बेजोड़ पिस्तौलबाज बिंदास लड़की
India Today Hindi|October 30, 2024
पेरिस 2024 मनु भाकर के लिए ओलंपिक पदक के मायने में ही अहम नहीं, टोक्यो 2020 की हार का भूत भगाने के लिए भी खास, एक चैंपियन के नए सिरे से जाग उठने की प्रेरणादायक सच्ची कहानी -
सुहानी सिंह
बेजोड़ पिस्तौलबाज बिंदास लड़की

मध्य 2023 की गर्मियों की एक शाम. नई दिल्ली में खान मार्केट के स्टारबक्स में मनु भाकर अपने पूर्व कोच और मेंटोर जसपाल राणा के साथ दिल से दिल की बात करने के लिए बैठी थीं. तकरीबन दो साल में यह उनकी पहली मुलाकात थी. देरी से हुए 2020 के टोक्यो ओलंपिक से ठीक पहले उनके बीच काफी कटुता भर गई, जिसकी खेल हलकों में खासी चर्चा थी. उस वक्त वे 10मी एयर पिस्टल में दुनिया में दूसरे नंबर की निशानेबाज थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि राणा उन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. राणा तब राष्ट्रीय पिस्टल टीम के कोच थे और उन्होंने कहा कि वे उनकी अकेली प्राथमिकता नहीं थीं. उनका यह भी कहना था कि मनु ने टोक्यो खेलों में तीन के बजाए केवल दो मुकाबलों में हिस्सा लिया. उस ओलंपिक में मनु ऊंची उम्मीदों का बोझ नहीं सह पाईं और अबूझ ढंग से डगमगा गईं. खेलों से तीन महीने पहले रुखाई से हटा दिए गए राणा ने टोक्यो में भारतीय टीम के फीके प्रदर्शन का काफी दोष और गुस्सा अपने सिर पर ले लिया. भारतीय निशानेबाजी जत्था टोक्यो से एक भी पदक लिए बिना जो लौटा था.

Denne historien er fra October 30, 2024-utgaven av India Today Hindi.

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