्न पूछे जाते हैं ऐसे में इस पर अच्छी पकड़ जेईई (मेन) और अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में बेहतर अंक पाने में मददगार हो सकती है।

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January 2020
उपेक्षित अवस्था में कानूनी सहायता क्लीनिक
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उपेक्षित अवस्था में कानूनी सहायता क्लीनिक

छात्रों को कानूनों के व्यावहारिक अनुप्रयोग से परिचित कराने के एक महत्वपूर्ण तरीके के रूप में, राज्य के लॉ कॉलेजों के कानूनी सहायता क्लीनिक क्यों पिछड़ रहे हैं?

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January 2020
आपके प्रश्नों के मिल गए उत्तर
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आपके प्रश्नों के मिल गए उत्तर

कॅरियर्स360 पर कानून की पढ़ाई के संबंध में छात्रों द्वारा पूछे गए सामान्य प्रश्नों के जवाब चार अकादमीविदों ने दिए हैं।

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January 2020
आईपी लॉ: नवाचार को दे रहे बढावा
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आईपी लॉ: नवाचार को दे रहे बढावा

प्रौद्योगिकी और नवाचार की ओर दिए जा रहे जोर को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों द्वारा इस दिशा में की गई प्रगति और बौद्धिक संपदा ( इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी रखने को सुरक्षित आईपी ) के लिए वकीलों की एक नयी पीढ़ी तैयार हो रही है ।

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January 2020
Migrant Workers in Globalising India
Geography and You

Migrant Workers in Globalising India

Contrary to the widely held anticipation that post-reforms economics would give rise to significantly higher levels of migration within India, the initial post-reforms period did not witness a massive increase in the extent of migration. the 2001-2011 decade however, sees a substantial increase.

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Issue 138, 2019
असली लोकतंत्र की एक झलक
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असली लोकतंत्र की एक झलक

सूचना के अधिकार के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा राजस्थान के भीम में क्रियान्वित लोकतंत्रशाला, छात्रों को दर्शाती है कि कानून जमीन पर कैसे काम करते हैं ।

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January 2020
The Pill For India's Ailing Medical Eductaion System
Express Healthcare

The Pill For India's Ailing Medical Eductaion System

Medical education in India is mired with a host of controversies and is trudging along a rough path.

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February 2020
Vice President says focus should be on agro-based industries, other non-farm avenues to double farmers income
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Vice President says focus should be on agro-based industries, other non-farm avenues to double farmers income

Vice President Venkaiah Naidu says Prime Minister has given a call for doubling farmers’ income by 2022. He said if the target is to be achieved, focus should be on agro-based industries and other nonfarm avenues for generating income

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January 2020
Over 3000 global leaders to meet at WEF's 50th Annual Meeting in Davos
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Over 3000 global leaders to meet at WEF's 50th Annual Meeting in Davos

Union ministers Piyush Goyal and Mansukh Mandaviya as well as three chief ministers -- Amarinder Singh, Kamal Nath and B S Yeddyurappa -- will join over 100 Indian CEOs in the Swiss ski resort town of Davos next month for the WEF's 50th annual meeting, which will be attended by thousands of rich and powerful from across the globe.

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January 2020
INTACH to provide consultancy services for reconstruction of earthquake affected Cultural Heritage sites in Nepal
GK Latest

INTACH to provide consultancy services for reconstruction of earthquake affected Cultural Heritage sites in Nepal

The Government of India has deployed Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH) to provide consultancy services for the Post-Earthquake reconstruction of 11 Cultural Heritage sites in Nepal.

