चौकसी बरतने में चूक
India Today Hindi|December 25, 2025
खासे ऊहापोह वाली स्थिति थी कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ देने के लिए ब्याज दरें घटाई जाएं या महंगाई पर काबू पाने के लिए जस की तस रखें.
एम. जी. अरुण
चौकसी बरतने में चूक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दरों में कटौती के खिलाफ 4-2 से फैसला किया. इसका मतलब था कि रेपो रेट यानी व्यावसायिक बैंकों के आरबीआइ से कर्ज उठाने की ब्याज दर 6.5 फीसद पर बनी रहेगी. 6 दिसंबर को एमपीसी की बैठकों के बाद आरबीआई गवर्नर के नाते अपनी आखिरी प्रेस वार्ता में दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक अपने चार्टर के अनुसार, "विकास पर जोर देने के साथ महंगाई पर काबू रखने के उपाय पर खास ध्यान देगा." दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हुआ और अब 1990 बैच के आइएएस अधिकारी तथा केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को आरबीआइ का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है.

दास के पास गवर्नर के रूप में एमपीसी में वीटो पावर था, इसलिए उन्होंने दो साल पहले के अपने सख्त रुख को बनाए रखने का फैसला किया, जब महंगाई की वजह से खपत में कटौती दिखी थी. उनका पक्का विश्वास था कि ब्याज दरों को ऊंचा रखकर महंगाई की दर कम करने से लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा आएगा, जिससे मांग और विकास को बढ़ावा मिलेगा.

लेकिन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण शर्तिया यह नहीं सुनना चाहते थे क्योंकि दोनों ने सार्वजनिक रूप से वही कहा था जिसे कई लोग नरेंद्र मोदी सरकार की ख्वाहिश बताते हैं, यानी विकास रफ्तार बढ़ाने के लिए ब्याज दरों को घटाया जाए.

हालांकि, आरबीआइ ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार अंकों की कटौती की है. सीआरआर वह होता है, जो किसी व्यावसायिक बैंक को अपनी कुल जमाराशि के मुकाबले केंद्रीय बैंक के पास नकदी सुरक्षित रखनी होती है. यह महामारी से पहले के 4 फीसद के बराबर है. इससे बैंकिंग प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपए की नकदी आ जाएगी, जिससे बैंकों की औद्योगिक और खुदरा ग्राहकों को उधार देने की क्षमता बढ़ेगी.

Denne historien er fra December 25, 2025-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra December 25, 2025-utgaven av India Today Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA INDIA TODAY HINDISe alt
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 mins  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 mins  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 mins  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 mins  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 mins  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 mins  |
December 25, 2025