रापंजेल के लिए ऑडिशन

“ओह, प्रिंस चार्मिंग...” उस ने गाया.
उस की सब से अच्छी दोस्त श्रुति भी उस में शामिल हो गई. “अरे वाणी, मुझे भी एक गाना गाने दो.”
वाणी ने माइक उसे दे दिया और श्रुति ने गाना गाया, “लेट इट गो, लेट इट गो...”
यह प्रोग्राम कुछ समय तक चलता रहा जब तक कि माइक बंद नहीं हो गया.
वाणी की नजर एक कौवे पर पड़ी, “क्या मुझे भी उस की नकल करनी चाहिए और कौवों का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहिए? क्या यह मजेदार नहीं होगा? कांवकांव,” वह चिल्लाई और कौवों ने भी जवाब दिया.
इसी बीच श्रुति ने मुड़े हुए कागज को खोला जो एक माइक्रोफोन था और उस में लिखी बातें पढ़ने लगी. “औडिशन के लिए...”
“क्या,” औडिशन शब्द ने वाणी का ध्यान अपनी ओर खींचा. “औडिशन फॉर रापंजेल, द प्ले यानी रापंजेल नाटक के लिए औडिशन,” श्रुति ने जोर से पढ़ा.
“शेक्सपियर थिएटर स्कूली बच्चों को रापंजेल नाटक के आडिशन के लिए आमंत्रित करता है. चयनित बच्चों को हम प्रशिक्षित करेंगे. ग्लोब्स औडिटोरियम में 8 मार्च को शाम 4 बजे.”
वाणी उछल कर बोली, “मैं ने हमेशा मंच पर आने का सपना देखा है और यह एक अच्छा मौका है. मैं रापंजेल की भूमिका के लिए औडिशन देने जाऊंगी.”
“हा, हा, हा, हम इसीलिए तुम को ड्रामा क्वीन कहते हैं,” श्रुति ने कहा, “लेकिन मुझे लगता है कि तुम एक महत्त्वपूर्ण बात भूल गई हो.”
“क्या?” वाणी ने फिर से परचे को पढ़ा. “तारीख कोई समस्या नहीं है. मैं अम्मां से अनुमति ले लूंगी.”
“नहीं,” श्रुति बोली. उस की भौंहें ऊपरनीचे हो रही थीं.
“क्या तुम्हें कुछ परेशानी है, श्रुति? क्या तुम ठीक हो?” वाणी ने अपनी सहेली के माथे को छुआ.
“अरे, मैं ठीक हूं. मैं तुम्हें कुछ याद दिलाने की कोशिश कर रही थी,” श्रुति ने फिर से अपनी भौंहों को मटका कर वही अजीब हरकत की.
“मैं हार मानती हूं. क्या बात है?” वाणी ने पूछा.
“तुम्हारे बाल,” श्रुति ने हैरानी से कहा.
वाणी ने अपने बालों को छुआ और तुरंत समझ गई कि श्रुति क्या कहना चाह रही थी. उस ने अपने भाई से एक शर्त हारने के बाद अभीअभी अपने बाल काफी छोटे कटवाए थे.
“रापंजेल के बाल लंबे हैं. याद है न? यह कहानी का सब से महत्त्वपूर्ण बिंदु है,” श्रुति ने कहा.
Denne historien er fra March First 2025-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra March First 2025-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på

मिहिर की पूंछ
मिहिर केवल 9 साल का था, लेकिन अपनी तेज बुद्धि और मजेदार अंदाज के लिए वह जाना जाता था. उस की एक बुरी आदत थी कि वह बड़े-बड़े वादे करता था, लेकिन उन्हें कभी निभाता नहीं था.

हिप्पो कब जाएंगे
क्लोई और जोई हिरण बहनें थीं और एमरल्ड तालाब के पास बसंत में पहली बार तितलियों के साथ खेल रही थीं. अचानक उन्होंने दूर से एक दरियाई घोड़े को आते देखा.

अच्छा पड़ोसी
रविवार की सुबह थी. अभी पौ भी नहीं फटी थी. गिगी जिराफ और बौब भालू, जो और्गेनिक खेती करने वाले पड़ोसी थे और शहर के बाहर ही रहते थे. वे अपने खेतों की ओर तेजी से जा रहे थे. उन के घर एकदूसरे के घर से सटे हुए थे.

बरगद के पेड़ का भूत
चंंपकवन की यह शाम ठंडी और धुंध भरी थी और जंगल असामान्य रूप से शांत था. इतना ही नहीं, चहचहाते झींगुर भी शांत हो गए थे. चीकू खरगोश और मीकू चूहा, स्कूल में एक दिन बिताने के बाद लौट रहे थे और आनंदवन में होने वाली खेल प्रतियोगिता के बारे में बातें कर रहे थे.

खोया हुआ दोस्त
मंची कैटरपिलर और बैडी सेंटीपीड बहुत अच्छे दोस्त थे. उन दोनों के कई पैर थे और उन्हें हरीभरी घास के बीच एकदूसरे के साथ दौड़ लगाना पसंद था.

मिशन अखरोट
बसंत के आगमन के साथ, ब्लूहिल वन गतिविधि से गुलजार हो गया था. जानवर और पक्षी अपने वार्षिक वसंत मेले की तैयारी में व्यस्त थे.

बुरा न मानो होली है
होली दो दिन बाद आने वाली थी और मिली मीरकैट, रोहित रैकून, पोपो पैराकीट और हसन हेजहोग इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि त्योहार कैसे मनाया जाए.

रंगों और पकवानों के साथ होली
“होली रे होली, होली आई रे,” चेतन की दादी के आंगन में खुशी की धुनें गूंज रही थीं। बच्चे इधरउधर दौड़ रहे थे, एकदूसरे पर रंग फेंक रहे थे। उन में से कुछ खंभों के पीछे छिप कर रंगों से बचने की कोशिश कर रहे थे। गुलाल, फूटते पानी के गुब्बारों और पानी की पिचकारियों के रंगबिरंगे स्प्रे से पूरे आंगन में अफरातफरी का माहौल था.

हर्बल होली
होली नजदीक आ रही है. चलो, इस बार कुछ अलग करते हैं,” डिंकी हिरणी ने अपनी सहेलियों से कहा.

गजरू की होली
नंदनवन में होली की तैयारियां जोरों पर थीं, हर जानवर शैतानी से होली की मस्ती की योजना बना रहा था. रंग, गुलाल, पानी के गुब्बारे सबकुछ तैयार किए जा रहे थे, लेकिन एक बार फिर गजरू छछंदर सब से बड़ी बाधा बन गया था.