भारत में अंगूर की खेती अनूठी है, क्योंकि अंगूर उष्ण व शीतोष्ण सभी प्रकार की जलवायु में पैदा किया जा सकता है. हालांकि अंगूर की अधिकांशतः व्यावसायिक खेती (तकरीबन 85 फीसदी इलाके में) उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले इलाकों में (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु) और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले उत्तरी राज्यों में विशेष रूप से ताजा अंगूर उपलब्ध नहीं होते हैं. अतः उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले इलाके जैसे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली व राजस्थान के कुछ भागों में अंगूर की खेती की जा रही है, जिस से जून महीने में भी अंगूर मिलते हैं.
अंगूर के कई उपयोग हैं. इसे फल के तौर पर खाने के अलावा इन से किशमिश, मुनक्का, जूस, जैम और जैली भी बनाए जाते हैं. साथ ही, इस का उपयोग मदिरा बनाने में भी किया जाता है. अंगूर में कई पोषक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल तत्त्व पाए जाते हैं, लिहाजा हमारी सेहत के लिए अंगूर का सेवन काफी लाभकारी माना गया है.
भूमि और जलवायु
अंगूर की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली रेतीली, दोमट मिट्टी उपयुक्त पाई गई है. इस में अंगूर की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है, वहीं अधिक चिकनी मिट्टी इस की खेती के लिए ठीक नहीं रहती है. इस की खेती के लिए गरम, शुष्क व दीर्घ ग्रीष्म ऋतु अनुकूल रहती है. अंगूर के पकते समय वर्षा या बादल का होना बहुत ही हानिकारक है. इस से दाने फट जाते हैं और फलों की क्वालिटी पर काफी बुरा असर पड़ता है.
खेती का उचित समय
दिसंबर से जनवरी महीने में फसल की तैयार की गई जड़ की रोपाई की जाती है.
अंगूर की उन्नत किस्में
अंगूर की कई प्रकार की किस्में पाई जाती हैं, जिन में से प्रमुख उन्नत किस्मों की विशेषताएं इस प्रकार हैं: अनब ए शाही : अंगूर की इस किस्म को आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्यों में अधिक उगाया जाता है. इस में निकलने वाले अंगूरों का जूस देखने में अधिक साफ और 14-16 फीसदी टीएसएस सहित मीठा होता है. इस किस्म के पौधे 35 टन तक की पैदावार देने के लिए जाने जाते हैं.
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फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
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