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January 2020
66th National Film Award: Vicky Kaushal, Ayushman Khurrana bag best actors award; Keerthy Suresh best actress
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66th National Film Award: Vicky Kaushal, Ayushman Khurrana bag best actors award; Keerthy Suresh best actress

66th National Film Award: Vicky Kaushal, Ayushman Khurrana bag best actors award; Keerthy Suresh best actress

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January 2020
लोहिया - केजीएमयू ने बनाए कई कीर्तिमान
News Times Post Hindi

लोहिया - केजीएमयू ने बनाए कई कीर्तिमान

बीता साल राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए काफी उपलब्धियों भरा रहा । लोहिया अस्पताल के विलय के बाद से ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कई बदलाव हुए हैं । विलय के बाद से ही कई सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है तो कई नई सुविधाएं बढ़ी हैं । केजीएमयू ने भी साल 2019 में कई नए कीर्तिमान स्थापित किए । केजीएमयू के इतिहास में पहला लिवर प्रत्यारोपण मार्च 2019 में हुआ । घुटना प्रत्यारोपण को लेकर भी 2019 में केजीएमयू से बड़ी शुरुआत सामने आई । इसके तहत बताया गया कि अब घुटने का जितना हिस्सा खराब होगा , डॉक्टर सिर्फ उतना ही बदलेंगे ।

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January 1, 2020
रघुवर पर भारी पड़ी आदिवासियों की नाराजगी
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रघुवर पर भारी पड़ी आदिवासियों की नाराजगी

रघुवर सरकार का बुरा वक्त वर्ष 2017 से ही तब शुरू हो गया था , जब सरकार जमीन अधिग्रहण बिल लेकर आई थी । विधानसभा से पास होने पर भी सरकार इसे लागू नहीं करा सकी । इसी के बाद से । आदिवासियों में रघुवर सरकार के खिलाफ नाराजगी के बीज पनपने लगे । वर्ष 2014 में भाजपा को जिताने के बाद गैर आदिवासी सीएम बनाने से भी आदिवासी समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा था । भाजपा को जिन गैर आदिवासियों ने वोट डाला था , वह भी इस चुनाव में उससे किनारा कर चुका था । इसका कारण यह था कि बीते पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने रोजगार के अवसर मुहैया नहीं कराए । भाजपा के बागी उम्मीदवार सरयू राय की उम्मीदवारी ने भी वोट में सेंध लगाई । स्थानीय मुद्दों से अलगाव भी भाजपा की हार का कारण बना ।

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January 1, 2020
दावों और वादों पर जमीनी अमल की चुनौती
News Times Post Hindi

दावों और वादों पर जमीनी अमल की चुनौती

प्रधानमंत्री बनते ही नरेन्द्र मोदी ने देश को एक विश्वास दिलवाया था कि उनका प्रयास देश में मिनिमम गवर्मेंट और मैक्सिमम गवर्नेस का होगा , लेकिन बेरोजगारों के संकट के समाधान के लिए बनाई गई दर्जन भर योजनाओं के परिणाम खुद ही चिन्ता का कारण बने हुए हैं । इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री ने अपने दावे के मुताबिक ढांचागत सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए , लेकिन जमीनी तौर इस भावना को उतारे जाने का सपना अभी कोसों दूर है ।

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January 1, 2020
सन्मार्ग से विमुख करता है भौतिकता का प्रदर्शन
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सन्मार्ग से विमुख करता है भौतिकता का प्रदर्शन

उत्सवधर्मिता तो जीवन का आवश्यक अंग है , बस इसमें वैभव का अनावश्यक प्रदर्शन न हो । इस व्यर्थ के प्रदर्शन में कदाचार पैठ जमा लेता है और आगे चलकर ढेर सारे दुर्गुणों के साथ जीवन को आदर्शों से भटका देता है । भौतिकता का अतिरेक धर्म और सत्य के मार्ग से विरत करता है । ऐसी भौतिकता देश काल - समाज सबके हितों के प्रतिकूल होती है । इसका कारण है , भौतिकता में सत्य और धर्म न साध्य होते हैं न साधन , जबकि सत्य धरा को धारण करता है और धर्म सबकी रक्षा करता है ।

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January 1, 2020
हक के लिए उदासीनता त्यागें उपभोक्ता
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हक के लिए उदासीनता त्यागें उपभोक्ता

हर व्यक्ति उपभोक्ता है । बावजूद इसके , कुछ ही लोग उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं , जिसका लाभ विभिन्न कंपनियां और दुकानदार उठाते हैं ।

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January 1, 2020
हिंसा की आग में किसने झोंका यूपी को ?
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हिंसा की आग में किसने झोंका यूपी को ?

