मोदी का असर बरकरार, राहुल की पकड़ मजबूत
India Today Hindi|September 04, 2024
आम चुनाव, 2024 अपवाद नहीं थे, हमारे देश का मिज़ाज जनमत सर्वेक्षण में लोगों ने कुछ शर्तों के साथ नरेंद्र मोदी राज की निरंतरता पर ही मुहर लगाई, जबकि राहुल गांधी की पकड़ हुई मजबूत -
राज चेंगप्पा
मोदी का असर बरकरार, राहुल की पकड़ मजबूत

भारत के केवल तीन प्रधानमंत्री माउंट 3.0 - यानी सत्ता में तीसरे कार्यकाल के दुर्लभ शिखर - की ऊंचाई पर पहुंचे. पहले दो जवाहरलाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा गांधी को अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान भारी उथल-पुथल का सामना करना पड़ा और वे अपना तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. नेहरू तीसरे कार्यकाल की शुरुआत गंभीर भूल कर बैठे जब भारतीय सशस्त्र बलों को 1962 में सरहद पर चीन के हाथों अपमानजनक हार झेलनी पड़ी. उनकी छवि और विश्वसनीयता को जबरदस्त चोट पहुंची और कार्यकाल खत्म होने से तीन साल पहले 1964 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी जीवनलीला का अंत हुआ.

उनके विपरीत इंदिरा लगातार तीसरा कार्यकाल नहीं जीत पाईं; दो कार्यकाल पूरे करने के बाद 1977 के आम चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा, जबकि उनके दूसरे कार्यकाल पर 1975 में उन्हीं के हाथों थोपे गई इमरजेंसी की कालिख पुती थी. अलबत्ता, जनता पार्टी का प्रयोग नाकाम होने के बाद 1980 में वे फिर धमाके के साथ सत्ता में लौटीं, लेकिन जल्द ही पंजाब में उग्रवाद से निबटते वक्त फिर जबरदस्त दुश्वारियों से घिर गईं. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए जून 1984 में उन्होंने ऑपरेशन ब्लूस्टार शुरू किया और उनके नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले को खत्म करवा दिया. मगर इसकी कीमत अपनी जान से चुकाई जब चार महीने बाद उनके अपने सिख पहरेदारों ने उनकी हत्या कर दी.

Denne historien er fra September 04, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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