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कब कारोबारी बनेंगे बिहारी
बिहार के उद्योग जगत पर नजर रखने वाले जानते हैं कि यहां से गुजरे कई दशकों के दौरान सिर्फ अनिल अग्रवाल (वेदांत समूह),एल्केम फार्मा और अरिस्टो फार्मा ने ही बड़े स्तर पर अपनी जगह बनाई है. अति विनम्रता से कहना चाहता हूं कि मेरे द्वारा स्थापित एसआईएस समूह भी सेवा क्षेत्र में देश का एक अहम नाम है.
केवल हिंदू ही नहीं, सिख भी 'गुनाहगार!
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या' में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों से करने का विवाद बढ़ता जा रहा है.
कसौटी कासगंज
ऐसी बात नहीं है कि यूपी के कासगंज थाने में अल्ताफ की मौत पहली घटना है, जिस पर सियासतदां सियासत चमकाने में लगे हैं. मौत के मामलों पर वैसे भी सियासत कोई नई बात नहीं है लेकिन यूपी में लिंचिंग और पुलिस की कार्रवाई को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. साल 2015 की बात है, यूपी के दादरी में अखलाक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, ये गाय के नाम पर की गई मॉब लिंचिंग की संभवतः पहली घटना थी जो आने वाले वक्त में एक तयशुदा स्क्रिप्ट की तरह दोहराई जाने लगी. बीते छह साल में एक-के-बाद एक लिंचिंग की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें मारे जाने वाले व्यक्ति की धार्मिक पहचान उसकी हत्या की वजह थी, ऐसी हत्याओं को दुनिया के कई देशों में 'हेट क्राइम' की श्रेणी में रखा जाता है. भारत में 'हेट क्राइम' के तहत आंकड़े दर्ज नहीं किए जाते.
क्यों परेशान हैं सुरक्षा बलों के जवान
अभी बिल्कुल हाल ही में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कॉन्स्टेबल रीतेश रंजन ने छतीसगढ़ के सुकमा जिले के बस्तर क्षेत्र में अपने ही चार साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी. आरोपी जवान को किसी तरह काबू में किया गया. यह गौर करने की बात है कि अपने ही साथियों पर सीआरपीएफ या अर्धसैनिक बल के किसी जवान ने पहली बार गोलियां नहीं बरसाई हैं. अगर आप गूगल करें तो देखेंगे कि इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं. इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
गंभीर होती वायु प्रदूषण की समस्या
पहले से ही प्रदूषण की खतरनाक स्थिति के मद्देनजर पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली-एनसीआर में इस साल भी जिस प्रकार लोगों ने जमकर पटाखे चलाए, उससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई इलाकों में गंभीर स्तर से भी अधिक 480 तक पहुंच गया.
महिला कार्ड के सहारे राजनीतिक जमीन की तलाश
उत्तर प्रदेश 18 वीं विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो रहा है अर्थात आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आयोजन में कुछ महीने ही शेष हैं. चुनाव की तैयारियों का आगाज हो चुका है और तकरीबन सभी दल अपनी जीत सुनिश्चित करने हेतु पुराने वोट बैंक को सहेजने और कुछ नये वोट बैंक की तलाश में हैं ताकि उनकी सीटों में इजाफा हो सके.
प्रियंका गांधी की बात नहीं मान रहे गहलोत!
राजस्थान कांग्रेस की कलह खत्म करने में जुटे आलाकमान के लिए सुलह की राह तैयार करना आसान नहीं है. पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात कह कर जयपुर लौटे हैं. फिर जयपुर से सचिन पायलट को सोनिया गांधी के यहां से बुलावा आया. वहां दोनों ने वही बातें कहीं जो पिछले एक साल से कह रहे थे. अभिभावक की तरह सोनिया गांधी ने कहा कि मिल-जुलकर काम कीजिए मैं रास्ता निकालती हूं. हालांकि गांधी परिवार में भी इतने आलाकमान हैं कि एक व्यक्ति मिलकर फैसला नहीं ले सकता है.
ब्राह्मण केवल माहौल बनाने के लिए असली वोटबैंक तो मुस्लिम हैं
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मणों पर प्रेम बरसाते हुए 'प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन' करने की घोषणा की थी. जिसके बाद सपा, कांग्रेस और भाजपा में ब्राह्मण वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए होड़ मच गई थी.
आखिर सड़क हादसों पर नियंत्रण कैसे संभव?
एक रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि भारत में सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में सड़क हादसों की कुल संख्या 449002 थी. जबकि 2018 में यह आकड़ा 467044 और वर्ष 2017 में 464910 था.
आज कांग्रेस वैसी ही 'अछूत', जैसे कभी भाजपा हुआ करती थी
कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा की तमाम कोशिशों के बाद भी जमीन से जुड़ा आम कांग्रेसी से उत्साहित नहीं नजर आ रहा है. इसकी वजह है पिछले कई चुनावों से कांग्रेस का लगातार गिरता हुआ जनाधार. इसीलिए पुराने कांग्रेसी दिग्गजों को लगता है कि यूपी में कांग्रेस जब तक पुनः मजबूत स्थिति में न आ जाए तब तक वह गठबंधन की सियासत से परहेज नहीं करे.
