अकसर बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि बच्चों को जन्म देने से बड़ा काम है, उन्हें अच्छी परवरिश देना। बच्चे की परवरिश ही उसके जीवन की दशा और दिशा निर्धारित करती है। बदलते वक्त के साथ परवरिश के तरीके में भी बदलाव आ रहा है। इस सफर में नई-नई चीजें शामिल हो रही हैं, तो परवरिश के कुछ पुराने तरीके पीछे छूट रहे हैं। अभिभावक और बच्चे का रिश्ता प्रोफेशनल नहीं, बल्कि आत्मीय और गहरा होता है। तो स्वाभाविक है इस रिश्ते में प्यार बहुत ज्यादा होता है। पर, बच्चे की सही परवरिश के लिए अनुशासन होना भी बहुत जरूरी है। चाहे प्यार हो या अनुशासन, दोनों में एक सीमा निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। कोई भी चीज जब आप सीमा से अधिक करेंगी तो उसका बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बदलते वक्त के साथ परवरिश के अपने तरीके में किन चीजों को करें शामिल और किन्हें छोड़ें पीछे, आइए जानें:
अच्छी नहीं अतिव्यस्तता
बच्चे को बहुत ज्यादा व्यस्त न रखें। अगर आप उसे सारा दिन स्कूल, ट्यूशन, एक्टिविटी क्लॉस, होमवर्क आदि में व्यस्त रखेंगी तो उसकी इन चीजों में रुचि विकसित होने की बजाय कम हो जाएगी। हम चाहते हैं हमारा बच्चा हर काम में अपना सर्वश्रेष्ठ दे। लेकिन न तो यह व्यवहारिक है और न ही संभव। इससे बच्चा शारीरिक, भावनात्मक व मानसिक रूप से थक जाता है। कुछ समय उसके लिए छोड़ दें, ताकि वह अपना मनपसंद काम कर सके।
भेदभाव अब तो करें बंद
Denne historien er fra June 03, 2023-utgaven av Anokhi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 03, 2023-utgaven av Anokhi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
ये हैं मेहंदी के नए ट्रेंड
शादी की और सारी तैयारियां तो कर ली, पर क्या मेहंदी का डिजाइन तय किया? आइए आपकी इस मुश्किल को हम हल कर दें, इन दिनों मेहंदी के किस तरह के डिजाइन ट्रेंड में हैं, बता रही हैं शालिनी जैन
आपकी सोच दिखाएगी कमाल
दुनिया में हर तरह की सोच वाले लोग हैं। नकारात्मक लोगों से घिरे होने के बावजूद अपनी सोच और जिंदगी को कैसे सकारात्मक बनाए रखें, बता रही हैं स्वाति गौड़
पीछे हटेंगे पीछा करने वाले
आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है? आपको अनचाहे कॉल या मैसेज आते हैं? मुमकिन है कि आप किसी स्टॉकर का शिकार बन रही हों। पर, अब उससे डरने का नहीं बल्कि लड़ने का वक्त है। कानून भी आपको यह अधिकार देता है। स्टाकिंग के खिलाफ क्या हैं आपके अधिकार, बता रहे हैं वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कुमार गौतम
पहली तिमाही में पेट से जुड़े व्यायाम न करें
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार गाइनेकोलॉजिस्ट देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
अब रोज खाओ अंडे
ठंड आते ही प्रोटीन से भरपूर अंडे हमारी डाइट में प्रमुखता से शामिल होने लगते हैं। उबले अंडे या फिर ऑमलेट खाने की जगह अंडों से बनाएं और कौन-कौन से व्यंजन, बता रही हैं देविका सिंह
इनके कान पर भी दें ध्यान
बच्चे दूसरों को देखकर और सुनकर सीखते हैं। पर, अगर वो ठीक से सुन ही न पा रहे हों तो? दुनिया भर के बच्चों में तेजी से कानों से जुड़ी समस्या बढ़ रही है। क्या हैं इसके कारण और कैसे अपने बच्चे को इससे बचाएं, बता रही हैं शमीम खान
ऐसे सुलझेगी पहले साल की पहेली
खूब सारी उम्मीदों और उत्साह के साथ कोई जोड़ा अपने शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करता है। पर, शादी का पहला साल अधिकांश लोगों के लिए उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित होता है। साथ मिलकर इस चुनौती का कैसे करें सामना, बता रही हैं शाश्वती
ठंड में भी दमकेगी त्वचा
मौसम बदल रहा है और आपकी त्वचा का मिजाज भी। त्वचा पर खुश्की नजर आने लगी है। अब आपको भी समझ जाना चाहिए कि समय आ गया है त्वचा को बदलते मौसम के हिसाब से ढालने का। सर्दियों के लिए कैसी हो त्वचा की तैयारी, बता रही हैं स्वाति शर्मा
विवाह करने का एक फायदा यह भी
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़