देशभर में नागरिकता संशोधन कानून का पुरजोर विरोध जारी है । इस दौरान यूपी के कई जिलों में भी जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई । सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में हुई हिंसा को लेकर कहा , ' लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है । संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस , सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है । अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा । ' हालांकि हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है । राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं , ' इन शरारती तत्वों ने धारा 370 , ट्रिपल तलाक , अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जैसी घटनाओं को एक साथ जोड़ा और मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने की कोशिश की । '

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January 1, 2020
बीते साल में शिक्षा की दशा-दिशा
News Times Post Hindi

बीते साल में शिक्षा की दशा-दिशा

भारत के मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने भरोसा दिलाया है कि देश की नई शिक्षा नीति आने ही वाली है और उसमें शिक्षा की चुनौतियों के भारत केंद्रित समाधान की व्यवस्था है । प्रकट रूप में शिक्षा नीति का मसौदा भारत में शिक्षा की प्रचलित विसंगतियों का गहन विश्लेषण करने के उपरान्त भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था की वकालत करता है । इसमें भविष्य की अपेक्षाओं का आकलन कर महत्वपूर्ण सस्तुतियां की गई हैं । यह संतोष का विषय है कि इसमें भाषा और संस्कृति के महत्व को भी केंद्रीय स्थान दिया गया है । हम आशा करते हैं कि नीति से आगे बढ़कर कार्यान्वयन का समयबद्ध कार्यक्रम भी देश को प्राप्त होगा और उपेक्षा के दौर से निकल कर शिक्षा को नई दिशा मिलेगी । देश के निर्माण में शिक्षा की भूमिका को कमतर आंकने की नकारात्मक प्रवृत्ति से उबरना जरूरी है ।

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January 1, 2020
बीते साल चर्चा में रहे थे मुद्दे
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बीते साल चर्चा में रहे थे मुद्दे

यदि किसी तरीके से पिछले साल का मूल्यांकन करना हो तो कैसे किया जाए ? राजनीतिक शुचिता और परिपक्वता के आयाम पर... सामाजिक ताने बाने की विकसित सुदृढ़ता के विचार से... आर्थिक समृद्धता और सामाजिक न्याय के आधार पर... स्त्री समानता व वंचितों के अधिकार की दृष्टि से... जलवायु व पर्यावरण के मानकों पर हमारी उपलब्धियों के दृष्टिकोण से... धर्म व अध्यात्म की नज़र से... स्वास्थ्य , शिक्षा के मानकों पर... सैन्य व रक्षा क्षेत्र के तौर पर ? ऐसे कितने ही मुद्दे यहां लिखे जा सकते हैं और हैं भी । किसी एक आयाम पर हमने सफलता भी हासिल की है , थोड़ा प्रगति भी की है तो कई ऐसे आयाम हैं जहां हम पहले से पिछड़े हैं या जहां के तहां हैं । आइए नजर डालते हैं बीते साल के कुछ प्रमुख मुद्दों पर , जो जो किसी भी तरीके से हमारे समाज या देश को प्रभावित करते हैं ।

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January 1, 2020
पूरी दुनिया में रही सर्वोच्च न्यायालय के - अहम फैसलों की गूंज
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पूरी दुनिया में रही सर्वोच्च न्यायालय के - अहम फैसलों की गूंज