अंधकारमय होता परिवार का भविष्य
इसमें कोई दो राय नहीं है कि समाज या परिवार में पलने वाली हर बुरी आदत या आपदा का शिकार अंततः स्त्रियाँ ही बनती हैं. जहरीली शराब के सेवन के चलते जान गंवाने के मामले भी इससे अलग नहीं हैं. जहरीली शराब पीने से होने वाली दुखद और शर्मनाक घटनाओं में कोई न कोई स्त्री अपना पति, बेटा या भाई खो देती है. हर बार इन हादसों के बाद रोती-बिलखती युवा और उम्रदराज महिलाओं की तस्वीरें हर ओर दिखने लगती हैं. छोटे-छोटे बच्चे पिता के साये से महरूम हो जाते हैं. आमतौर पर कमजोर तबके से आने वाले ऐसे परिवारों में घर के कमाऊ सदस्य का जीवन छिन जाने का मतलब ही है, घर की महिलाओं के जीवन में नई तकलीफों और पीड़ा का दौर शुरू हो जाना. अफसोस कि अनगिनत परिवारों को बिखेरने और कई औरतों के मनजीवन को उजाड़कर रख देने ऐसी घटनाएँ देश के किसी ना किसी कोने में होती ही रहती हैं.
प्रियंका के चुनावी वायदों का शोर ज्यादा असर कम
यदि यूपी में कांग्रेस सत्ता में आती है तो लड़कियों को स्मार्ट फोन और स्कूटी दी जाएगी, किसानों का पूरा कर्जा माफ और आम जनता का कोरोना काल के दौरान का बिजली का बिल माफ कर दिया जाएगा, जबकि बाद के बिजली के बिल का आधा पैसा माफ किया जाएगा. वादों की झड़ी लगाते हुए प्रियंका गांधी ने यहां तक कहा है कि कोरोना के कारण आम आदमी के बिगड़े बजट को सुधारने के लिये हर परिवार को 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी. वहीं 20 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. धान और गेहूं का समर्थन मूल्य 2500 रुपए क्विंटल किया जाएगा.
शास्त्रीय परंपरा नहीं जनमानस से उपजा त्योहार
बिहार, झारखंड, पूर्वांचल या आसपास के क्षेत्रों का सबसे बड़ा लोकपर्व छठ इस बार कुछ अलग होगा. आम तौर पर नदी, तालाब के तट पर समूह में छठव्रती छठ पूजा करते हैं लेकिन बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अब भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग बरत रहे है, लिहाजा से नजारा कुछ बदला हुआ तो रहेगा लेकिन पर्व के हर्षोल्लास में कोई कमी नहीं दिखेगी. खैर, यह सूर्योपासना का पर्व सदियों से चला आ रहा है लिहाजा पर्व तो मनाया ही जाएगा लेकिन कुछ अलग ढंग से. हालांकि छठ का त्योहार आते ही देश के विभिन्न हिस्सों में लोग यह सवाल पूछने लग जाते हैं कि आखिर छठ क्यों मनाया जाता है? यह पर्व कब से मनाया जा रहा है और इसकी सर्वव्यापकता का राज क्या है?
लापता लड़कियां और मानव तस्करी
देश में न सिर्फ बेटियों की संख्या कम है बल्कि उनके लापता होने के आंकड़े भी बेटों से ज्यादा चिंताजनक स्तर तक पहुंच गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि लापता लड़कियों को बाल मजदूरी, वेश्यावृत्ति की ओर धकेला जा रहा है.
भारत की मुश्किलें बढ़ा सकता है, चीन का नया सीमा कानून?
भारत अब तक ये सोच रहा था कि चीन के साथ सीमा विवाद को बातचीत से हल कर लिया जाएगा. लेकिन चीन ने 'सीमा विवाद' को अपनी 'संप्रभुता' से जोड़ कर इसका स्तर काफी ऊंचा कर दिया है. अब बातचीत से पूरे मामले का हल नहीं होगा. अब हल केवल 'चीन की शों पर ही निकलेगा.
बीजेपी में अप्रसांगिक होते जा रहे हैं मेनका-वरुण
भारतीय जनता पार्टी के लिए उसके युवा सांसद वरूण गांधी 'गले की फांस बनते जा रहे हैं. वरूण गांधी लगातार मोदी-योगी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.खासकर किसानों को लेकर वरूण अपनी ही पार्टी की सरकारों से जबाव तलब करने में लगे हैं.
क्या तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच सुलह करा पाएंगे लालू?
