हरी-हरी धरती पर हर
Aha Zindagi|September 2024
वर्षा की विदाई वेला है। नदियों का कलकल निनाद गूंज रहा है, धरती ने हरीतिमा की चादर ओढ़ रखी है, प्रकृति का हर हिस्सा खिला-खिला, मुस्कराता-सा लग रहा है।
समीक्षा तैलंग
हरी-हरी धरती पर हर

नवजीवन और पुनर्जीवन की यह ऋतु सचमुच 'शिव' स्वरूपा है - कल्याणकारी और मंगलमय।

कभी मस्तिष्क भी सोच में पड़ जाता है कि आज के समय में जहां मनुष्य धीरज खो चुका है, वहीं ईश्वर ने प्रकृति को कितनी शांति और धैर्य से रचा है! मस्तिष्क के बारीक से बारीक तंतुओं को सही जगह जोड़ने वाला और ऐसी कलाकृति को रचने वाला एकमेव है। कितना कठ है समझना कि वह एक ही है जो शल्यकार, शिल्पकार, चित्रकार, संगीतकार आदि-आदि सबकुछ है। क्या मनुष्य, क्या ही बारीक से बारीक कीट से लेकर बड़े से बड़े प्राणी, पर्वत, झीलें, नदी, हिम, जलथल, आकाश-पाताल, ज्वालामुखी आदि-आदि का प्रणेता वही ईश्वर है। इतनी सारी ऋतुएं। न जाने कितना गणित करके ऋतुओं में सामंजस्य बिठाया होगा। दिन-रात की व्यवस्था की होगी। सूर्य-चंद्र-नक्षत्रों का उदय-अस्त-दिशा सबकुछ तय किया होगा। क्या ही कमाल की व्यवस्था कर रखी है जिसके अनुसार दुनिया चलती है। ये ब्रह्मांड भी गुंजायमान है। उसके स्वर धरती पर बसने वाले कुछ बेसुरों से मेल नहीं खाते। इस तरह का प्रबंधन किसी अन्य के लिए असंभव है। यह पुस्तकीय नहीं बल्कि शास्त्रीय ज्ञान है जिसे बदला नहीं जा सकता। इस असीमित ज्ञान की गंगा में जब भी गोता लगाओ एक नया संसार सामने आता है। यही सब विस्मित भी करता है।

नदियां निभा रही हैं निर्देश

Denne historien er fra September 2024-utgaven av Aha Zindagi.

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कथाएं चार, सबक़ अपार
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कथाएं चार, सबक़ अपार

कथाएं केवल मनोरंजन नहीं करतीं, वे ऐसी मूल्यवान सीखें भी देती हैं जो न सिर्फ़ मन, बल्कि पूरा जीवन बदल देने का माद्दा रखती हैं - बशर्ते उन सीखों को आत्मसात किया जाए!

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December 2024
मनोरम तिर्रेमनोरमा
Aha Zindagi

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अपने प्राकृतिक स्वरूप, ऋषि-मुनियों के आश्रम, सरोवर और सुप्रसिद्ध मेले को लेकर चर्चित गोंडा ज़िले के तीर्थस्थल तिर्रेमनोरमा की बात ही निराली है।

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December 2024
चाकरी नहीं उत्तम है खेती...
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चाकरी नहीं उत्तम है खेती...

राजेंद्र सिंह के घर पर किसी ने खेती नहीं की। लेकिन रेलवे की नौकरी करते हुए ऐसी धुन लगी कि असरावद बुजुर्ग में हर कोई उन्हें रेलवे वाले वीरजी, जैविक खेती वाले वीरजी, सोलर वाले वीरजी के नाम से जानता है। उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी।

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December 2024
उसी से ग़म उसी से दम
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उसी से ग़म उसी से दम

जीवन में हमारे साथ क्या होता है उससे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम उस पर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं। इसी पर निर्भर करता है कि हमें ग़म मिलेगा या दम। यह बात जीवन की हर छोटी-बड़ी घटना पर लागू होती है।

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4 mins  |
December 2024
एक कप ज़िंदगी के नाम
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सिडनी का 'द गैप' नामक इलाक़ा सुसाइड पॉइंट के नाम से जाना जाता है। लेकिन इस स्थान से जुड़ी एक कहानी ऐसी है, जिसने कई जिंदगियां बचाईं। यह कहानी उस व्यक्ति की है, जिसने अपनी साधारण-सी एक पहल से अंधेरे में डूबे हुए लोगों को एक नई उम्मीद की किरण से रूबरू कराया।

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December 2024
कौन हो तुम सप्तपर्णी?
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कौन हो तुम सप्तपर्णी?