साल 2019 सुप्रीम कोर्ट के तमाम ऐतिहासिक फैसलों के लिए भी जाना जाएगा । सर्वोच्च अदालत ने इस साल कई ऐसे फैसले सुनाए , जो इतिहास बन गए । एक तरफ कोर्ट ने दशकों पुराने तथा पूरे देश को आंदोलित करते रहे अयोध्या जमीन विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मामले का पटाक्षेप किया , तो दूसरी तरफ राफेल डील में भी अहम फैसला सुनाया । कोर्ट का यह फैसला एक तरह से मोदी सरकार के लिए क्लीन चिट जैसा था । कुछ मामले ऐसे भी रहे , जिनसे सियासत की दिशा और दशा भी बदली । इनमें महाराष्ट्र का सियासी मामला प्रमुख रहा , जहां पहले नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस ने सरकार बना ली थी , लेकिन बाद में उन्हें पद त्यागना पड़ा । आइए एक नजर डालते हैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2019 में सुनाए गए कुछ अहम फैसलों पर -

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January 1, 2020
न्याय में देरी - न्याय से वंचित करने के समान
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न्याय में देरी - न्याय से वंचित करने के समान

तमाम ऐसे चर्चित मामले रहे हैं , जिनमें किसी की सुनवाई बहुत देर से शुरू हुई तो किसी में बहुत विलंब से फैसला आया । लगभग 20 हजार लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार भोपाल गैसकांड के मुकदमे का फैसला भी 26 वर्ष बाद आया था । इसी तरह कैमरे के सामने रुपये लेते हुए देखे गए बंगारू लक्ष्मण को दोषी साबित करने में न्यायालय को 11 साल लग गए । भारत में लम्बे समय से अदालती कवायद में लटके मुकदमों का जब भी जिक्र आएगा , अयोध्या राम मंदिर मामले का नाम जरूर लिया जाएगा । इस मामले में यूं तो 206 साल पहले विवाद उठ गया था , लेकिन इसके 72 साल बाद पहली बार यह मामला अदालत _ _ में पहुंचा । तब से लेकर 9 नवम्बर , 2019 को इस मामले में फैसला आने के पहले तक लगभग 134 साल तक यह मामला न्यायिक - प्रक्रिया में उलझा रहा । इस तरह अदालती दांव - पेच में न जाने कितने मुकदमे फैसले के इंतजार में अधर में हैं ।

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January 1, 2020
दाम बांधना-काम देना बड़ी चुनौती
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दाम बांधना-काम देना बड़ी चुनौती

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत में घरेलू मांग में लगातार आ रही कमी को गंभीर समस्या माना है । आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के नकारात्मक रुख को देखते हुए ढांचागत सुधार की सलाह दी है । मोदी सरकार में पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने भारत को गहरे आर्थिक सुस्ती के दौर में बताते हुए आगाह किया है । एक शोध पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह कोई साधारण सुस्ती नहीं है , भारत में गहन सुस्ती है । ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था आईसीयू में जा रही है । अर्थशास्त्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी के विचार भी उत्साहजनक नहीं रहे । कुछ दिन पहले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा कियाथा कि जीडीपी 4.5 नहीं बल्कि 1.5 फीसद पर है । जब इतने सारे जानकार चेतावनी और सलाह दे रहे हों तो इन पर अविश्वास करने की कोई वजह नहीं बनती । नए साल में आर्थिक मोर्चे पर सरकार को बहुत काम करना होगा ।

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January 1, 2020
खुशामदीद 2020 , यूपी में खुशहाली लाना
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खुशामदीद 2020 , यूपी में खुशहाली लाना

मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ का सफर सुशासन के मोर्चे पर खासा कामयाब कहा जा सकता है । साथ ही अपनी पार्टी भाजपा को आगे बढ़ाने में उनकी कार्यशैली सहायक रही है । इसके बावजूद आने वाले समय में उनका सफर चुनौतियों भरा नज़र आता है । इसका कारण यह है कि सरकार के बेहतर कामकाज से जनता की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं । लोगों में धारणा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने में कामयाब रहे हैं और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं हैं । इस विश्वास को कायम रखना भी एक चुनौती होगी ।

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January 1, 2020
इंटरनेट से कैसे मिले योजनाओं का लाभ ?
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इंटरनेट से कैसे मिले योजनाओं का लाभ ?

