वर्ष के आखिरी महीने दिसंबर में बेंगलूरू के विधान सौध में तैनात सरकारी अधिकारी और उनके विभाग यहां से 500 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित बेलगावी में दो सप्ताह के प्रवास के लिए सामान पैक करना शुरू कर देते हैं. बेलगावी स्थित सुवर्ण विधान सौध कर्नाटक के आलीशान सचिवालय की प्रतिकृति है और यहीं पर राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आयोजन होता है. 6 दिसंबर यानी सदन परिवर्तन से पूर्व आखिरी शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री सिद्धरामैया बेंगलूरू में अपने आवास पर बैठकों में व्यस्त थे. दरअसल, वे सदन में भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष से मुकाबले की रणनीति बनाने में व्यस्त थे. एक दिन पहले ही उन्होंने जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के गढ़ हासन में विशाल रैली के साथ अपनी सियासी ताकत प्रदर्शित की थी. मुख्य बात यह है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस हालिया विधानसभा उपचुनावों में अपनी क्लीन स्वीप से बढ़ी ताकत का लाभ उठाने में जुटी है. सिद्धरामैया के लिए मौजूदा समय में यह जीत बेहद जरूरी थी.
Denne historien er fra December 25, 2025-utgaven av India Today Hindi.
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मिले सुर मेरा तुम्हारा
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भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
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सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
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हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
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बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
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