प्रकृति की एक अनोखी देन है सप्तपर्णी। इसके सात पर्ण मानो किसी अदृश्य शक्ति के सात स्वरूपों का प्रतीक हैं और एक पुष्प के साथ मिलकर अष्टदल कमल की भांति हो जाते हैं। हर रात खिलने वाले इसके छोटे-छोटे फूल और उनकी सुगंध किसी सुवासित मधुर गीत तरह मन को आनंद विभोर कर देती है। सप्तपर्णी का वृक्ष न केवल प्रकृति के निकट लाता है, बल्कि उसके रहस्यमय सौंदर्य की अनुभूति भी कराता है।

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7 mins  |
December 2024
धम्मक-धम्मक आत्ता हाथी...
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धम्मक-धम्मक आत्ता हाथी...

बाल गीतों में दादा कहकर संबोधित किया जाने वाला हाथी सचमुच इतना शक्तिशाली होता है कि बाघ और बब्बर शेर तक उससे घबराते हैं। बावजूद इसके यह किसी पर भी यूं ही आक्रमण नहीं कर देता, बल्कि अपनी देहभाषा के ज़रिए उसे दूर रहने की चेतावनी देता है। जानिए, संस्कृत में हस्ती कहलाने वाले इस अलबेले पशु की अनूठी हस्ती के बारे में।

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December 2024
यह विदा करने का महीना है...
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यह विदा करने का महीना है...

साल समाप्त होने को है, किंतु उसकी स्मृतियां संचित हो गई हैं। अवचेतन में ऐसे न जाने कितने वर्ष पड़े हुए हैं। विगत के इस बोझ तले वर्तमान में जीवन रह ही नहीं गया है। वर्ष की विदाई के साथ अब वक़्त उस बोझ को अलविदा कह देने का है।

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December 2024
सर्दी में क्यों तपे धरतीं?
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सर्दी में क्यों तपे धरतीं?

सर्दियों में हमें गुनगुनी गर्माहट की ज़रूरत तो होती है, परंतु इसके लिए कृत्रिम साधनों के प्रयोग के चलते धरती का ताप भी बढ़ने लगता है। यह अंतत: इंसानों और पेड़-पौधों सहित सभी जीवों के लिए घातक है। अब विकल्प हमें चुनना है: जीवन ज़्यादा ज़रूरी है या फ़ैशन और बटन दबाते ही मिलने वाली सुविधाएं?

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December 2024
उज्ज्वल निर्मल रतन
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उज्ज्वल निर्मल रतन

रतन टाटा देशवासियों के लिए क्या थे इसकी एक झलक मिली सोशल मीडिया पर, जब अक्टूबर में उनके निधन के बाद हर ख़ास और आम उन्हें बराबर आत्मीयता से याद कर रहा था। रतन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और महज़ दो माह पहले ही उनके बारे में काफ़ी कुछ लिखा भी गया। बावजूद इसके बहुत कुछ लिखा जाना रह गया, और जो लिखा गया वह भी बार-बार पढ़ने योग्य है। इसलिए उनके जयंती माह में पढ़िए उनकी ज़िंदगी की प्रेरक किताब। रतन टाटा के समूचे जीवन को चार मूल्यवान शब्दों की कहानी में पिरो सकते हैं: परिवार, पुरुषार्थ, प्यार और प्रेरणा। उन्हें नमन करते हुए, आइए, उनकी बड़ी-सी ज़िंदगी को इस छोटी-सी किताब में गुनते हैं।

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December 2024