करीब पांच साल पहले ग्राम पंचायतों के भवनों में वाई - फाई लगाकर गांव वालों को इंटरनेट से जोड़ने का अभियान शुरू किया गया था , जो आज भी अधूरा है । प्रदेश की 59 हजार से अधिक पंचायतों में हर काम इंटरनेट के माध्यम से करने के लिए आए दिन आदेश जारी किए जाते रहते हैं , लेकिन जिस देश की 33 फीसदी आबादी निरक्षर हो और 70 फीसदी आबादी गांवों में बसती हो , वहां ऐसा करना कैसे संभव हो पाएगा । गांव में जो लोग हाईस्कूल , इंटर , बीए तक पढ़े - लिखे भी हैं , वे भी नहीं जानते कि घर बैठे सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं ।

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January 1, 2020
एक साल के भीतर गंवा दिए पांच राज्य
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एक साल के भीतर गंवा दिए पांच राज्य

मार्च 2018 में जहां देश के 21 राज्यों में भाजपा की सरकार थी , वहीं साल बीतते - बीतते यह तस्वीर तेजी से बदली । 2018 के आखिर में मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह सत्ता से बाहर हो गई । दिसंबर 2019 आते - आते यह आंकडा सिमटकर 15 राज्यों तक पहंचता दिख रहा है । पिछले एक साल में ही झारखंड समेत 5 राज्य बीजेपी के हाथ से निकल चुके हैं । नि : संदेह झारखंड चुनाव के नतीजे बीजेपी को बेचैन करने वाले हैं । जनता की नब्ज को समझने का दंभ भरने का दावा करने वाली बीजेपी , अमित शाह और पीएम मोदी के लिए यह चिंता की बात है ।

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January 1, 2020
एनआरसी और एनपीआर से जुड़े खास पहलू
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एनआरसी और एनपीआर से जुड़े खास पहलू

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन ( एनआरसी ) पर देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर ( एनपीआर ) की ओर कदम बढ़ा रही है । इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 , 941 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है । एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है । इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी । हालांकि सीएए और एनआरसी की तरह गैर बीजेपी शासित राज्य इसका भी विरोध कर रहे हैं और इसमें सबसे आगे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं । ममता बनर्जी ने तो बंगाल में एनपीआर पर जारी काम को भी रोक दिया है । इसके अलावा केरल की लेफ्ट सरकार ने भी एनपीआर से संबंधित सभी कार्यवाही रोकने का आदेश दिया है ।

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January 1, 2020
अब मंदिर निर्माण में क्यों हो रही देर ?
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अब मंदिर निर्माण में क्यों हो रही देर ?

कोर्ट के फैसले की विधिक बारीकियां और कानूनी दांव - पेच से अनभिज्ञ लोग एक प्रश्न शिद्दत से उठा रहे हैं कि मन्दिर निर्माण में अब किस बात की देरी की जा रही है ? कब तक हमारे आराध्य राम टाट के पंडाल में रहेंगे ? वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केन्द्र सरकार की ओर से बनाए जाने वाले ट्रस्ट के गठन को लेकर भी सवाल उठाने लगे हैं । अयोध्या आने वाले राम - भक्तों के बीच भी मन्दिर निर्माण की बातें हो रही हैं । साधु - सन्तों का मानना है कि यहां बनने वाला मन्दिर न केवल ' न्याय ' का प्रतीक होगा , अपितु संसार भर को न्याय , धर्म , सौहार्द व रामराज की प्रेरणा का केंद्र भी होगा ।

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January 1, 2020