लालू प्रसाद यादव के समर्थक लगभग तीन सालों तक बिहार की राजनीतिक जमीन से अदृश्य रहे अपने नेता की एक झलक पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसी संघर्ष में उनके बेटे तेज प्रताप यादव भी शामिल थे, जो किसी तरह एयरपोर्ट पर अपने पिता तक पहुंचना चाह रहे थे. बकौल तेज प्रताप यादव, उन्हें अपने पिता से मिलने के लिए काफी हाथापाई का सामना करना पड़ा.
क्या करे आमजन
आज की राजनीति ने देश के हर नागरिक को चिंता की नदी में धकेल दिया है. प्रायः देखा गया है कि पूरे का पूरा मौहल्ला एक गुण्डे से डरता है और मौहल्ले के लोग उससे बच-बच कर चलते हैं, उसकी हर नाजायज बात मजबूरी में मानते हैं.
भारतीय आईटी कंपनियों की कामयाबी के पीछे का सच
माफ करें, पर यह सच है कि अब भारत में सकारात्मक खबरों को लेकर कोई बहुत चर्चा ही नहीं होती. वैसी खबरें कभी कभी सामने आती हैं और फिर गायब हो जाती है. अब नेगटिव समाचारों पर अतिरिक्त रूप से फोकस देने का सिलसिला चालू हो गया है और सच कहें तो बढ़ता ही चला जा रहा है. इसका एक उदाहरण लें.
आदि' वासी! अनंत
महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन (पहाड़ पर रहने वाले लोग) से संबोधित किया था. दरअसल, आदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और 'वासी से मिल कर बना है जिसका अर्थ 'मूल निवासी' होता है.
बीमारियों की सौगात परोस रहा है वायु प्रदूषण
दुनियाभर में वायु प्रदूषण के खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं. वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है, यहां तक कि लोगों की आयु घटने का भी एक बड़ा कारण बनकर उभर रहा है.
बेटे के बिगड़ने का जिम्मेदार कौन?
शाहरुख खान के पुत्र आर्यन को क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के मामले में हिरासत में लिए जाने के बाद कई तरह की बातें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान ने अपने बेटे आर्यन खान का लालन-पालन सही से नहीं किया जिससे कि वह एक बेहतर नागरिक बन कर उभरता. बेशक, इस तरह की चर्चा करना फिलहाल सही नहीं है.
किस्सा कुर्सी का
आज से लगभग तीन वर्ष पूर्व संपन्न मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं के चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस की प्रचंड विजय ने डेढ़ दशकों से सत्तारूढ भाजपा को स्तब्ध कर दिया था.
कोयला संकट के चलते गहरा रहा है बिजली संकट
देश के विभिन्न राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट गहराता जा रहा है.
डिग्री के साथ-साथ स्किल का होना भी जरूरी
भारत में कॉलेज और यूनिवर्सिटीज तो पर्याप्त संख्या में हैं, लेकिन इनमें से कइयों की हालत ठीक नहीं है और वहां पर सीटों की भी कमी है.
पर्व, पर्यावरण और प्रदूषण
पटाखों से होने वाला प्रदूषण भले ही अस्थायी प्रकृति का होता है लेकिन उसे और अधिक हानिकारक बना देता है. औद्योगिक इलाकों की हवा में विभिन्न मात्रा में राव, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और अनेक हानिकारक तथा विषैली गैसें और विषाक्त कण होते हैं. इन इलाकों में पटारवे फोड़ने से प्रदूषण की गंभीरता तथा होने वाले नुकसान का स्तर कुछ दिनों के लिए बहुत अधिक बढ़ जाता है. महानगरों में वाहनों के ईंधन से निकले धुएं के कारण सामान्यतः प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक होता है.
नशे की खान बनता जा रहा हैं हिंदी सिनेमा उद्योग!
अभी हिंदी सिनेमा के बादशाह की उपाधी से सुसज्जित किंग खान, शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान व अनेक प्रख्यात लोगों के पुत्र एक क्रूज पर होने वाली पार्टी में नशे के आरोप में गिरफ्तार किये गये. इस पर खूब चर्चा भी हुई.
चल गया जादू
लोकसभा चुनाव 2019 में मिली अभूतपूर्व सफलता के बाद भाजपा के कई बड़े नेताओं ने पश्चिम बंगाल में अपना डेरा जमा लिया था. चुनाव प्रचार में भी टीएमसी मुखिया के सामने भाजपा के स्टार प्रचारकों की फौज शामिल रही. विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया. लेकिन, इनमें से कोई भी नेता ममता बनर्जी के 'कद' को चुनौती देने लायक नहीं बन पाया.
गांधी फैमली को बीजेपी राज में ही क्यों नजर आता है खोट
कॉग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा लखीमपुर खीरी में हुई घटना को योगी सरकार के खिलाफ अधिक से अधिक तूल देना चाहती हैं ताकि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.
ऑनलाइन सुरक्षा के मामले में लिंग विभाजन चिंताजनक....
आए दिन हम सभी किसी न किसी दिवस विशेष का हिस्सा बनते, लेकिन क्या वह दिवस अपने सकल उद्देश्यों को प्राप्त कर पाता है?